Book Title: Shatkhandagam
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, 
Publisher: Walchand Devchand Shah Faltan

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Page 919
________________ छक्खंडागमे वग्गणा-खंड [ ५, ६, ७९१ मणदव्ववग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९१॥ मनोद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९१ ॥ भासादव्ववग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९२ ॥ भाषाद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९२ ॥ तेजासरीरदव्ववग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९३ ॥ तेजसशरीरद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९३ ॥ आहारसरीरदव्ववग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९४ ॥ आहारकशरीरद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९४ ॥ वेउव्वियसरीरदबवग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९५ ॥ वैक्रियिकशरीरद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९५ ॥ ओरालियसरीरदव्यवग्गणाओ ओगाहणाए असंखेज्जगुणाओ ॥ ७९६ ॥ औदारिकशरीरद्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७९६ ॥ जं तं बंधविहाणं तं चउब्विहं- पयडिबंधो द्विदिबंधो अणुभागबंधो पदेसबंधो चेदि ॥ ७९७ ॥ जो वह बन्धविधान है वह चार प्रकारका है- प्रकृतिबन्ध, स्थितिबन्ध, अनुभागबन्ध और प्रदेशबन्ध ॥ ७९७ ॥ ॥ इस प्रकार बन्धन-अनुयोगद्वार समाप्त हुआ ॥ ६ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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