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२, ३, ३] एगजीवेण अंतराणुगमे गदिमग्गणा
[३७९ जीव आहारक कमसे कम तीन समय कम क्षुद्रभवग्रहण मात्र काल तक रहते हैं ॥२११।। अधिकसे अधिक वे अंगुलके असंख्यातवें भाग प्रमाण असंख्यातासंख्यात अवसार्पणी-उत्सर्पिणी काल तक आहारक रहते हैं ॥ २१२ ॥
अणाहारा केवचिरं कालादो होति ? ॥ २१३ ॥ जीव अनाहारक कितने काल रहते हैं ? ॥ २१३ ॥ जहण्णेणेगसमओ ॥ २१४ ॥ उक्कस्सेण तिण्णि समया ॥ २१५ ॥
जीव अनाहारक कमसे कम एक समय रहते हैं ॥ २१४ ॥ तथा अधिकसे अधिक वे तीन समय तक अनाहारक रहते हैं ॥ २१५ ॥
अंतोमुहुत्तं ॥ २१६॥
अयोगिकेवलीकी अपेक्षा जीव अधिकसे अधिक अन्तर्मुहूर्त काल तक अनाहारक रहते हैं ॥ २१६ ॥
॥ एक जीवकी अपेक्षा कालानुगम समाप्त हुआ ॥ २ ॥
३. एगजीवेण अंतरं एगजीवेण अंतराणुगमेण गदियाणुवादेण णिरयगदीए णेरइयाणं अंतरं केवचिरं कालादो होदि ? ॥१॥
एक जीवकी अपेक्षा अन्तरानुगमसे गतिमार्गणाके अनुसार नरकगतिमें नारकी जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? ॥ १ ॥
जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ॥२॥
एक जीवकी अपेक्षा नरकगतिमें नारकियोंका अन्तर कमसे कम अन्तर्मुहूर्त काल तक होता है ॥ २ ॥
कोई एक जीव नरकसे निकलकर तिर्यंच अथवा मनुष्य गर्भज पर्याप्तकोंमें उत्पन्न हुआ। वहांपर वह सर्वजघन्य आयुस्थितिके भीतर नारकायुको बांधकर मरा और फिरसे नरकमें जाकर उत्पन्न हो गया । इस प्रकार नारकियोंका जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त मात्र प्राप्त हो जाता है ।
उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जपोग्गलपरियढें ॥३॥
उनका वह अन्तर अधिकसे अधिक असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण अनन्त काल तक होता है ॥ ३ ॥
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