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१,५, १०]
कालाणुगमे ओघणिदेसो
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सासादनसम्यग्दृष्टियोंका अभाव हो गया। इस प्रकार एक समय प्रमाण सासादन गुणस्थानका नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्य काल प्राप्त हो जाता है ।
उक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो ॥ ६ ॥
सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंका नाना जीवोंकी अपेक्षा उत्कृष्ट काल पल्योपमके असंख्यातवें भाग प्रमाण है ॥ ६॥
. दो, तीन अथवा चार इस प्रकार एक एक अधिक बढ़ते हुए पल्योपमके असंख्यातवें भाग मात्र उपशमसम्यग्दृष्टि जीव एक समयको आदि करके उत्कर्षसे छह आवलि प्रमाण उपशमसम्यक्त्रके कालमें शेष रहनेपर सासादन गुणस्थानको प्राप्त हुए। वे जब तक मिथ्यात्वको प्राप्त नहीं होते हैं तब तक अन्य अन्य भी उपशमसम्यग्दृष्टि जीव सासादन गुणस्थानको प्राप्त होते रहे । इस प्रकार उत्कर्षसे पल्योपमके असंख्यातवें भाग मात्र काल तक जीवोंसे परिपूर्ण होकर सासादन गुणस्थान पाया जाता है।
एगजीवं पडुच्च जहण्णेण एगसमओ ।। ७ ।। एक जीवकी अपेक्षा सासादनसम्यग्दृष्टिका जघन्य काल एक समय मात्र है ॥ ७ ॥
एक उपशमसम्यग्दृष्टि जीव उपशमसम्यक्त्वके कालमें एक समय अवशिष्ट रहनेपर सासादन गुणस्थानको प्राप्त हुआ और एक समय मात्र उस सासादन गुणस्थानके साथ रहकर दूसरे समयमें मिथ्यात्वको प्राप्त हो गया। इस प्रकार सासादन गुणस्थानका एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल एक समय प्रमाण उपलब्ध हो जाता है ।
उक्कस्सेण छ आवलिआओ ॥ ८॥ एक जीवकी अपेक्षा सासादनसम्यग्दृष्टिका उत्कृष्ट काल छह आवली प्रमाण है ॥ ८॥
एक उपशमसम्यग्दृष्टि जीव उपशमसम्यक्त्वके कालमें छह आवलियोंके शेष रहनेपर सासादन गुणस्थानको प्राप्त होकर वहां छह आवली काल तक रहा और फिर मिथ्यात्वको प्राप्त हो गया। इस प्रकार सासादनसम्यग्दृष्टिका छह आवली प्रमाण वह उत्कृष्ट काल प्राप्त हो जाता है। इससे अधिक काल प्राप्त न होनेका कारण यह है कि उपशमसम्यक्त्वके कालमें छह आवलियोंसे अधिक कालके शेष रहनेपर जीव सासादन गुणस्थानको प्राप्त नहीं होता है।
सम्मामिच्छाइट्ठी केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च जहण्णेण अंतोमुहुत्तं ॥ ९॥
सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीव कितने काल होते हैं ? नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्यसे अन्तर्मुहूर्त होते हैं ॥९॥
उक्कस्सेण पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागो || १० ।। छ..
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