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१, ८, २९४ ] अप्पाबहुगाणुगमे लेस्सामग्गणा
[ २५१ असंख्यातगुणित हैं ॥ २८४ ॥
वेदगसम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा ।। २८५ ।।
असंयतोंमें असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानवर्ती क्षायिकसम्यग्दृष्टियोंसे वेदकसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ २८५ ॥
. दंसणाणुवादेण चक्खुदंसणि-अचक्खुदंसणीसु मिच्छादिटिप्पहुडि जाव खीणकसाय-वीदराग-छदुमत्था त्ति ओघं ॥ २८६ ॥
दर्शनमार्गणाके अनुवादसे चक्षुदर्शनी और अचक्षुदर्शनी जीवोंमें मिथ्यादृष्टि से लेकर क्षीणकषाय-वीतराग-छद्मस्थ गुणस्थान तक अल्पबहुत्वकी प्ररूपणा ओघके समान है ॥ २८६ ॥
णवरि चक्खुदंसणीसु मिच्छादिट्ठी असंखेज्जगुणा ।। २८७ ।।।
विशेषता यह है कि चक्षुदर्शनी जीवोंमें असंयतसम्यग्दृष्टियोंसे मिथ्यादृष्टि असंख्यातगुणित हैं ॥ २८७ ॥
ओधिदंसणी ओधिणाणिभंगो ॥ २८८ ॥ अवधिदर्शनी जीवोंके अल्पबहुत्वकी प्ररूपणा अवधिज्ञानियोंके समान है ॥ २८८ ॥ केवलदंसणी केवलणाणिभंगो।। २८९ ॥ केवलदर्शनी जीवोंके अल्पबहुत्वकी प्ररूपणा केवलज्ञानियों के समान है ॥ २८९ ॥
लेस्साणुवादेण किण्हलेस्सिय-णीललेस्सिय-काउलेस्सिएसु सब्बत्थोवा सासणसम्मादिट्ठी ।। २९० ॥
लेश्यामार्गणाके अनुवादसे कृष्णलेश्या, नीललेश्या और कापोतलेश्यावाले जोवोंमें सासादनसम्यग्दृष्टि सबसे कम हैं ॥ २९० ॥
सम्मामिच्छादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ २९१ ॥
उक्त तीन लेश्यावाले जीवोंमें सासादनसम्यग्दृष्टियोंसे सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव संख्यातगुणित हैं ॥ २९१ ॥
असंजदसम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ २९२ ॥
उक्त तीन लेश्यावाले जीवोंमें सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंसे असंयतसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ २९२ ॥
मिच्छादिट्ठी अणंतगुणा ॥ २९३ ॥ उक्त तीन लेश्यावाले जीवोंमें असंयतसम्यग्दृष्टियोंसे मिथ्यादृष्टि जीव अनन्तगुणित हैं । असंजदसम्मादिहिट्ठाणे सव्वत्थोवा खझ्यसम्मादिट्ठी ।। २९४ ।। उक्त तीन लेश्यावाले जीवोंमें असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानमें क्षायिकसम्यग्दृष्टि सबसे कम हैं।
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