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२, ४, २३ ]
णाणाजीवेहि भंगविचयाणुगमे भवियमग्गणा [३९३ सुहुमसांपराइयसंजदा सिया अत्थि, सिया णत्थि ॥ १६ ॥ सूक्ष्मसाम्परायिकसंयत कदाचित् होते हैं और कदाचित् नहीं भी होते हैं ॥ १६ ॥
दंसणाणुवादेण चक्खुदसणी अचक्खुदंसणी ओहिदंसणी केवलदसणी णियमा अस्थि ॥ १७ ॥
दर्शनमार्गणानुसार चक्षुदर्शनी, अचक्षुदर्शनी, अवधिदर्शनी और केवलदर्शनी जीव नियमसे हैं ॥ १७ ॥
लेस्साणुवादेण किण्हलेस्सिया णीललेस्सिया काउलेस्सिया तेउलेस्सिया पम्मलेस्सिया सुक्कलेस्सिया णियमा अत्थि ॥ १८ ॥
लेश्यामार्गणानुसार कृष्णलेश्यावाले, नीललेश्यावाले, कापोतलेझ्यावाले, तेजोलेश्यावाले पद्मलेश्यावाले और शुक्ललेश्यावाले जीव नियमसे हैं ॥ १८ ॥
भवियाणुवादेण भवसिद्धिया अभवसिद्धिया णियमा अत्थि ॥ १९ ॥ भव्यमार्गणानुसार भव्यसिद्धिक और अभव्यसिद्धिक जीव नियमसे हैं ॥ १९ ॥ सम्मत्ताणुवादेण सम्मादिट्ठी खइय-वेदगसम्माइट्ठी मिच्छाइट्ठी णियमा अत्थि ॥
सम्यक्त्वमार्गणानुसार सम्यग्दृष्टि, क्षायिकसम्यग्दृष्टि, वेदकसम्यग्दृष्टि और मिथ्यादृष्टि, जीव नियमसे हैं ॥ २० ॥
उवसमसम्माइट्ठी सासणसम्माइट्ठी सम्मामिच्छाइट्ठी सिया अत्थि सिया णत्थि ॥ २१ ॥
उपशमसम्यग्दृष्टि, सासादनसम्यग्दृष्टि और सम्यग्मिथ्यादृष्टि कदाचित् होते हैं और कदाचित् नहीं भी होते हैं ॥ २१ ॥
सणियाणुवादेण सण्णी असण्णी णियमा अस्थि ।। २२ ॥ संज्ञीमार्गणानुसार संज्ञी और असंज्ञी जीव नियमसे हैं ॥ २२ ॥ आहाराणुवादेण आहारा अणाहारा णियमा अस्थि ॥ २३ ॥ आहारमार्गणानुसार आहारक और अनाहारक जीव नियमसे हैं ॥ २३ ॥
॥ नाना जीवोंकी अपेक्षा भंगविचय समाप्त हुआ ॥ ४ ॥
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