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२, ३, ७९] एगजीवेण अंतराणुगमे जोगमग्गणा
[ ३८५ ओरालियकायजोगी-ओरालियमिस्सकायजोगीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि१॥
औदारिककाययोगी और औदारिकमिश्रकाययोगी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥६५॥
जहण्णेण एगसमओ ॥६६॥ उक्कस्सेण तेत्तीसं सागरोवमाणि सादिरेयाणि ॥
औदारिककाययोगी और औदारिकमिश्रकाययोगी जीवोंका जघन्य अन्तर एक समय होता है ॥ ६६ ॥ तथा उनका उत्कृष्ट अन्तर साधिक तेतीस सागरोपम काल तक होता है ॥६॥
वेउव्वियकायजोगीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि ॥ ६८॥ वैक्रियककाययोगी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ ६८ ॥ जहण्णेण एगसमओ ॥ ६९ ॥ उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जपोग्गलपरियढें ॥
वैक्रियिककाययोगी जीवोंका जघन्य अन्तर एक समय होता है ॥ ६९ ॥ तथा उनका उत्कृष्ट अन्तर असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण अनन्त काल तक होता है ॥ ७० ॥
वेउब्धियमिस्सकायजोगीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि ? ॥ ७१ ॥ वैक्रियिकमिश्रकाययोगियोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ ७१ ॥
जहण्णेण दसवाससहस्साणि सादिरेयाणि ॥७२॥ उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जपोग्गलपरियढें ॥ ७३ ॥
वैक्रियिकमिश्रकाययोगियोंका जघन्य अन्तर कुछ अधिक दस हजार वर्ष होता है ॥७२॥ तथा उनका उत्कृष्ट अन्तर असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण अनन्त काल तक होता है ॥ ७३ ॥
आहारकायजोगि-आहारमिस्सकायजोगीणमंतरं केवचिरं कालादोहोदि १ ॥७४॥ आहारककाययोगी और आहारकमिश्रकाययोगी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ।। ७५ ।। उक्कस्सेण अद्धपोग्गलपरियट्ट देसूणं ॥ ७६ ॥
आहारककाययोगी और आहारकमिश्रकाययोगी जीवोंका जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त मात्र होता है ॥७५॥ तथा उनका उत्कृष्ट अन्तर कुछ कम अर्ध पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण होता है ॥७६॥
कम्मइयकायजोगीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि १॥ ७७ ।। कार्मणकाययोगी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ ७७ ॥
जहणेण खुद्दाभवग्गहणं तिसमऊणं ॥ ७८॥ उक्कस्सेण अंगुलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जासंखेज्जाओ ओसप्पिणी-उस्सप्पिणीओ ॥ ७९ ॥
__ कार्मणकाययोगी जीवोंका जघन्य अन्तर तीन समय कम क्षुद्रभवग्रहण मात्र होता है ॥७८ ॥ तथा उनका उत्कृष्ट अन्तर अंगुलके असंख्यातवें भाग प्रमाण असंख्यातासंख्यात अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी काल तक होता है ॥ ७९ ॥
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