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१, ६, ६ ] अंतराणुगमे ओघणिदेसो
[ १७१ सासणसम्मादिहि-सम्मामिच्छादिट्ठीणमंतरं केवचिरं कालादो होदि ? णाणाजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमयं ।। ५॥
सासादनसम्यग्दृष्टि और सम्मग्मिथ्यादृष्टि जीवोंका अन्तर कितने काल होता है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्यसे वह एक समय मात्र होता है ॥५॥
सासादनसम्यग्दृष्टिका अन्तर- दो जीवोंको आदि करके एक एक अधिकताके क्रमसे पल्योपमके असंख्यात भाग मात्र उपशमसम्यग्दृष्टि जीव उपशमसम्यक्त्वके कालमें एक समयको आदि करके अधिकसे अधिक छह आवली कालके अवशेष रह जानेपर सासादन गुणस्थानको प्राप्त हुए। जितना काल शेष रह जानेपर उपशमसम्यक्त्वको छोड़ा था उतने काल प्रमाण सासादन गुणस्थानमें रहकर वे सब जीव मिथ्यात्वको प्राप्त हुए। इस प्रकार तीनों ही लोकोंमें सासादनसम्यग्दृष्टियोंका एक समयके लिए अभाव हो गया। पुनः द्वितीय समयमें अन्य सात, आठ अथवा आवलीके असंख्यातवें भाग मात्र, अथवा पल्योपमके असंख्यातवें भाग प्रमाण उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सासादन गुणस्थानको प्राप्त हुए। इस प्रकार सासादन गुणस्थानका एक समय रूप जघन्य अन्तर प्राप्त हो जाता है।
सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थानका जघन्य अन्तर इस प्रकार है- सात, आठ अथवा बहुत से सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव नाना जीवोंके सम्यग्मिथ्यात्व संबन्धी कालके क्षीण हो जानेपर सम्यक्त्वको अथवा मिथ्यात्वको सबके सब प्राप्त हो गये। तब तीनों ही लोकोंमें सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीवोंका एक समयके लिए अभाव हो गया। तत्पश्चात् अनन्तर समयमें ही सात, आठ अथवा बहुत-से मिथ्यादृष्टि अथवा सम्यग्दृष्टि जीव सम्यग्मिथ्यात्वको प्रात हो गये । इस प्रकारसे नाना जीवोंकी अपेक्षा सम्यग्मिथ्यात्वका एक समय मात्र जघन्य अन्तरकाल प्राप्त हो जाता है ।
उक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेजदिभागो ॥ ६ ॥
उक्त दोनों गुणस्थानवी जीवोंका उत्कृष्ट अन्तरकाल नाना जीवोंकी अपेक्षा पत्योपमके असंख्यातवें भाग प्रमाण है ॥ ६ ॥
सासादनसम्यग्दृष्टिका उत्कृष्ट अन्तर- सात आठ अथवा बहुत-से उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सासादन गुणस्थानको प्रात हुए। इस क्रमसे उन सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंके द्वारा आय और व्ययके क्रमसे पत्योपमके असंख्यातवें भाग मात्र काल तक सासादन गुणस्थानका प्रवाह निरन्तर चलता रहा । पश्चात् अनन्तर समयमें वे सभी जीव मिथ्यात्वको प्राप्त हो गये । तब पल्योपमके असंख्यात भाग मात्र काल तक सासादन गुणस्थान किसीके भी नहीं रहा । पुनः इस पल्योपमके असंख्यातवें भाग प्रमाण उत्कृष्ट अन्तरकालके अनन्तर समयमें ही सात आठ अथवा बहुत-से उपशमसम्यग्दृष्टि जीव उक्त सासादन गुणस्थानको प्राप्त हो गये । इस प्रकारसे पल्योपमके असंख्यातवें भाग प्रमाण सासादन गुणस्थानका उत्कृष्ट अन्तरकाल प्राप्त हो जाता है ।
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