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४५२ ] छक्खंडागमे खुद्दाबंधो
[ २, ११, ३४ असंखेज्जगुणा ॥३४॥ सुहुमेइंदियपज्जत्ता संखेज्जगुणा ॥३५॥ सुहुमेइंदिया विसेसाहिया ॥ ३६ ॥ एइंदिया विसेसाहिया ॥ ३७॥
चतुरिन्द्रिय पर्याप्त सबसे स्तोक हैं ॥ २२ ॥ चतुरिन्द्रिय पर्याप्तोंसे पंचेन्द्रिय पर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥ २३ ॥ पंचेन्द्रिय पर्याप्तोंसे द्वीन्द्रिय पर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥२४॥ द्वीन्द्रिय पर्याप्तोंसे त्रीन्द्रिय पर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥ २५ ॥ त्रीन्द्रिय पर्याप्तोंसे पंचेन्द्रिय अपर्याप्त असंख्यातगुणे हैं ॥ २६ ॥ पंचेन्द्रिय अपर्याप्तोंसे चतुरिन्द्रिय अपर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥ २७ ॥ चतुरिन्द्रिय अपर्याप्तोंसे त्रीन्द्रिय अपर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥ २८ ॥ त्रीन्द्रिय अपर्याप्तोंसे द्वीन्द्रिय अपर्याप्त विशेष अधिक हैं ॥ २९ ॥ द्वीन्द्रिय अपर्याप्तोंसे अनिन्द्रिय अनन्तगुणे हैं ॥ ३०॥ अनिन्द्रियोंसे बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त अनन्तगुणे हैं ॥ ३१ ॥ बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तोंसे बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त असंख्यातगुणे हैं ॥ ३२ ॥ बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तोंसे बादर एकेन्द्रिय विशेष अधिक हैं ॥ ३३ ॥ बादर एकेन्द्रियोंसे सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त जीव असंख्यातगुणे हैं ॥ ३४ ॥ सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तोंसे सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त संख्यातगुणे हैं ॥ ३५॥ सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तोंसे सूक्ष्म एकेन्द्रिय विशेष अधिक हैं ॥ ३६ ॥ सूक्ष्म एकेन्द्रियोंसे एकेन्द्रिय जीव विशेष अधिक हैं ॥ ३७॥
कायाणुवादेण सव्वत्थोवा तसकाइया ॥३८॥ तेउकाइया असंखेज्जगुणा ॥३९॥ पुढविकाइया विसेसाहिया ॥४०॥ आउक्काइया विसेसाहियाः ॥४१॥ वाउकाइया विसेसाहिया ॥ ४२ ॥ अकाइया अणंतगुणा ॥४३॥ वणप्फदिकाइया अणंतगुणा ॥४४॥
कायमार्गणाके अनुसार त्रसकायिक जीव सबसे स्तोक हैं ॥ ३८ ॥ त्रसकायिकोंसे तेजकायिक जीव असंख्यातगुणे है ॥३९॥ तेजकायिकोंसे पृथिवीकायिक जीव विशेष अधिक हैं ॥४०॥ पृथिवीकायियोंसे अप्कायिक जीव विशेष अधिक हैं ॥ ४१ ॥ अप्कायिकोंसे वायुकायिक जीव विशेष अधिक हैं ॥ ४२ ॥ वायुकायिकोंसे अकायिक जीव अनन्तगुणे हैं ॥४३॥ अकायिकोंसे वनस्पतिकायिक जीव अनन्तगुणे हैं ॥ ४४ ॥
इसी अल्पबहुत्वको अन्य प्रकारसे भी बतलाते हैं
सव्वत्थोवा तसकाइयपज्जत्ता ॥४५॥ तसकाइय-अपज्जत्ता असंखेज्जगुणा ॥४६॥ तेउकाइय-अपज्जत्ता विसेसाहिया ॥४७॥ पुढविकाइय-अपज्जत्ता विसेसाहिया ॥४८॥ आउकाइय-अपज्जत्ता विसेसाहिया ॥ ४९ ॥ वाउक्काइय-अपज्जत्ता विसेसाहिया ॥ ५० ॥ तेउक्काइयपज्जत्ता संखेज्जगुणा ॥५१ ॥ पुढविकाइयपज्जत्ता विसेसाहिया ॥५२॥ आउकाइयपज्जत्ता विसेसाहिया ॥५३॥ वाउकाइयपज्जत्ता विसेसाहिया ॥५४॥ अकाइया अणंतगुणा ॥ ५५ ॥ वणप्फदिकाइय-अपज्जत्ता अणंतगुणा ॥ ५६ ॥ वणप्फदिकाइय-पज्जत्ता संखेज्जगुणा ॥ ५७॥ वणप्फदिकाइया विसेसाहिया ॥ ५८ ॥ णिगोदा विसेसाहिया ॥ ५९॥
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