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४३४ ] छक्खंडागमे खुद्दाबंधो
[२, ७,२५० उपशमसम्यग्दृष्टियों द्वारा समुद्घात व उपपाद पदोंसे कितना क्षेत्र स्पृष्ट है ? ॥२४८॥ समुद्घात व उपपाद पदोंसे उनके द्वारा लोकका असंख्यातवां भाग स्पृष्ट है ॥ २४९ ॥
ससाणसम्माइट्ठी सत्थाणेहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? ॥ २५० ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागो । २५१ ॥ अट्ठ-चोद्दसभागा वा देसूणा ॥ २५२ ॥
__ सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने स्वस्थान पदोंसे कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? ॥ २५० ॥ सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने स्वस्थान पदोंसे लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ २५१ ॥ अथवा अतीत कालकी अपेक्षा उन्होंने कुछ कम आठ बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं ॥ २५२ ॥
समुग्धादेहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? ॥ २५३ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ २५४ ॥ अट्ठ-बारहचोदसभागा वा देसूणा ॥ २५५ ॥
सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंके द्वारा समुद्घात पदोंसे कितना क्षेत्र स्पृष्ट है ? ॥ २५३ ।। उनके द्वारा समुद्घात पदोंसे लोकका असंख्यातवां भाग स्पृष्ट है ॥२५४ ॥ अथवा, अतीत कालकी अपेक्षा उनके द्वारा कुछ कम आठ और बारह बटे चौदह भाग स्पृष्ट हैं ॥ २५५ ॥
उववादेहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? ॥२५६ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिमागो ॥२५७ ॥ एक्कारह-चोद्दसभागा देसूणा ॥ २५८ ॥
__उक्त सासादनसम्यग्दृष्टि जीवों द्वारा उपपादकी अपेक्षा कितना क्षेत्र स्पृष्ट है ? ॥२५६॥ उनके द्वारा उपपाद पदसे लोकका असंख्यातवां भाग स्पृष्ट है ॥ २५७ ॥ तथा अतीत कालकी अपेक्षा उनके द्वारा कुछ कम ग्यारह बटे चौदह भाग स्पृष्ट हैं ॥ २५८ ॥
सम्मामिच्छाइट्ठीहि सत्थाणेहि केवडियं खेतं फोसिदं ॥२५९ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ २६० ॥ अट्ठ-चोदसभागा वा देसूणा ॥ २६१॥
सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंके द्वारा स्वस्थान पदोंसे कितना क्षेत्र स्पृष्ट है ? ॥ २५९ ॥ उनके द्वारा स्वस्थान पदोंसे लोकका असंख्यातवां भाग स्पृष्ट है ॥ २६० ॥ अथवा, अतीत कालकी अपेक्षा उनके द्वारा कुछ कम आठ बटे चौदह भाग स्पृष्ट हैं ॥ २६१ ॥
समुग्धाद-उववादं णत्थि ॥२६२ ॥ सम्यग्मिध्यादृष्टि जीवोंके समुद्धात और उपपाद पद नहीं होते हैं ॥ २६२ ॥ मिच्छाइट्टी असंजदभंगो ॥२६३ ॥ मिथ्यादृष्टि जीवोंके स्पर्शनकी प्ररूपणा असंयत जीवोंके समान है ॥ २६३ ॥
सणियाणुवादेण सण्णी सत्थाणेहि केवडियं खेतं फोसिदं ? ॥ २६४ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ २६५ ॥ अट्ठ-चोदसभागा वा देसूणा फोसिदा ॥ २६६ ॥
संज्ञीमागणानुसार संज्ञी जीवोंने स्वस्थान पदोंसे कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? ॥२६४॥
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