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अणुवालणा- अणुसज्ज
अणुवाणी [अनुपालना] १ ऊपर देखो (पं) । २ [कल्प ] साधु-गरण के नायक की अकस्मात मृत्यु हो जाने पर गण की रक्षा के लिए शास्त्रीय विधान (पंचभा) । अणुवालय वि [अनुपालक ] १ रक्षक, परिपालक । २ पुं. गोशालक के एक भक्त का नाम (भग २४, २० ) 1
अणुवास सक [ अनु + वासय् ] व्यवस्था करना । श्रणुवासेनासि (चाचा)
अणुवास वुं [अनुवास] एक स्थान में श्रमुक
काल तक रह कर फिर वहीं वास करना (पंचभा) 1 अणुवासन [अनुवासन] १ ऊपर देखो । २ यन्त्र द्वारा तेल श्रादि को प्रपान से पेट में चढ़ाना (गाया १, १३) ।
[अनुवासना ] ऊपर देखो (पंचभा गाया १, १३) कप्प पुं [कल्प ] अनुवास के लिए शास्त्रीय व्यवस्था (पंचभा) । अणुवास वि [ अनुपासक ] १ सेवा नहीं करनेवाला । २ पुं. जैनेतर गृहस्थ (निचू ८) । अणुवासर न [ अनुवासर] प्रतिदिन, हमेशा (सुर १, २४१) । अणुवित्ति स्त्री [अनुवृत्ति ] १ अनुकूल वर्तन (कुमा) । २ अनुसरण (उप ८३३ टी) । '
अणुद्धि
[अनुविद्ध] संबद्ध, जुड़ा हुआ
( से ११, १५) । अणुविस सक [ अनु + विश् ] प्रवेश करना । विसंति (सिक्खा ७७ ) 1 अणुविहाण न [अनुविधान] १ अनुकरण । २ अनुसरण (विसे २०७) । अणुवीs स्त्री [अनुवीचि] अनुकूलता, 'वेयागुवीई मा कासि चोइच्तो गिलाइ से भुजो ' ( सू २, ४, १, १९ ) 1
अणुवीडू
श्र [अनुविचिन्त्य ] विचार अणुवीई कर, पर्यालोचना कर (पि ५६३३ अणुवीति श्राचाः दस ७) | देखो अणुअणुवीतिय चिंत
अणुइ } देखो अणुवी (सूत्र १, १२, अणुत्रीय २१, १०, १ ) अणुवूह सक [ अनु + बृंह ] श्रनुमोदन करना, प्रशंसा करना । श्रृवहे (कप्प ) ।
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पाइअसद्दमहणवो
४३
न
अणुवहेत्तु वि [अनुबृंहित] अनुमोदन करने अणुव्विवाग [अनुविपाक ] विपाक के अनुसार, 'एवं तिरिक्खे मरणयासुरेसु चउरं तांत तयविवागं ( सू १, ५, २)
वाला (ठा ७ ) I
सक
agrats देखो अणुवीइ (जीव ) V अणु संक्रम [ अनुसं + क्रम् ] अनुसरण करना । संकमंति (उत्त १३,२५) । अणुसंग [अनुष] १ प्रसंग, प्रस्ताव (प्रसू ३६, भवि ) । २ संसर्ग, सोहबत; 'मज्झठिई पुरण एसा प्रसङगेणं हवन्ति गुण-दोसा' (सट्टि २८ २७ ) IV
वेन [अनुवेदन] फल भोग, अनुभव (स ४०३) IV
अणुसंगिअ वि [आनुषङ्गिक ] प्रासङ्गिक (प्रवि १५) ।
अणुवेल म्र [अनुवेल ] निरन्तर, सदा (पा)IM अणुवेलंधर पुं [अनुवेलन्धर ] नाग-कुमार देवों का एक इन्द्र (सम ३३ ) | अणुवेह देखो अणुप्पेह । वकृ. अणुवेहमाण ( सू २,१०) IV अणुव्वइय वि [ अनुव्रजित ] अनुसृत ( स ६८७) IV
