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-२, ५, १५१ ] दव्वपमाणाणुगमे लेस्सामग्गण्णा
[ ४०५ संजदासजदा दव्वपमाणेण केवडिया?॥१३६॥ पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो॥ संयातासंयत द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १३६ ॥ पल्योपमके असंख्यात भाग हैं ।। एदेहि पलिदोवममवहिरदि अंतोमुहुत्तेण ।। १३८ ॥ उनके द्वारा अन्तर्मुहूर्तसे पल्योपम अपहृत होता है ॥ १३८ ॥ असंजदा मदिअण्णाणिभंगो ॥ १३९ ॥ असंयतोंका द्रव्यप्रमाण मति-अज्ञानियोंके समान है ॥ १३९ ।। दंसणाणुवादेण चक्खुदंसणी दयपमाणेण केवडिया ? ॥ १४०॥ असंखेज्जा ॥ दर्शनमार्गणाके अनुसार चक्षुदर्शनी द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १४० ॥ असंख्यात हैं । असंखेज्जासंखेज्जाहि ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीहि अवहिरंति कालेण ॥ १४२ ॥ चक्षुदर्शनी कालकी अपेक्षा असंख्यातासंख्यात अवसर्पिणी-उत्सर्पिणियोंसे अपहृत होते हैं । खेत्तेण चक्खुदंसणीहि पदरमवहिरदि अंगुलस्स संखेज्जदिभागवग्गपडिभाएण ॥
क्षेत्रकी अपेक्षा चक्षुदर्शनियोंके द्वारा सूच्यंगुलके संख्यातवें भागके वर्गरूप प्रतिभागसे जगप्रतर अपहृत होता है ॥ १४३ ॥
अचक्खुदंसणी असंजदभंगो ॥१४४ ॥ अचक्षुदर्शनियोंका प्रमाण असंयतोंके समान है ॥ १४४ ॥ ओहिदसणी ओहिणाणिभंगो ॥ १४५ ॥ अवधिदर्शनियोंका प्रमाण अवधिज्ञानियोंके समान है ॥ १४५ ॥ केवलदंसगी केवलणाणिभंगो ॥१४६ ॥ केवलदर्शनियोंका प्रमाण केवलज्ञानियोंके समान है ॥ १४६ ॥ लेस्साणुवादेण किण्हलेस्सिय-णीललेस्सिय काउलेस्सिया असंजदभंगो ॥ १४७॥
लेश्यामार्गणाके अनुसार कृष्णलेश्यावाले, नीललेश्यावाले और कापोतलेश्यावाले जीवोंका प्रमाण असंयतोंके समान है ॥ १४७ ॥
तेउलेस्सिया दव्वपमाणेण केवडिया?॥१४८॥ जोदिसियदेवेहि सादिरेयं ॥१४९॥ तेजोलेझ्यावाले द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ।। १४८ ॥ ज्योतिषी देवोंसे कुछ अधिक हैं ॥ पम्मलेस्सिया दव्वपमाणेण केवडिया ? ॥ १५० ॥ पद्मलेश्यावाले जीव द्रव्यप्रमाणसे कितने हैं ? ॥ १५० ।। सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिणीण संखेज्जदिभागो ॥ १५१ ॥ पद्मलेश्यावाले जीव संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यंच योनिमतियोंके संख्यातवें भाग प्रमाण हैं ।
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