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पाइअसहमहण्णवो
गाढ-गारि गाढ वि [गाढ] १ गाढ़, निबिड़, सान्द्र (पात्र; (प्राचा) । २ वि. गाँव की सीमा में रहनेवाला | गामुअवि [गामुक जानेवाला (स १७५)। सुर १४, ४८)। २ मजबूत, दृढ़ (सुर ४, (दसा १)। ३ पुं. जैनेतर दार्शनिक-विशेष गामेइआ स्त्री [ग्रामेयिका] गाँव की रहने२३७) । ३ क्रिवि. अत्यन्त, अतिशय (कप्प) (सूम २,२)
वाली स्त्री, गवार स्त्री (गउड)। गाण न [गान] गीत, गाना (हे ४, ६) गामगोह पुं[दे] गाँव का मुखिया (द २,
गामगोह पुं[दे] गाँव का मुखिया (दे २, गामेणी स्त्री दे] छागी, मजा, बकरी (दे २,
८६) गाण वि [गायन] गवैया, गीत-प्रवीण (दे |
८४) २, १०८) गामड पुं [ग्रामक गाँव, छोटा गाँव (श्रा |
गामेय देखो गामेयग (धर्मवि १३७)। गाणंगणि पुं [गागङ्गणिक छः ही मास गामण न [दे. गमन] भूमि में गमन, भू-सर्पण
गामेयग वि [ग्रामेयक] गाँव का निवासी, के भीतर एक साधु-गण से दूसरे गण में (भग ११, ११)।
गँवार (बृह १)। जानेवाला साधु (बृह १)।
गामणह न [दे] ग्राम-स्थान, ग्राम-प्रदेश गामेरेड [दे] देखो गामरोड (षड् )। गाणी स्त्री [३] गवादनी, गोचर-भूमि (दे २,
गामेलुअ) देखो गामिल्ल (मृच्छ २७५, ८२)
गामणि देखो गामगी (दे २, ८६ षड्)। गामेल्ल विपा १, १:विसे १४११)। गाथा देखो गाहा (भग; पिंग)।
गामणिसुअ ' [दे] गाँव का मुखिया (दे | गामेस [ग्रामेश] गाँव का अधिपति (दे गाध वि [गाध] अस्ताघ-रहित, कम गहरा २, ८९)
२, ३७)। (दे ५, २४)।
गामणी पुंदे] गांव का मुखिया (दे २, ८६ वायनगया. गायक सिरि गाम पुं [ग्राम] १ समूह, निकरः 'चवलो प्रामा)।
७०१)। इंदियगामो' (सुर २, १३८)। २ प्राणि-समूह, गामणी वि [ग्रामगी] १ श्रेष्ठ, प्रधान, नायक
| गायरी स्त्री[दे] गर्गरी, गगरी, कलशी, छोटा जन्तु-निकर (विसे २८६६) । ३ गाँव, वसति, (से ७,६०, धरण १ गा ४४६ षड्)।२
घड़ा (दे २, ८६)। ग्राम (कप्पः रणाया १, १८ औप)। ४ पुं. तृण-विशेष (दे २, ११२)।
'गार वि [कार] कारक, कर्ता (भवि)। इन्द्रिय-समूह (भगः प्रौप)। कंडग, कंडय | गामपिंडोला पुंदे] भीख से पेट भरने के | पुं[कण्टक] १ इन्द्रिय-समूह रूप काँटा लिये गाँव का प्राश्रय लेनेवाला भीखारी गार पुंदे. प्रावन् पत्थर, पाषाण, ककूड़ (भग प्रौप)। २ दुर्जनों का रूक्ष पालाप, (प्राचा)।
(वव ४)। गाली (आचा) घायग वि [ घातक] गाँव गामरोड पुं [दे] छल से गाँव का मुखिया
| गार न [अगार गृह, घर, मकान (ठा ६)। का नाश करनेवाला (पराह १,३)णिद्धमण बन बैठनेवाला, गाँव के लोगों में फूट उत्पन्न
स्थ पुंस्त्री [स्थ] गृहस्थ, गृही (निचू १)। न [निर्धमन] गाँव का पानी जाने का कर गाँव का मालिक होनेवाला (दे २, ६०)।
"स्थिय पुत्री [स्थित] गृहस्थ, गृही, संसारीः रास्ता, नाला (कप्प)१°धम्म पुं[धर्म]
'गारत्थियजरणउचियं भासासमिमो न भासिन्जा' | गामहण न [दे] ग्राम-स्थान, गाँव का प्रदेश १ विषयाभिलाष, विषय की वाञ्छा (ठा
(पुप्फ १८१ठा ६)। (दे २,६०)। २ छोटा गांव (पान) १०)। २ इन्द्रियों का स्वभाव । ३ विषय
'गारय वि [कारक] कर्ता, करनेवाला (स गामाग पुं[ग्रामाक] प्राम-विशेष, इस नाम प्रवृत्ति (माचा)। ४ मैथुन (सूत्र १, २,
१५१)। का एक सन्निवेश (आवम)। २)। ५ शब्द, रूप वगैरह इन्द्रियों का
गारव पुन [गौरव १ अभिमान, अहंकार । | गामार वि [दे. ग्रामीण] ग्रामीण, छोटे गाँव विषय (पएह १, ४)। ६ गांव का धर्म, गाँव
२ अभिलाष, लालसाः 'तमो गारवा पएणत्ता' का रहनेवाला (वजा ४)। का कर्तव्य (ठा १०) द्ध पुन [धे आधा गामि वि [गामिन्] जानेवाला (गा १६७;
(ठा ३, ४; श्रा ३५, सम ८)। ३ महत्व, गाँव । २ उत्तर भारत, भारत का उत्तरप्रदेश
गुरुत्व, प्रभाव (कुमा)। ४ आदर, सम्मान प्राचा) । स्त्री. णी (कप्प)। (निचू १२) मारी श्री ["मारी] गाव भर
(षड् : प्राप्र) । गामिअ वि [ग्रामिक] १ देखो गामिल्ल (दे में फैली हुई बीमारी-विशेष (जीव ३)५ रोग |
गारवित वि [गौरवित] १ गौरवान्वित, २, १००) । २ ग्राम का मुखिया (निचू २)। पुं[ रोग] ग्राम-व्यापक बीमारी (जं २)
महत्त्वशाली। २ गर्वीला, अभिमानी। ३ । ३ विषयाभिलाषी (प्राचा)। वइ पुं [पति] गांव का मुखिया (पास)।
लालासावाला, अभिलाषी (सूत्र १, १, १)। गामिणिआ स्त्री [गामिनिका] गमन करनेणुग्गाम न [नुग्राम एक गाँव से दूसरे वाली स्त्री, 'ललिअहंसबहुगामिणिपाहि (अजि
गारविल्ल वि [गौरववत् ] ऊपर देखो गाँव (औप)। यार पुं [चार] विषय २६)।
(कम्म १, ५६) (प्रावम)। गामिल्लवि [ग्रामीण ] गाँव का
गारहत्थ वि [गार्हस्थ] गृहस्थ-सम्बन्धी, गृहस्थ गामउड पुं[दे] गाँव का मुखिया (दे २, गामिल्लुअनिवासी, गवार; (पउम ७७,
का (पव २३५)। गामऊड ८६ बृह ३)।
गामीण ) १०८ विसे १ टी; दे ८, गारि पुंस्त्री [अगारिन्] गृही, संसारी, गृहस्थ गामतिय न [प्रामान्तिक १ गाँव की सीमा ४७) । स्त्री. °ल्ली (कुमा)।
(उत्त ५, १९)।
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