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३६४] छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[२,२, ३९ काल तक रहते हैं ॥ ३८ ॥
इंदियाणुवादेण एइंदिया केवचिरं कालादो होंति ? ॥ ३९ ॥ इन्द्रियमार्गणाके अनुसार जीव एकेन्द्रिय कितने काल रहते हैं ? ॥ ३९ ॥ जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं ॥४०॥ जीव एकेन्द्रिय कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण काल तक रहते हैं ॥ ४० ॥ उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जपोग्गलपरियट्टे ॥ ४१ ॥ जीव एकेन्द्रिय अधिकसे अधिक असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण अनन्त काल तक रहते हैं । बादरेइंदिया केवचिरं कालादो होंति ? ॥ ४२ ॥ जीव बादर एकेन्द्रिय कितने काल रहते हैं ? ॥ ४२ ।। जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं ॥४३॥ जीव बादर एकेन्द्रिय कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण मात्र काल तक रहते हैं ॥ ४३ ॥
उक्कस्सेण अंगुलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जासंखेज्जाओ ओसप्पिणिउस्सप्पिणीओ ॥४४॥
जीव बादर एकेन्द्रिय अधिकसे अधिक अंगुलके असंख्यातवें भाग मात्र असंख्यातासंख्यात अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी प्रमाण काल तक रहते हैं ॥ ४४ ॥
बादरएइंदियपज्जत्ता केवचिरं कालादो होति ? ॥ ४५ ॥ जीव बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त कितने काल रहते हैं ? ॥ ४५ ॥ जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ॥४६॥ जीव बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त कमसे कम अन्तर्मुहूर्त काल रहते हैं ॥ ४६॥ उक्कस्सेण संखेज्जाणि वाससहस्साणि ॥४७॥ वे अधिकसे अधिक संख्यात हजार वर्षों तक बादर एकेन्द्रिय पर्याप्त रहते हैं ॥ ४७ ॥ बादरेइंदियअपज्जत्ता केवचिरं कालादो होंति ? ॥४८॥ जीव बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त कितने काल रहते हैं ? ॥ ४८ ॥ जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं ॥४९॥ जीव बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण काल तक रहते हैं ॥ ४९ ॥ उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं ॥ ५० ॥ वे अधिकसे अधिक अन्तर्मुहूर्त काल तक एकेन्द्रिय बादर अपर्याप्त रहते हैं ॥ ५० ॥
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