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६८६ ] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[४, २, १६, ९ दसणावरणीयस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ॥९॥ दर्शनावरणीयकी प्रकृतियां उनसे असंख्यातगुणी है ॥९॥ णाणावरणीयस्स कम्मस्स पयडीओ विसेसाहियाओ ॥ १० ॥ ज्ञानावरणीयकी प्रकृतियां उनसे विशेष अधिक हैं ॥ १० ॥ समयपबद्धट्टदाए सव्वत्थोवा आउअस्स कम्मस्स पयडीओ ॥ ११ ॥ समयप्रबद्धार्थताकी अपेक्षा आयु कर्मकी प्रकृतियां सबसे स्तोक हैं ॥ ११ ॥ गोदस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ॥ १२ ॥ गोत्र कर्मकी प्रकृतियां उनसे असंख्यातगुणी हैं ॥ १२ ॥ वेयणीयस्स कम्मस्स पयडीओ विसेसाहियाओ ॥ १३ ॥ वेदनीय कर्मकी प्रकृतियां उनसे विशेष अधिक हैं ॥ १३ ॥ अंतराइयस्स कस्मस्स पयडीओ संखेज्जगुणाओ ॥ १४ ॥ अन्तराय कर्मकी प्रकृतियां उनसे संख्यातगुणी हैं ॥ १४ ॥ मोहणीयस्स कम्मस्स पयडीओ संखेज्जगुणाओ॥ १५ ॥ मोहनीय कर्मकी प्रकृतियां उनसे संख्यातगुणी हैं ॥ १५ ॥ णामस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ॥ १६ ॥ नामकर्मकी प्रकृतियां उनसे असंख्यातगुणी हैं ॥ १६ ॥ दंसणावरणीयस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ॥ १७ ॥ दर्शनावरणीय कर्मकी प्रकृतियां उनसे असंख्यातगुणी हैं ॥ १७ ॥ णाणावरणीयस्स कम्मस्स पयडीओ विसेसाहियाओ ॥१८॥ ज्ञानावरणीय कर्मकी प्रकृतियां उनसे विशेष अधिक हैं ॥ १८ ॥ खेत्तपच्चासए त्ति सव्वत्थोवा अंतराइयस्स कम्मस्स पयडीओ ॥ १९ ॥ क्षेत्रप्रत्यासकी अपेक्षा अन्तराय कर्मकी प्रकृतियां सबसे स्तोक है ॥ १९ ॥ मोहणीयस्स कम्मस्स पयडीओ संखेज्जगुणाओ ।। २० ॥ मोहनीय कर्मकी प्रकृतियां उनसे संख्यातगुणी हैं ॥ २० ॥ आउअस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ।। २१ ॥ आयु कर्मकी प्रकृतियां उनसे असंख्यातगुणी हैं ॥ २१ ॥ गोदस्स कम्मस्स पयडीओ असंखेज्जगुणाओ ॥ २२ ॥ गोत्र कर्मकी प्रकृतियां उनसे संख्यातगुणी हैं ॥ २२ ॥
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