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२, ६, ३१] खेवाणुगमे इंदियमग्गणा
- [ ४०९ इंदियाणुवादेण एइंदिया सुहुमेइंदिया पज्जत्ता अपज्जत्ता सत्थाणेण समुग्धादेण उववादण केवडिखेत्ते ? ॥ १८ ॥ सव्वलोगे ॥ १९ ॥
___ इन्द्रियमार्गणानुसार एकेन्द्रिय, एकेन्द्रिय पर्याप्त, एकेन्द्रिय अपर्याप्त, सूक्ष्म एकेन्द्रिय, सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त और सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त जीव स्वस्थान, समुद्घात और उपपादसे कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥१८॥ उपर्युक्त एकेन्द्रिय जीव उक्त पदोंसे सर्व लोकमें रहते हैं ॥१९॥
बादरेइंदिया पज्जत्ता अपज्जत्ता सत्थाणेण केवडिखेत्ते ? ॥ २० ॥ लोगस्स संखेज्जदिभागे ॥ २१॥
___ बादर एकेन्द्रिय, बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त और बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त स्वस्थानसे कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥२०॥ उक्त बादर एकेन्द्रिय जीव स्वस्थानसे लोकके संख्यातवें भागमें रहते हैं ॥२१॥
समुग्धादेण उववादण केवडिखेत्ते १ ।। २२ ।। सव्वलोए ॥ २३ ॥
उक्त बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त और अपर्याप्त जीव समुद्घात और उपपादसे कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥ २२ ॥ उक्त तीन बादर एकेन्द्रिय जीव समुद्घात और उपपाद पदोंसे सर्व लोकमें रहते हैं ॥ २३ ॥
बेइंदिय तेइंदिय चउरिदिय तस्सेव पज्जत्त-अपज्जत्ता सत्थाणेण समुग्घादेण उववादेण केवडिखेत्ते ? ॥ २४ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागे ॥ २५॥
द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय और इन्हीं तीनोंके पर्याप्त व अपर्याप्त जीव स्वस्थान, समुद्घात और उपपाद पदसे कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥ २४ ॥ उपर्युक्त द्वीन्द्रियादिक जीव उक्त पदोंसे लोकके असंख्यातवें भागमें रहते हैं ॥ २५ ॥
पंचिंदिय-पंचिंदियपज्जत्ता सत्थाणेण उववादेण केवडिखेत्ते ? ॥२६॥ लोगस्स असंखेज्जदिमागे ॥ २७॥
___ पंचेन्द्रिय और पंचेन्द्रिय पर्याप्त जीव स्वस्थान और उपपादसे कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥ २६ ॥ उक्त पदोंसे वे लोकके असंख्यातवें भागमें रहते हैं ॥ २७ ॥
समुग्धादण केवडिखेत्ते ? ॥ २८ ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागे असंखेज्जेसु वा भागेसु सबलोगे वा ॥ २९ ॥
पंचेन्द्रिय और पंचेन्द्रिय पर्याप्त जीव समुद्घातकी अपेक्षा कितने क्षेत्रमें रहते हैं ? ॥२८॥ समुद्घातकी अपेक्षा वे लोकके असंख्यातवें भागमें, अथवा असंख्यात बहुभागोमें अथवा सर्व लोकमें रहते हैं ॥ २९ ॥
पंचिंदिय-अपज्जत्ता सत्थाणेण समुग्घादेण उववादेण केवडिखेत्ते ? ॥ ३० ॥ लोगस्स असंखेज्जदिभागे ॥ ३१ ॥
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