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१, ८, ४५ ]
अप्पा बहुगागमे गदिमग्गणा
[ २३१
विदिया जाव सत्तमाए पुढवीए णेरइएस सत्वत्थोवा सासणसम्मादिट्ठी ||३५|| नरकगतिमें दूसरीसे लेकर सातवीं पृथिवी तकके नारकियोंमें सासादनसम्यग्दृष्टि जीव सबसे कम हैं ॥ सम्मामिच्छादिट्ठी संखेज्जगुणा || ३६ ||
सासादनसम्यग्दृष्टियोंसे सम्यमिध्यादृष्टि जीव संख्यातगुणित हैं ॥ ३६ ॥ असजद सम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा || ३७ ||
नारकियोंमें दूसरीसे सातवीं पृथिवी तक सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंसे असंयतसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ ३७ ॥
मिच्छादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ ३८ ॥
नारकियों में दूसरीसे सातवीं पृथिवी तक असंयतसम्यग्दृष्टियोंसे मिथ्यादृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ ३८ ॥
असजद सम्मादिट्ठट्ठाणे सव्वत्थोवा उवसमसम्मादिट्ठी ॥ ३९ ॥
नारकियों में द्वितीयादि छह पृथिवियोंके असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सबसे कम हैं ॥ ३९ ॥
वेद सम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ ४० ॥
नारकियोंमें द्वितीयादि छह पृथिवियोंके असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान में उपशमसम्यग्दृष्टियोंसे वेदकसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ ४० ॥
तिरिक्खगदीए तिरिक्खपंचिंदिय-तिरिक्ख पंचिदियपज्जत्त-तिरिक्खपं चिंदियजोणिणीसु सव्वत्थोवा संजदासंजदा ॥ ४१ ॥
तिर्यंचगतिमें सामान्य तिर्यंच, पंचेन्द्रिय तिर्यंच, पंचेन्द्रिय पर्याप्त तिर्यंच और पंचेन्द्रिययोनिमती तिर्यंच जीवोंमें संयतासंयत सबसे कम हैं ॥ ४१ ॥
सास सम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा || ४२ || सम्मामिच्छादिट्ठिणो संखेज्जगुणा ॥ उक्त चार प्रकारके तिर्यंचों में संयतासंयतोंसे सासादनसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुणित हैं ॥ ४२ ॥ सासादनसम्यग्दृष्टियोंसे सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव संख्यातगुणित हैं ॥ ४३ ॥ असजद सम्मादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ ४४ ॥
उक्त चार प्रकारके तिर्यंचों में सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंसे असंयतसम्यग्दृष्टि जीव असंख्यातगुण हैं ॥ ४४ ॥
मिच्छादिट्ठी अनंतगुणा, मिच्छादिट्ठी असंखेज्जगुणा ॥ ४५ ॥
उक्त चार प्रकारके तिर्यंचोंमें सामन्य तिर्यंच असंयतसम्यग्दृष्टियोंसे सामान्य तिर्यंच मिथ्यादृष्टि जीव अनन्तगुणित हैं और शेष तीन प्रकारके तिर्यंच मिथ्यादृष्टि जीव इन्हीं असंयत
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