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छक्खंडागमे जीवट्ठाणं
[ १, ४, १४७
उक्त तीनों अशुभ लेश्यावाले सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ १४७ ॥
पंच चत्तारि वे चोद सभागा वा देसूणा || १४८ ॥
तीनों अशुभ श्यावाले सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने अतीत और अनागत कालकी अपेक्षा कुछ कम पांच बटे चौदह, चार बटे चौदह और दो बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं ॥ १४८॥ यह स्पर्शनक्षेत्र क्रमसे मारणान्तिकसमुद्घात और उपपाद पदोंमें वर्तमान छठी पृथिवीके कृष्णलेश्यावाले, पांचवीं पृथ्वीके नीललेश्यावाले और तीसरी पृथ्वीके कापोतलेश्यावाले सासादन सम्यग्दृष्टि जीवोंका समझना चाहिये ।
सम्मामिच्छादिट्ठि असंजदसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ १४९ ॥
उपर्युक्त तीनों अशुभलेश्यावाले सम्यग्मिथ्यादृष्टि और असंयतसम्यग्दृष्टि जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ १४९ ॥
उलेस्सिएस मिच्छादिट्ठि-सासणसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं 2 लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ १५० ॥
तेजोलेश्यावालोंमें मिथ्यादृष्टि और सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ १५० ॥
अट्ठ व चोदसभागा वा देसूणा ।। १५१ ।
तेजोलेश्यावाले मिथ्यादृष्टि और सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंने अतीत और अनागत कालकी अपेक्षा कुछ कम आठ बटे चौदह तथा कुछ कम नौ बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं ।। १५१ ॥ सम्मामिच्छादिट्ठि असंजदसम्मादिट्ठीहि केवडियं खेत्तं फोसिदं 3 लोगस्स असंखेज्जदिभागो ॥ १५२ ॥
तेजोलेश्यावाले सम्यग्मिथ्यादृष्टि और असंयतसम्यग्दृष्टि जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है ? लोकका असंख्यातवां भाग स्पर्श किया है ॥ १५२ ॥
अटु चोहसभागा वा देणा ।। १५३ ।।
उक्त जीवोंने अतीत और अनागत कालकी अपेक्षा कुछ कम आठ बटे चौदह भाग स्पर्श किये हैं ॥ १५३ ॥
संजदासंजदेहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? लोगस्स असंखेज्जदिभागो ।। १५४ ॥ तेजोलेश्यावाले संयतासंयत जीवोंने कितना क्षेत्र स्पर्श किया है : लोकका असंख्यातवां
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