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६६०] छक्खंडागमे वेयणाखंड
[ ४, २, १३, ७७ जस्स आउअवेयणा खेत्तदो उक्कस्सा तस्स दव्वदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ॥ __जिस जीवके आयुकी वेदना क्षेत्रकी अपेक्षा उत्कृष्ट होती है उसके वह द्रव्यकी अपेक्षा क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ? ॥ ७७ ॥
णियमा अणुक्कस्सा विट्ठाणपदिदा संखेज्जगुणहीणा वा असंखेज्जगुणहीणा वा ॥
वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट होती हुई संख्यातगुणहीन व असंख्यातगुणहीन इन दो स्थानोंमें पतित होती है ॥ ७८ ॥
__ तस्स कालदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा वा ॥ ७९ ॥ णियमा अणुक्कस्सा असंखेज्जगुणहीणा ।। ८० ॥
उसके कालकी अपेक्षा वह क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ॥ ७९ ॥ वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट और असंख्यातगुणी हीन होती है ॥ ८० ॥
तस्स भावदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ? ।। ८१ ॥ णियमा अणुक्कस्सा अणंतगुणहीणा ॥ ८२ ॥
उसके भावकी अपेक्षा वह क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ? ॥ ८१ ॥ वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट और अनन्तगुणी हीन होती है ॥ ८२ ॥
जस्स आउअवेयणा कालदो उक्कस्सा तस्स दव्वदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ? ॥ ८३ ॥ णियमा अणुक्कस्सा विट्ठाणपदिदा संखेज्जगुणहीणा वा असंखेज्जगुणहीणा वा ॥
___जिसके आयुकी वेदना कालकी अपेक्षा उत्कृष्ट होती है उसके द्रव्यकी अपेक्षा वह क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ? ॥८३॥ वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट होती हुई संख्यातगुणहीन और असंख्यातगुणहीन इन दो स्थानोंमें पतित होती है ॥ ८४ ॥
तस्स खेत्तदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ? ॥ ८५ ॥ णियमा अणुक्कस्सा असंखेज्जगुणहीणा ।। ८६ ॥
उसके क्षेत्रकी अपेक्षा वह क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ? ॥ ८५ ॥ वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट और असंख्यातगुण हीन होती है ॥ ८६ ॥
___ तस्स भावदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ? ॥ ८७॥ णियमा अणुक्कस्सा अणंतगुणहीणा ॥ ८८ ॥
उसके भावकी अपेक्षा वह क्या उत्कृष्ट होती है या अनुत्कृष्ट ? ॥ ८७ ॥ वह उसके नियमसे अनुत्कृष्ट और अनन्तगुणी हीन होती है ॥ ८८ ॥
___ जस्स आउअवेयणा भावदो उक्कस्सा तस्स दबदो किमुक्कस्सा अणुक्कस्सा ? ॥ ८९ ॥ णियमा अणुक्कस्सा तिट्ठाणपदिदा संखेज्जभागहीणा वा संखेज्जगुणहीणा वा असंखेज्जगुणहीणा वा ॥ ९० ॥
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