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४४४] - छक्खंडागमे खुद्दाबंधो
[ २, ९, ६३ सण्णियाणुवादेण सण्णि-असण्णीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि १ ॥६३॥ णत्थि अंतरं ॥ ६४ ॥ णिरंतरं ॥ ६५ ॥
संज्ञीमार्गणाके अनुसार संज्ञी व असंज्ञी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥६३ ॥ उनका अन्तर नहीं होता है ॥ ६४ ॥ वे जीवराशियां निरन्तर हैं ॥ ६५॥
आहाराणुवादेण आहार-अणाहाराणमंतरं केवचिरं कालादो होदि १ ॥६६॥ पत्थि अंतरं ॥ ६७ ॥ णिरंतरं ॥ ६८॥
आहारमार्गणाके अनुसार आहारक और अनाहारक जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ ६६ ॥ उनका अन्तर नहीं होता है ॥ ६७ ॥ वे जीवराशियां निरन्तर हैं ॥ ६८ ॥
। नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरानुगम समाप्त हुआ ॥ ९॥
१०. भागाभागाणुगमो भागाभागाणुगमेण गदियाणुवादेण णिरगदीए णेरइया सव्वजीवाणं केवडिओ भागो? ॥१॥ अणंतभागो ॥२॥
: भागाभागानुगमसे गतिमार्गणाके अनुसार नरकगतिमें नारकी जीव सर्व जीवोंकी अपेक्षा कितनेवें भाग प्रमाण हैं ? ॥ १॥ नरकगतिमें नारकी जीव सब जीवोंके अनन्तवें भाग प्रमाण हैं ॥
अनन्तवें भाग, असंख्यातवें भाग और संख्यातवें भाग इन तीनका नाम भाग; तथा अनन्त बहुभाग, असंख्यात बहुभाग और संख्यात बहुभाग इन तीनका नाम अभाग है । जिस अधिकारके द्वारा उक्त भाग और अभाग परिज्ञात किये जाते हैं उस अधिकारका नाम भागाभागानुगम है । इस अधिकारमें इनकी प्ररूपणा करते हुए यहां यह कहा गया है कि नारकी जीव सब जीवोंके अनन्तवें भाग तथा अन्य सब जीव अनन्त बहुभाग मात्र हैं ।
एवं सत्तसु पुढवीसु गेरइया ॥३॥
इसी प्रकार पृथक् पृथक् सात पृथिवीयोंमें नारकियोंके भागाभागकी प्ररूपणा करनी चाहिये ॥ ३ ॥
तिरिक्खगदीए तिरिक्खा सव्वजीवाण केवडिओ भागो? ॥४॥ अणंता भागा।
तिर्यंचगतिमें तिर्यंच जीव सर्व जीवोंके कितनेवें भाग प्रमाण हैं ? ॥ ४ ॥ वे सब जीवोंके अनन्त बहुभाग मात्र हैं ॥ ५ ॥
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