Book Title: Shatkhandagam
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, 
Publisher: Walchand Devchand Shah Faltan

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Page 904
________________ ५, ५, ६१४ ] बंधणाणियोगद्दारे चूलिया [ ७७९ णिरंतर समयवक्कमणकालविसेसो असंखेज्जगुणो ।। ५९१ ।। सांतरणिरंतरवक्कमणकालविसेस विसेसाहिओ || ५९२ ।। जहण्णपदेण सव्वत्थोवा सांतरवक्कमणसव्वजहण्णकालो ।। ५९३ ।। उक्कस्सपदेण उक्कस्सओ सांतरसमयवक्कमणकालो विसेसाहिओ || ५९४ || जहण्णपदेण जहण्णगो णिरंतरवक्कमणकालो असंखेज्जगुणो ।। ५९५ ।। उक्कस्सपदेण उक्कस्सओ निरंतर वक्कमणकालो विसेसाहिओ ।। ५९६ ।। जहण्णपदेण सांतरणिरंतरवक्कमणसव्वजहण्णकालो विसेसाहिओ ।। ५९७ ।। उक्कस्सपदेण सांतरणिरंतरवक्कमणकालो विसेसाहिओ ।। ५९८ ।। सव्वत्थोवो सांतरवक्कमणकालविसेसो || ५९९ ।। निरंतरवक्कमणकाल विसेसो असंखेज्जगुणो ॥ ६०० ।। सांतरणिरंत रक्कमणकालविसेसो विसेसाहिओ ॥ ६०१ ॥ जहण्णपदेण सांतरसमयवक्कमणकालो असंखेज्जगुणो ।। ६०२ ।। उक्कस्सपदेण मांतरसमयवक्कमणकालो विसेसाहिओ ।। ६०३ || जहण्णपदेण निरंतर समयवक्कमणकालो असंखेज्जगुणो || ६०४ ॥ उक्कस्सपदेण निरंतरसमयवक्कमणकालो विसेसाहिओ ।। ६०५ ।। जहण्णपदेण सांतरणिरंतरवक्कमणकालो विसेसाहिओ || ६०६ ।। उक्कस्सपदेण सांतरणिरंतरवक्कमणकालो विसेसाहिओ || ६०७ ।। उक्कस्सयं वक्कमणंतरमसंखेज्जगुणं ।। ६०८ || अवक्कमणकालविसेसो असंखेज्जगुणो || ६०९ ।। पबंधणकालविसेसो विसेसाहिओ ||६१०|| जहण्णपदेण जहण्णओ अवक्कमणकालो असंखेज्जगुणो ॥ ६११ ॥ जहण्णपदेण जहण्णओ पबंधणकालो विसेसाहिओ ।। ६१२ ।। उक्कस्सपदेण उक्कस्सओ अवक्कमणकालो विसेसाहिओ ।। ६१३ ।। उक्कस्सपदेण उक्कस्सओ पबंधणकालो विसेसाहिओ ।। ६१४ ।। उससे निरन्तर समयमें उपक्रमकाल विशेष असंख्यातगुणा है ॥ ५९१ ॥ उससे सान्तरनिरन्तर उपक्रमण कालविशेष विशेष अधिक है ॥ ५९२ ॥ जघन्य पदकी अपेक्षा सान्तर उपक्रमणका सबसे जघन्य का सबसे स्तोक है ॥ ५९३ ॥ उससे उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा उत्कृष्ट सान्तर समय उपक्रमणकाल विशेष अधिक है ।। ५९४ ॥ उससे जघन्य पदकी अपेक्षा जघन्य निरन्तर उपक्रमणकाल असंख्यातगुणा है ।। ५९५ ।। उससे उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा निरन्तर उपक्रमण काल विशेष अधिक है ॥ ५९६ ॥ उससे जघन्य पदकी अपेक्षा सान्तर - निरन्तर उपक्रमणकाल विशेष अधिक है ।। ५९७ ॥ उससे उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा सान्तर - निरन्तर उपक्रमणकाल विशेष अधिक है। ॥ ५९८ ॥ सान्तर उपक्रमणकाल विशेष सबसे स्तोक है ॥ ५९९ ॥ निरन्तर उपक्रमणकालविशेष असंख्यातगुणा है ॥ ६०० ॥ सान्तर - निरन्तर उपक्रमणकालविशेष विशेष अधिक है ॥ ६०१ ॥ जघन्य पदकी अपेक्षा सान्तर समय उपक्रमणकाल असंख्यातगुणा है ॥ ६०२ ॥ उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा सान्तरसमय उपक्रमणकाल विशेष अधिक है || ६०३ ॥ जघन्य पदकी अपेक्षा निरन्तर समय उपक्रमणकाल असंख्यातगुणा है || ६०४ ॥ उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा निरन्तरसमय उपक्रमणकाल विशेष अधिक है || ६०५ ॥ जघन्य पदकी अपेक्षा सान्तर - निरन्तर उपक्रमणकाल विशेष अधिक है। ॥ ६०६ ॥ उत्कृष्ट पदकी अपेक्षा सान्तर - निरन्तर उपक्रमणकाल विशेष अधिक है || ६०७ ॥ उत्कृष्ट Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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