________________
डाग-डोंब पाइअसहमहण्णवो
३७३ डाग पुन [दे] भाजी, पत्राकार तरकारी (भग | डिंडुयाण न [डिण्डुयाण नगर-विशेष (कुप्र विशेष, जो पानी निकालने के काम में आता ७, १०२, दसा १; पव २)।
है (दे ४, ११)। डाग न दे डाल, शाखा (प्राचा २,१००२)। डिफिअ विदे] जल-पतित, पानी में गिरा झुंडअपुंदे] १ पुराना घण्टा (दे ४,११)। डागिणी देखो डाइणी (१, ३, ४)। हुमा (दे ४, ६)।
| २ बड़ा घण्टा (गा १७२)। डामर वि [डामर] भयंकर, 'डमडमियडमरुया- डिंब पुंन [डिम्ब] १ भय, डर (से २, १९)। डुंडुक्का स्त्री [दे] वाद्य-विशेष (विक्र ८७)। डोवडामरों (सुपा १५१)। २ पुं. स्वनाम- | २ विघ्न, अन्तराय (णाया १, १-पत्र ६; डंडुल्ल अक [भ्रम् ] घूमना, फिरना, चक्कर ख्यात एक जैन मुनि (पउम २०, २१)। प्रौप) । ३ विप्लव, डमर (जं २)।
लगाना । डुडल्लइ ( पड्)। डामरिय वि [डामरिक] लड़ाई करनेवाला, डिंब पुं[डिम्ब] शत्रु-सैन्य का भय, पर-चक्र
डंब पुंदे] डोम, चाण्डाल, श्वपच (दे ४, विग्रह-कारक (पएह १,२)। का भय (सूत्र २, १, १३)।
११,२,७३, ७,७६)। देखो डोंब (पव ६)। डाय न दे] देखो डाग (राज)। डिंभ अक [संस्] १ नीचे गिरना। २
डुजय न [दे] कपड़े का छोटा गट्ठा, वस्त्रडायाल न दि] हयं-तल, प्रासाद भूमि, ध्वस्त होना, नट होना । डिभइ (हे ४,१६७;
खण्ड; "खिविउं वयणम्मि डुजयं अहयं, बद्धा छत (प्राचा २, २, १)। ___षड्) । वकृ. डिंभंत (कुमा ७, ४२)।
रुक्खस्स थुडे (सुपा ३६६)। डाल स्त्रीन [दे] १ डाल, शाखा, टहनी (सुपा डिंभ पुंन [डिम्भ] बालक, बच्चा, शिशु
डुल अक [दोलय ] डोलना, काँपना, हिलना। १४०; पंचा १६ हे ४, ४४५)। २ शाखा | (पाम हे १, २०२, महा; सुपा १६); 'अह
डुलइ (पिंग)। का एक देश (प्राचा २, १, १०)। स्त्री. दुक्खियाई तह भुक्खियाइंजह चितियाई
डुलि पुं[दे] कच्छप, कछुआ (उप पृ १३६)। 'ला (महा; पायः वजा २६), "ली (दे ४,
डिभाई' (विवे १११)। ६ पञ्च १०; सरणः निचू १)।
डुहुडुहुडुह अक [डुहडुहाय ] 'छह-छह डिभिया स्त्री [डिम्भिका] छोटी लड़की |
आवाज करना, नदी के वेग का खलखलाना। डाव पुंदे] वाम हस्त, बांया हाथ, गुजराती
(णाया १, १८)। में 'डाबो' (दे ४, ६)।
वकृ. 'डुहुडुहुडुहंतनइसलिल' (पउम ६४, डिक्क अक [गर्ज ] साँड़ का गरजना। डाह देखो दाह (हे १, २१७) गा २२६
डिक्कइ (षड्)। कर
| डेकुण पुं[दे] मत्कुण, खटमल, क्षुद्र कीट५३५; कुमा)।
डिड्डर पुं[दे] भेक, मण्डूक, मेढ़क, बेंग (दे ४, विशेष (षड्)। डाहर पुं[दे] देश-विशेष (पिंग)।
डेड डुर पुं[दे] दर्दुर, भेक, मण्डूक, मेढ़क, डाहाल पुंदे] देश-विशेष (सुपा २६३)।
डित्थ पुंडित्थ] १ काष्ठ का बना हुआ बंग (षड्)। डाहिण देखो दाहिण (गा ७७७; पिंग)।
हाथी । २ पुरुष-विशेष, जो श्याम, विद्वान्, डेर वि [दे] केकटाक्ष, नीची-ऊँची पाखवाला डिअली स्त्री [६] स्थूण, खंभा, खूटी (दे ४,
सुन्दर, युवा और देखने में प्रिय हो ऐसा पुरुष (पिंग)। (भास ७७)।
डेव सक [डिप् ] उल्लंघन करना, कूद डिंडव विदे] जल में पतित (षड्)।
डिप्प अक [दीप ] दोपना, चमकना। जाना, अतिक्रमण करना। वकू. डेवमाण डिडि पुंदण्डिन्] राजकर्मचारी-विशिष्ट अधिकार-संपन्न (भव. वृ० कथा पत्र-४७०,
डिप्पइ, डिप्पए (षड्)।
डिप्प अक [वि+गल] १ गल जाना, सड़ श्लोक ४)।
डेवण न [डेपन] उल्लंघन, अतिक्रमण (प्रोघ डिडिम न [डिण्डिम] डुगडुगी, डुग्गी, वाद्य
जाना। २ गिर पड़ना। डिप्पड; डिप्पए
डोअj[दे] काष्ठ का दाथा, दाल, शाक विशेष (सुर ६ १८१)। (षड्)।
पादि परोसने का काष्ठ पात्र-विशेष गुजराती डिंडिम न [डिण्डिम] कासे का पात्र (प्राचा डिमिल न [दे] वाद्य-विशेष (विक्र ८७)।
में 'डोयो' (दे ४, ११, महा)। २, १, ११, ३)।
डिल्ली स्त्री [द जल-जन्तु-विशेष (जीव १)। डिडिल्लिअनदा१खलि-सचित वस्त्र, तैल- डिव सक [डिप ] उल्लंघन करना। डिव (वव
डोअण न [दे] लोचन, अाँख (दे ४, ६)। किट्ट से व्याप्त कपड़ा। २ स्खलित हस्त (दे | १)।
डोंगर देखो डुंगर (प्रोभा २० टी)। डीण विदे] अवतीर्ण (दे ४, १०)। डोंगिली स्त्री [दे] १ ताम्बूल रखने का भाजन डिंडि स्त्री [६] सिले हुए वस्त्र खण्ड (दे ४, डीणोवय न [दे] उपरि, ऊपर (दे ४, १०)। विशेष । २ ताम्बूलिनी, पान बेचनेवाले की ७)। बंध [°बन्ध] गर्भ-संभव (निचू
डीर न [दे] कन्दल, नवीन अंकुर (दे४,१०)। स्त्री, तमोलिन (दे ४, १२) । ११)।
डंगर दे] शैल, पर्वत, गुजराती में 'डुंगर' डोंगी स्त्री [दे] १ हस्तबिम्ब, स्थासक । २ डिंडीर पुन [डिण्डीर] समुद्र का फेन, समुद्र- । (दे ४, ११, हे ४, ४४५; जे २)। पान रखने का भाजन विशेष (दे ४,१३)। कफ (उप ७२८ टी; सुपा २२२)। । डुंघ पुं[दे] नारियल का बना हुआ पात्र- | डोंब [दे] १ म्लेच्छ देश-विशेष । २ एक
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org