Book Title: Shatkhandagam
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, 
Publisher: Walchand Devchand Shah Faltan

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Page 918
________________ ५, ६, ७९० ] बंधणाणियोगद्दारे चूलिया [ ७९३ पंचवण्णाओ ।। ७७५ ।। पंचरसाओ ।। ७७६ ।। दुगंधाओ || ७७७ ॥ चदुफासाओ ।। ७७८ । वे तैजसशरीर-द्रव्यवर्गणायें पांच वर्णवाली होती हैं ।। ७७५ ॥ पांच रसवाली होती हैं। ॥ ७७६ ॥ दो गन्धवाली होती हैं || ७७७ ॥ तथा चार स्पर्शवाली होती हैं ॥ ७७८ ॥ भासा-मण-कम्मइयसरीरदव्ववग्गणाओ पदेसट्टदाए अनंताणंतपदे सियाओ ।। ७७९॥ भाषा-द्रव्यवर्गणायें, मनोद्रव्यवर्गणायें और कार्मणशरीर - द्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा अनन्तानन्त प्रदेशवाली होती हैं ।। ७७९ ॥ पंचवण्णाओ || ७८० || पंचरसाओ ।। ७८१ ।। दुगंधाओ ।। ७८२ ॥ चदुफासाओ ।। ७८३ ॥ उक्त तीनों वर्गणायें पांच वर्णवाली होती हैं ॥ ७८० ॥ पांच रसवाली होती हैं ॥ ७८१ ॥ दो गन्धवाली होती हैं ॥ ७८२ ॥ तथा चार स्पर्शवाली होती हैं ॥ ७८३ ॥ अप्पा बहुगं दुविहं - पदेस - अप्पा बहुअ चेव ओगाहण - अप्पा बहुअं चेव ।। ७८४ ॥ अल्पबहुत्व दो प्रकारका है- प्रदेश - अल्पबहुत्व और अवगाहना - अल्पबहुत्व ॥ ७८४ ॥ पदेस - अप्पा हुए ति सव्वत्थोवाओ ओरालियसरीरदव्ववरगणाओ पदेसट्टदाए ॥ प्रदेश- अल्पबहुत्व के अनुसार औदारिकशरीर द्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा सबसे स्तोक ।। ७८५ ।। वेउव्वियसरीरदब्बवग्गणाओ पदेसदार असंखेज्जगुणाओ ।। ७८६ ।। वैक्रियिकशरीर-द्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७८६ ॥ आहारसरीरदव्ववग्गणाओ पदेसदार असंखेज्जगुणाओ || ७८७ ॥ आहारकशरीर-द्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा असंख्यातगुणी हैं ॥ ७८७ ॥ तेजासरीरदव्ववग्गणाओ पदेसदाए अनंतगुणाओ ॥ ७८८ ॥ तैजसशरीर - द्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा अनन्तगुणी हैं ॥ ७८८ ॥ भासा -मण-कम्मइयसरीरदव्ववग्गणाओ पदेसदाए अनंतगुणाओ ।। ७८९ ॥ भाषाद्रव्यवर्गणायें, मनोद्रव्यवर्गणायें और कार्मणशरीरद्रव्यवर्गणायें प्रदेशार्थताकी अपेक्षा अनन्तगुणी हैं ॥ ७८९ ॥ ओगाहण - अप्पा बहुए ति सव्वत्थोवाओ कम्मइयसरीरदव्ववग्गणाओ ओगाहणाए । अवगाहनाअल्पबहुत्व के अनुसार कार्मणशरीर द्रव्यवर्गणायें अवगाहनाकी अपेक्षा सबसे स्तोक हैं ॥ ७९० ॥ छ. १०० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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