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अप्पा बहुगागमे गदिमग्गणा
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सजोगिकेवली अजोगिकेवली पवेसणेण दो वि तुल्ला तत्तिया चेव ॥ ५७ ॥ उक्त तीनों प्रकारके मनुष्योंमें सयोगिकेवली और अयोगिकेवली ये दोनों भी प्रवेशसे तुल्य और पूर्वोक्त प्रमाण ही हैं ॥ ५७ ॥
सजोगकेवली अद्धं पडुच्च संखेज्जगुणा ॥ ५८ ॥
तीनों प्रकारके मनुष्योंमें सयोगिकेवली संचयकालकी अपेक्षा संख्यातगुणित हैं ॥ ५८ ॥ अपमत्त संजदा अक्खवा अणुवसमा संखेज्जगुणा ।। ५९ ।।
तीनों प्रकारके मनुष्योंमें सयोगिकेवलियोंसे अक्षपक और अनुपशामक अप्रमत्तसंयत संख्यातगुणित हैं ॥ ५९ ॥
पमत्त संजदा संखेज्जगुणा || ६० || संजदासंजदा संखेज्जगुणा ॥ ६१ ॥ तीनों प्रकारके मनुष्योंमें अप्रमत्तसंयतोंसे प्रमत्तसंयत संख्यातगुणित हैं ॥ ६० ॥ संयतासंयत संख्यातगुणित हैं ॥ ६१ ॥
सासणसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ ६२ ॥ सम्मामिच्छादिड्डी संखेज्जगुणा ॥ तीनों प्रकारके मनुष्यों में संयतासंयतोंसे सासादनसम्यग्दृष्टि संख्यातगुणित हैं ॥ ६२ ॥ सासादनसम्यग्दृष्टियोंसे सम्यग्मिथ्यादृष्टि संख्यातगुणित हैं ॥ ६३ ॥
असंजद सम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ ६४ ॥
तीनों प्रकारके मनुष्योंमें सम्यग्मिथ्यादृष्टियोंसे असंयतसम्यग्दृष्टि संख्यातगुणित हैं ॥ ६४ ॥ मिच्छादिट्ठी असंखेज्जगुणा, मिच्छादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ ६५ ॥
तीनों प्रकारके मनुष्यों में असंयतसम्यग्दृष्टियोंसे सामान्य मनुष्य मिथ्यादृष्टि असंख्यात - गुणित हैं और शेष दो प्रकारके मनुष्य मिथ्यादृष्टि संख्यातगुणित हैं ॥ ६५ ॥
असजद सम्मादिट्ठिाणे सव्वत्थोवा उवसमसम्मादिट्ठी ॥ ६६ ॥
तीन प्रकारके मनुष्यों में असंयतसम्यग्दृष्टि गुणस्थानमें उपशमसम्यग्दृष्टि सबसे कम हैं | खइयसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ ६७ ॥ वेदगसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा || ६८ || उपशमसम्यग्दृष्टियों से क्षायिकसम्यग्दृष्टि संख्यातगुणित हैं ||६७॥ क्षायिकसम्यग्दृष्टियों से वेदकसम्यग्दृष्टिं संख्यातगुणित हैं ॥ ६८ ॥
छ. ३०
संजदासंजदट्ठाणे सव्वत्थोवा खइयसम्मादिट्ठी ॥ ६९ ॥
तीन प्रकारके मनुष्यों में संयतासंयत गुणस्थानमें क्षायिकसम्यग्दृष्टि सबसे कम हैं ॥६९॥ उवसमसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा || ७० ॥ वेदगसम्मादिट्ठी संखेज्जगुणा ॥ ७१ ॥
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