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२, २, ६३ ] एगजीवेण कालाणुगमे इंदियमग्गणा
[३६५ सुहुमेइंदिया केवचिरं कालादो होंति ? ॥५१॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय कितने काल रहते हैं ? ॥५१॥ जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं ॥५२॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण काल तक रहते हैं ॥ ५२ ।। उक्कस्सेण असंखेज्जा लोगा ॥ ५३ ॥ वे अधिकसे अधिक असंख्यात लोक प्रमाण काल तक सूक्ष्म एकेन्द्रिय रहते हैं ॥ ५३ ॥ सुहुमेइंदिया पज्जत्ता केवचिरं कालादो होति ? ॥ ५४॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त कितने काल रहते हैं ? ॥ ५४ ॥ जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ॥५५॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तक कमसे कम अन्तर्मुहूर्त काल तक रहते हैं ? ॥ ५५ ॥ उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं ॥५६ ॥ वे अधिकसे अधिक अन्तर्मुहूर्त काल तक सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तक रहते हैं ॥ ५६ ॥ सुहुमेइंदियअपज्जत्ता केवचिरं कालादो होंति ? ॥ ५७ ॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तक कितने काल रहते हैं ॥ ५७ ॥ जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं ॥५८ ॥ जीव सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण काल तक रहते हैं ॥ ५८ ॥ उक्कस्सेण अंतोमुहुत्तं ॥ ५९॥ वे अधिकसे अधिक अन्तर्मुहूर्त काल तक सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तक रहते हैं ? ॥ ५९ ।।
बीइंदिया तीइंदिया चउरिंदिया बीइंदिय-तीइंदिय-चउरिंदियपज्जत्ता केवचिरं कालादो होंति ? ॥ ६०॥
जीव द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, तथा द्वीन्द्रिय पर्याप्त, त्रीन्द्रिय पर्याप्त व चतुरिन्द्रिय पर्याप्त कितने काल रहते हैं ? ॥ ६० ॥
जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणमंतोमुहुत्तं ॥ ६१ ॥
जीव द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय कमसे कम क्षुद्रभवग्रहण मात्र काल तथा द्वीन्द्रिय, त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय पर्याप्त कमसे कम अन्तर्मुहूर्त काल तक रहते हैं ॥ ६१ ॥
उक्कस्सेण संखेज्जाणि वाससहस्साणि ॥ ६२ ॥ वे अधिकसे अधिक संख्यात हजार वर्षों तक द्वीन्द्रियादि पर्याप्त रहते हैं ॥ ६२ ॥ बीइंदिय-तीइंदिय-चउरिंदियअपज्जत्ता केवचिरं कालादो होंति ? ॥ ६३ ॥
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