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पृष्ठ
पंक्ति
१३७ २५
१३९
२०
१४४ २५
१४९ ७
१५७
- अपज्जता
- परियट्ट
अपज्जताणं
२१ इत्थवेदेसु
१५८
२६ वुंसयवेदे
१६८ २३ कालानुयोगद्वार
१७९
१८४
१९१
१९२ १६
१९५
१०
१९९ १३
११
१६
१
२०३
२१४
२१७
२१७
२२०
२२०
५,
२३०
२३१
२३१
२२१ १६ २२३ ७
२८ अन्तर्मुहूर्त तीन
२४ सागरोपमाणि
२५ - पुंधत्ते
२२३ २५
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अशुद्ध पाठ
छह ( सूत्र ३९ के अनुसार )
और अयोगि.
इत्थवेदेसु अपगतयोगियों में
जोवोंकी
- सामगानंतरं
सम्मग्मिथ्यात्व
१५, १८ सद्स्थारूप
७ वादेण पंचिंदियपज्जत्तएसु
९
अनुवाद से पंचेन्द्रियपर्याप्तकों में
भाओ
- शुद्धिसंजदेसु
चार भावोंकी
छक्खंडागम
२३१
२३२ ३, ५, ८, ११ चार तिर्यंचों में १७ संजदासंज्जद
२४०
पज्जत- तिरिक्खपंचिंदियजोणिणीसु
२८ सामन्य
शुद्ध पाठ
छह (सूत्र ३९ की धवला टीकाके अनुसार)
अपज्जत्ता
- परिय
- अपज्जत्ताणं
इथिवेद
वेद
कालानुयोगद्वार
अन्तर्मुहूर्त्त कमी सागरोवमाणि
- पुधत्तेण
और योगि..
इत्थवेदसु
अपगतवेदियों में
जीवोंकी
- सामगाणमंतरं
सम्यग्मिथ्यात्व
२५ अखंसेज्जगुणा
४ सम्य मिथ्यादृष्टि
१७ तिरिक्खपंचिंदिय-तिरिक्खपंचिंदिय तिरिक्ख-पंचिदियतिरिक्ख पंचिंदिय
पज्जत्ततिरिक्ख-पंचिदियजोणिणीसु
सदवस्थारूप
- वादेण पंचिंदिय-पंचिंदियपज्जत्तएस अनुवाद से पंचेन्द्रिय और पंचेन्द्रिय
पर्याप्तकों में
भावो
- सुद्धिसंजदेसु
चार गुणस्थानवर्ती जीवोंके भावोंकी
असंखेज्जगुणा
सम्यग्मिथ्यादृष्टि
सामान्य
चार प्रकारके तिर्यंचों में संजदासंजद
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