अणुसंचर सक [ अनुसं + चर् ] १ परिभ्रमण करना । २ पीछे चलना । प्ररसंचरइ ( श्राचाः सूत्र १, १०) 1
अणुसंज देतो अणुसज्जा असं जंति (पव ६८) IN
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अणुव्वज सक [ अनु + व्रज् ] १ अनुसरण करना । २ सामने जाना । श्ररगुज्जे (सूत्र १, ४, १, ३) ।
अणुव्वय न [ अणुव्रत ] छोटा व्रत, साधुओं के महाव्रतों की अपेक्षा लघु व्रत, जैन गृहस्थ के पालने के नियम (ठा ५, १) 1
अणुसंघ सक [अनुसं + धा] १ खोजना, ढूंढना, तलाश करना। २ विचार करना । ३ पूर्वापर का मिलान करना । अणुसंमि (पि ५०० ) । संकृ. अणुसंधिवि ( भवि ) । अणुसंघण न [ अनुसंधान ] गवेषणा, अणुसंघाण ) खोज (संबोध ४४) । २ पूर्वापर की संगति (धर्मसं ३०३) अणुसंघण न [अनुसंधान] १ खोज, अणुसंधान शोध । २ विचार, चिन्तनः 'प्रत्तागुसंधरणपरा सुसावगा एरिसा हुति' ( श्रा २० ) । ३ पूर्वापर का मिलान (पंचा १२)
वन [अनुव्रत] ऊपर देखो (ठा ५, अणुब्वय पुं [अणुव्रत ] श्रावक-धर्मं (पंचा
१)
१०, ८)
वन [अनुव्रजन] अनुगमन (धर्मवि अणुव्वयय वि [अनुव्रजक ] अनुसरण करने
५४) 1
वाला, 'अन्नमन्नमरगुच्वया' (गाया १, ३) । अणुव्वया स्त्री [अनुव्रता ] पतिव्रता स्त्री ( उत्त २० ) IV
अणुवेद सक [अनु + वेदय् ] अनुभव करना । वकृ. अणुवेदयंत (सूत्र १, ५, १) उग्णुवेध ) पुं [अनुवेध ] १ अनुगम, श्रन्वय, सम्बन्ध ( धर्मसं ७१२; ७१५) । २ संमिश्रण (पिंड ५६ ) IV
[अ] प्रधीन, श्रायत्त, 'एवं तुब्भे सरागत्था श्रन्नमन्नमव्वसा' ( सू २, ३, ३) IV
अणुव्वाण वि [अनुद्वान] १ प्रबन्ध, खुला हुआ (उप २११ टी ) । २ स्निग्ध, चिकना 'पव्वा किचिउवाणमेव किचिच होमर - aari (श्रोध ४८८ ) IV अणुव्विग्ग वि [अनुदुद्विन] खिन्न, खेदरहित (गाया १, ८ मा २८५)
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अणुसंधिअ न [दे] अविच्छिन्न हिका, निरन्तर हिचकी (दे १, ५९ ) ।
अणुसंभर सक [ अनु + स्मृ] याद करना ।
संभर (दनि ४, ५५) अणुसंवेयण न [ अनुसंवेदन] १ पीछे से जानना । २ अनुभव करना ( श्राचा) |४ अणुसंसरस [ अनु + सृ] गमन करना, भ्रमरण करना; 'जो इमाम्रो दिसाग्रो वा विदिसाओ वा अणुसंसरइ' (श्राचा) IV अणुसंसर सक [ अनुसं + स्मृ] स्मरण करना, याद करना । अणुसंसरइ ( श्रचा) | अणुसज्ज अक [अनु + संजू ] १ अनुसरण करना, पूर्व काल से कालान्तर में अनुवर्तन
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