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छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
एगजीवं पडुच्च जहणेण खुदाभवग्गहणं || ३३५ ||
एक जीवकी अपेक्षा असंज्ञी जीवोंका जघन्य काल क्षुद्रभवग्रहण प्रमाण है ॥ ३३५ ॥ उक्कस्सेण अनंतकालमसंखेज्ज पोग्गलपरियङ्कं ॥ ३३६ ॥
एक जीवकी अपेक्षा असंज्ञियोंका उत्कृष्ट काल अनन्तकालात्मक असंख्यात पुद्गलपरिवर्तनं प्रमाण है ॥ ३३६ ॥
आहाराणुवादेण आहार एसु मिच्छादिट्ठी केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा ॥ ३३७ ॥
आहारमार्गणाके अनुवादसे आहारकोंमें मिथ्यादृष्टि जीव कितने काल होते हैं ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सर्व काल होते हैं ॥ ३३७ ॥
उस्सप्पिणीओ ।। ३३९ ॥
एगजीवं पडुच्च जहणेण अंतोमुहुत्तं ॥ ३३८ ॥
एक जीवकी अपेक्षा आहारक मिथ्यादृष्टि जीवोंका जघन्य काल अन्तर्मुहूर्त है ॥ ३३८ ॥ उक्कस्सेण अंगुलस्स असंखेज्जदिभागो असंखेज्जासंखेज्जाओ ओसप्पिणि
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एक जीवकी अपेक्षा आहारक मिथ्यादृष्टि जीवोंका उत्कृष्ट काल अंगुलके असंख्यातवें भाग प्रमाण असंख्यातासंख्यात अवसर्पिणी और उत्सर्पिणी है ॥ ३३९ ॥
सासणसम्मादिट्टि पहुडि जाव सजोगिकेवलि त्ति ओघं ॥ ३४० ॥ सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थानसे लेकर सयोगिकेवली गुणस्थान तक आहारकोंका काल ओके समान है ॥ ३४० ॥
[ १, ५, ३३५.
अणाहारएस कम्मइयकायजोगिमंगो || ३४१ ॥
अनाहारक जीवोंका काल कार्मणकाययोगियोंके समान है || ३४१ ॥
अजोगकेवली अघं ॥ ३४२ ॥
अनाहारक अयोगिकेवली जीवोंका काल ओधके समान है ।। ३४२ ॥
॥ कालानुयोगद्वार समाप्त हुआ || ५ |
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