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छ+ खंडागमे यणाखंड
[ ४, २, १३, २८५
जस्स णाणावरणीयवेणा खेत्तदो जहण्णा तस्स सत्तण्णं कम्माणं वेयणा खेत्तदो किं जहण्णा अण्णा १ ।। २८५ ।। जहण्णा ॥ २८६ ॥
जिसके ज्ञानावरणीयकी वेदना क्षेत्रकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके शेष सात कर्मोकी वेदना उस क्षेत्रकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य : ॥ २८५ ॥ वह उसके जघन्य होती है ॥ २८६ ॥
एवं सत्तणं कम्माणं ॥ २८७ ॥
इसी प्रकार शेष सात कर्मोंकी भी प्रकृत प्ररूपणा जाननी चाहिये ॥ २८७ ॥ जस्स णाणावरणीयवेयणा कालदो जहण्णा तस्स दंसणावरणीय अंतरायवेयणा कालदो किं जहण्णा अजहण्णा ? ।। २८८ || जहण्णा ।। २८९ ।।
जिसके ज्ञानावरणीयकी वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके दर्शनावरणीय और अन्तरायकी वेदना कालकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ २८८ ॥ वह उसके जघन्य होती है ॥ २८९ ॥
तस्स वेयणीय- आउअ णामा - गोदवेयणा कालदो किं जहण्णा अजहण्णा १ ।। २९० ॥ णियमा अजहण्णा असंखेज्जगुणन्भहिया ।। २९१ ॥
उसके वेदनीय, आयु, नाम और गोत्रकी वेदना कालकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ।। २९० ।। उसके वह अजघन्य होकर असंख्यातगुणी अधिक होती है ।। २९१ ॥ तस्स मोहणीयणा कालदो जहणिया णत्थि ॥ २९२ ॥
उसके मोहनीयकी वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य नहीं होती है ॥ २९२ ॥
एवं दंसणावरणीय अंतराइयाणं ।। २९३ ।।
इसी प्रकार दर्शनावरण और अन्तरायकी भी प्रकृत प्ररूपणा जाननी चाहिये || २९४ ॥ जस्स वेयणीयवेणा कालदो जहण्णा तस्स णाणावरणीय दंसणावरणीय मोहणीयअंतरायाणं वेणा कालदो जहणिया णत्थि ॥ २९४ ॥
जिसके वेदनीयकी वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य होती है उसके ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, मोहनीय और अन्तरायकी वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य नहीं होती है ॥ २९४ ॥ तस्स आउअ - णामा - गोदवेयणा कालदो किं जहण्णा अजहण्णा १ ।। २९५ जहण्णा ।। २९६ ॥
उसके आयु, नाम और गोत्रकी वेदना कालकी अपेक्षा क्या जघन्य होती है या अजघन्य ? ॥ २९५ ॥ उसके उक्त आयु आदिकी वेदना कालकी अपेक्षा जघन्य होती है ॥ २९६ ॥ एवमाउअ - णामा - गोदाणं ॥ २९७ ॥
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