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छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[१, ४, ९
स्वस्थानखस्थान, विहारवत्स्वस्थान, वेदना, कषाय और वैक्रियिक समुद्घातगत संयतासंयतोंने सामान्य लोक आदि तीन लोकोंका असंख्यातवां भाग, तिर्यग्लोकका संख्यातवां भाग और मनुष्यक्षेत्रसे असंख्यातगुणा क्षेत्र स्पर्श किया है। मारणान्तिकसमुद्घातगत संयतासंयतोंने कुछ कम छह बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं।
पमत्तसंजदप्पहुडि जाव अजोगिकेवलीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो ।। ९॥
प्रमत्तसंयत गुणस्थानसे लेकर अयोगिकेवली गुणस्थान तक प्रत्येक गुणस्थानवी जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥९॥
स्वस्थानस्वस्थान, विहारवत्स्वस्थान, वेदनासमुद्घात, कषायसमुद्घात, वैक्रियिकसमुद्घात, तैजससमुद्घात और आहारकसमुद्धातगत प्रमत्तसंयतादि गुणस्थानवी जीवोंने सामान्य लोक आदि चार लोकोंका असंख्यातवां भाग और मनुष्यलोकका संख्यातवां भाग स्पर्श किया है। तथा मारणान्तिकसमुद्घातगत प्रमत्तसंयतादि जीवोंने सामान्य लोक आदि चार लोकोंका असंख्यातवां भाग और मनुष्यलोकसे असंख्यातगुणा क्षेत्र स्पर्श किया है।
सजोगिकेवलीहि केवडियं खेतं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जा वा भागा सबलोगो वा ॥ १० ॥
- सयोगिकेवली जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग, असंख्यात बहुभाग और सर्व लोक स्पर्श किया है ॥ १० ॥
आदेसेण गदियाणुवादेण णिरयगदीए णेरइएसु मिच्छादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ ११ ॥
आदेशकी अपेक्षा गतिमार्गणाके अनुवादसे नरकगतिमें नारकियोंमें मिथ्यादृष्टि जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ ११ ॥
छ चोदसभागा वा देसूणा ॥ १२ ॥
नारकी मिथ्यादृष्टि जीवोंने अतीत कालकी अपेक्षा कुछ ( देशोन ३००० यो.) कम छह बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं ॥ १२ ॥
यह स्पर्शनका प्रमाण मारणान्तिकसमुद्घातात और उपपादगत नारक मिथ्यादृष्टि जीवोंका समझना चाहिये ।।
सासणसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो।।१३।।
सासादनसम्यग्दृष्टि नारकियोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ १३ ॥
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