Book Title: Paia Sadda Mahannavo
Author(s): Hargovinddas T Seth
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 853
________________ विणिजुंज - विणिव्वर विणिजुंज सक [ विनि + युज् ] जोड़ना, कार्य में लगाना, प्रवृत्त करना । विणिजुंजइ ( कुप्र ३९१ ) 1 विणिज्जंतण वि [विनियन्त्रण] १ नियन्त्रणरहित । २ प्रकटित, खुला । ३ निर्व्याज, कपट रहित ( से १९, २१) विणिज्जमाण देखो विणी = वि + नी । विणिज्जरण न [विनिर्जरण] निर्जरा, विनाश (विसे ३७७९ संबोध ५१ ) । विणिज्जरा स्त्री [विनिर्जरा ] ऊपर देखो (संबोध ४९ ) । विणिज्जिअ वि [विनिर्जित ] पराभूत, जिसका पराभव किया गया हो वह (महा रंभा नाट - विक्र ९० ) । afra [विनिद्र ] खिला हुआ, विकसित (919) ~ विणिद्दलिय वि [विनिर्दलित ] विदारित, तोड़ा हुआ (सण) | विधुक [विनर + धू] कंपाना । a. विणणमाण (पि ५०३) । विणिष्फन्न वि [विनिष्पन्न] संसिद्ध, संपन्न ( उप ३६६) । विणिफिडिअ वि[विनिस्फिटित ] विनिर्गत, बाहर निकला हुआ; 'सालिग्गामाउ तो वंद हे विििफडियो ( पउम १०५, २३) 1 afras देखो विणिवुड (वि ५६६ ) 1 विणिब्भिन्न वि [विनिर्भिन्न ] विदारितः 'कुंविरिभिन्नकरिकल हमुकसिकार उर म्मि' ( रामि १६ ) । विनिमीलि वि[विनिमीलित ] मीचा हुआ, मँदा हुआ; 'श्रलिप्रपसुत्तप्रविणिमीलि - प्रच्छदे सुह मज्भ प्रोग्रास' (गा २० ) । विणिमुक्क देखो विणिमुक (वि ५६६) विणिय देखो विणिम्य । वकृ. विणिमुयंत (औप पि ५६०) विणिम्मविवि [विनिर्मित ] विरचित, बनाया हुआ, कृत ( उ ७२८ टी) 1 विभिन्न [विनिर्माण ] रचना, कृति ( विसे ३३१२ ) । Jain Education International पाइअसहमहण्णवो विणिम्मिअ देखो विणिम्मविअ (गा १५६ २३५ पान; महा) । for a [ विनिर्मुक्त ] परित्यक्तः सव्वकम्मविरिणम्मुकं तं वयं बूम माहणं (उत्त २५, ३४) । विणिम्य वि [ विनिर् + मुच् ] छोड़ना, परित्याग करना । कृ. विणिम्मुयमाण ( खाया १, १ - पत्र ५३३ पि ४८५) । वियि देखो विणीअ (भवि) 1 विणियट्ट देखो विविट्ट । विरिणयट्टिज्ञ्ज (दस ८, ३४) । वकृ. विणियट्टमाण ( आचा १, ५, ४, ३) विणियट्ट वि [विनिवृत्त] १ पीछे हटा हुआ । २ प्रणष्टः 'राट्ठ" (चेइय ३४६)। त्रिणियदृणया स्त्री [विनिवर्तना ] निवृत्ति (उत्त २६, १) । ( घर्मंसं १२५: १२६ स २६५; ७ : २ ) । २ मरण मौत (से १३, १६ गउड; गा १०२) । ३ संसार (राज) IV वणवण न [विनिपातन] मार गिराना (पउम ४, ४८ ) 1 विणिवार सक [ विन + वारय.] रोकना, निवारण करना, निषेध करना । विरिणवारइ (भवि ) । कवकू. विणिवारीअंत (नाटमृच्छ १५४) । विणिचारण न [विनिवारण] १ निवारण, प्रतिषेध । २ वि. निवारण करनेवाला (पंचा ७, ३२) विणियत्ति स्त्री [विनिवृत्ति ] निवृत्ति, उपरम विणिवारि वि [ विनिवारिन् ] निवावरण( कु १८२० गउड) | कर्ता (पंचा ७, ३२) विणिरोह पुं [विनिरोध ] प्रतिबन्ध, घटकाव विणिवारिय वि[विनिवारित ] प्रतिषिद्ध, (भवि) 1 निवारित (महा) | विणिविट्ट वि [विनिविष्ट] १ उपविष्ट, स्थित ( कु १५२ ); 'कम्मविरिण विट्ठसरिसकयचेट्टो ( उव वै ६० ) । २ आसक्त, तल्लीन (श्राचा) | विणिवित्त देखो विणिट्ट (उप ७८९) IV विशिवित्ति देखो विणियत्ति (विसे २६३९; उबर १२७; श्रावक २५१ २५२; पंचा १, १७) IV विणिवुड्ड वि [विनिमग्न] निमग्न, बुड़ा हुआा, तरावोर, सराबोर 'तइया ठिम्रो सि जं किर पलोट्टसंरंभसेयविरिणबुड्डों' (गउड ४१०) IV विणिवेइअ वि [विनिवेदित] जनाया हुआ, ज्ञापित ( से १४, ४०) विणिवेस [विनिवेश] १ स्थिति, उपवेशन । २ विन्यास, रचना (गउड) 1 - विणिवेसि वि[विनिवेशित ] स्थापित, रखा हुआ (गा ६७४; सुर ३, ६५ ) 1 [] पश्चात्ताप, अनुशय (दे ७, ६८) वियत्त देखो विट्टि (सुपा ३३५; भवि; गा ७१; कु १८२ ) विणिवट्ट क [ विनि + वृत् ] निवृत्त होना, पीछे हटना । वकृ. विविट्टमाण ( प्राचा १, ५, ४, ३) वणवण देखो विनियट्टण (राज) 1 विणिवट्टणया स्त्री [विनिवर्तना ] निवर्तन, विराम (भग १७, ३-पत्र ७२७) । विविडिव [निपतित] नीचे गिरा हुधा (दे १,१५७) । विणिवत्ति देखो विणियत्ति (उप ७२८ टी) । विणिवाइ वि [विनिपातिन् ] मार गिराने वाला (गा ६३० ) । विणिवाइज्जत देखो विणिवाए विणिवाइयन [विनिपातिक ] एक तरह का नाटक ( राज) 1 विणिवाइय वि [विनिपातित] मार गिराया हुमा, व्यापादित ( अ ६४८ टी महा स ५६; सिक्खा ८२ ) | ७८३ विणिवाए सक [विनि + पातय् ] मार गिराना । कवकृ. विणिवाइज्जत (पउम ४५, ८) For Personal & Private Use Only विणिवाडिअ देखो विणिवाइय (दे १, १३८) [विनिपात] १ निपात, विणिवाद विणिवाय अन्तिम पतन, विनाशः 'परखग्गेण विदिट्ठो विणिवादो कि न लोगम्मि www.jainelibrary.org

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