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छक्खंडागमे जीवद्वाणं
[ १, ८, २४७
संयतों में उपशान्तकषाय- वीतराग-छमस्थोंसे क्षपक जीव संख्यातगुणित हैं ॥ २४६ ॥ खीण कसायचीदराग छदुमत्था तत्तिया चेव ॥ २४७ ॥
संयतोंमें क्षीणकषाय-वीतराग छद्मस्थ जीव पूर्वोक्त प्रमाण ही हैं ॥ २४७ ॥ सजोगकेवली अजोगकेवली पवेसणेण दो वितुल्ला तत्तिया चेव ॥ २४८ ॥ संयतोंमें सयोगिकेवली और अयोगिकेवली जिन ये दोनों प्रवेशकी अपेक्षा तुल्य और पूर्वोक्त प्रमाण ही हैं ॥ २४८ ॥
सजोगिकेवली अद्धं पडुच्च संखेज्जगुणा || २४९ ।।
संयतों में सयोगिकेवली संचयकालकी अपेक्षा संख्यातगुणित हैं ॥ २४९ ॥ अप्पमत्तसंजदा अक्खवा अणुवसमा संखेज्जगुणा ॥ २५० ॥
संयतों में सयोगिकेवली जिनोंसे अक्षपक और अनुपशामक अप्रमत्तसंयत जीव संख्या - गुण हैं ॥ २५० ॥
पत्तसंजदा संखेज्जगुणा ॥ २५९ ॥
संयतोंमें अप्रमत्तसंयतोंसे प्रमत्तसंयत जीव संख्यातगुणित हैं ॥ २५९ ॥ पमत्त - अपमत्तसंजदट्ठाणे सव्वत्थोवा उवसमसम्मादिट्ठी ।। २५२ ।।
हैं
संयतोंमें प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत गुणस्थानमें उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सबसे कम खइय सम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा || २५३ || वेदगसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ संयतों में प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत गुणस्थानवर्ती उपशमसम्यग्दृष्टियों से क्षायिकसम्यग्दृष्टि जीव संख्यातगुणित हैं ॥ २५३ ॥ क्षायिकसम्यग्दृष्टियोंसे वेदगसम्यग्दृष्टि जीव संख्यातगुण हैं ॥ २५४ ॥
२४८ ]
एवं ति अद्धा || २५५ ॥
इसी प्रकार संयतोंमें अपूर्वकरण आदि तीन गुणस्थानोंमें सम्यक्त्व सम्बन्धी अल्पब जानना चाहिये || २५५ ॥
सव्त्रत्थोवा उवसमा ॥ २५६ ॥ खवा संखेज्जगुणा ॥ २५७ ॥
संयतों में अपूर्वकरण आदि तीन गुणस्थानोंमें उपशामक जीव सबसे कम हैं ॥ २५६ ॥ संयतों में अपूर्वकरण आदि तीन उपशामकोंसे क्षपक जीव संख्यातगुणित हैं ॥ २५७ ॥ सामाइयच्छेदोवट्ठाण सुद्धिसंजदेसु दोसु अद्धासु उवसमा पवेसणेण तुल्ला थोवा ॥ सामायिक और छेदोपस्थापनाशुद्धिसंयतोंमें अपूर्वकरण और अनिवृत्तिकरण इन दो गुणस्थानोंमें उपशामक जीव प्रवेशकी अपेक्षा तुल्य और अल्प हैं || २५८ ॥ खवा संखेज्जगुणा ।। २५९ ।।
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