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पाइअसद्दमण्णवी
सेज्जंस-सेल
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जिसने भगवान आदिनाथ को इक्षु-रस से | लश्कर जिसमें ३ हाथी, ३ रथः ६ घोड़े और सेप्फ! देखो सेम्ह (हे २,५५, षड् कुमाः प्रथम गारणा कराया था (कप्पः कप २१२)। १५ प्यादें हों (पउम ५६. ५)णिय. सेफ) प्राकृ २२) ३ मार्गशीर्ष मास का लोकोत्तर नाम (सुज णी, णय पुंनो ] सेना-पति, लश्कर सेफ पुंन [शेफ] पुरुष-चिह्न, लिंग (प्राकृ १४)। १०. १६)। ४ भगवान महावीर का पिता का मुखियाः 'सेगारिणग्रोवि ताहे घेत्तूग सेभालिआ स्त्री [शेफालिका] लता-विशेष राजा सिद्धार्थ (पाचा २, १५, ३)। देखो जिणेसर सुरवइस्स' (पउम ३, ७७; सुपा (हे १, २३६, प्राकृ १४) । सिज्जंस, सेअंस = श्रेयांस । ३००3; धर्मवि ८४; पउम ६४,३०), मुह
सेमुसी । स्त्री [शेमुषो] मेधा, बुद्धि (राज; सेजस देखो मेअंस = श्रेयस् (मावम)।
न मिखा वह सेना जिसमें ६ हाथी, ६ सेमही उप पृ३३३; हम्मीर १४, २२) सेज्जा स्त्री शय्या] १ सेज, बिछौना (से १, रथ, २७ घोड़े और ४५ प्यादे हों (पउम
सेम्ह पुंस्त्री [श्लेष्मन] कफ, सेम्हा गरुई' ५७; कुमा) । २ मकान, घर, वसति, उपाश्रय
५६, ५) वइ पुं [पति] सेना का
। (प्राक २२: पि २६७) ।
मुखिया, सेना-नायक (कप्पः पउम ३७, २; सेर वि [स्वैर ] स्वच्छन्दी, स्वतन्त्र, स्वेच्छ (पब १२ सुख १,१५)। "यर पुं [तर] गृह-स्वामी, उपाश्रय का मालिक, साधु को सम २७; सुपा २५५) हिवइ पुं
(स्वप्न ७७ विक्र ३७)। रहने के लिए स्थान देनेवाला गृहस्थ (मोघ
[धिपति वहो पूर्वोक्त अर्थ (सुपा ७३) विमा विकस्वर हे २.७८ कमा)।
सेणावञ्च न [सैनापत्य सेनापतिपन, सेना | २४२; पब ११२; पंचा १७, १७) वाल
सेर पु[दे] सेर, परिमारण-विशेष (पिंग)।
का नेतृत्व (कप्प; प्रौप) । पुपाल] शय्या का काम करनेवाला
सेणि स्त्री [श्रेणि] १ पंक्ति। २ समूह (महा)। चाकर (सुपा ५८७) । देखो सिज्जा।
सेरंधी स्त्री [सैरन्ध्री] नी-विशेष, अन्य के ३ कुम्भकार प्रादि मनुष्य-जाति (णाया १,
घर में रहकर शिल्प-कार्य करनेवाली स्वतन्त्र सेन्जारिअ न [दे] अन्दोलन, हिंडोले में १-पत्र ३७) 10
स्त्री (कप्पू) । भूलना (दे८, ४३) सेणिअ [गिक] १ मगध देश का एक
सेराह पु[दे] प्रश्व की एक उत्तम जाति सेट्टि [दे. श्रेष्ठिन् ] गाँव का मुखिया, प्रख्यात राजा (गाया १,१--पत्र ११; ३७
(सम्मत्त २१६) सेठ, महाजन (दे८, ४२; सम ५१ गाया ठा -पत्र ४५५; सम १५४, उवाः अंत;
सेरिभ पु[दे] धुर्य वृषभ, गाड़ी का बैल १, १-पत्र १६; उवा)। पउम २, १५; कुमा)। २ एक जैन मुनि
(दे ८, ४४) सेडिय न [दे] तृण-विशेष (पएण १-पत्र (कप्प)
सेरिभ देखो सेरिह (सुख ८, १३; दे ८, सेणिआ स्त्री [सेणिका] एक जैन मुनि-शाखा
४४ टी) सेडिया स्त्री [दे. सेटिका] सफेद मिट्टी, खड़ी (कप्प) ।
सेरिय पुत्री [दे] वाद्य-विशेष, 'करडिभंभ(प्राचा २, १, ६, ३)। सेणि स्त्री [सेनिका] छन्द का एक
सेरियहुहुक्कहि' (सण) सेढि स्त्री [श्रेणि] देखो सेढी श्रेणी (सुर सेणिका भेद (पिंग)।
सेरियय पु[दे] गुल्म-विशेष (पएण १३, १७७ ५, १६६)
सेणिग देखो सेणिअ (संबोध ३५) । पत्र ३२) सेढिया। देखो सेडिया (दस ५, १, ३४;
| सेणिग [सैनिक] लश्करी सिपाही (स सेरिह पुत्री [सैरिभ] भैंसा, महिष (गा सेढी । जो ३) ३८१)।
१७२; ७४२; नाट-मृच्छ १३५)। स्त्री. सेढी स्नो [श्रेणी] १ पंक्ति (सम १४२, र
सेणी स्त्री [श्रेणी] देखो सेणि (महाः णाया ही (पान) महा)। २ राशि (अणु)। ३ असंख्य योजन१, १)।
सेरी स्त्री [दे] १ लम्बी प्राकृति। २ भद्र कोटाकोटी की एक नाप (अणु १७३) ।
सेण्ण देखो सिन्न = सैन्य (णाया १,८-पत्र प्राकृति (दे ८,५७)। ३ रथ्या, मुहल्ला देखो सेणि। १४६; गउड)
(सिरि ३१८)। ४ यन्त्र-निर्मित नर्तकी सेण पुं[श्येन] १ पक्षि-विशेष (पउम ८,
सेत्त देखो सित्त = सिक्त (कुप्र १६) । (राज) ७६; दे ७, ८४ वै ७४) । २ विद्याधर- सेत्त (अप) देखो सेअ = श्वेत (पिंग)।
सेरीस पुन [सेरीश] एक गाँव का नाम
(ती ११)। वश का एक राजा (पउम ५, १५) । सेत्तुंज पुं[शत्रुजय] एक प्रसिद्ध पर्वत |
सेल पु[शैल] १ पर्वत, पहाड़ (से २, ११, सेण देखो सेग्ण; ‘मणणरवइणो मरणे मरंति (गाया १, १६--पत्र २२६; अंत)।
प्राप्रसुर ३, २२९)। २ पाषाण, पत्थर मेणाई इंदियमयाई (पारा ६०)। सेद देखो सेअ=स्वेद (दे ४, ३४; स्वप्न (उप १०३१)। ३ न. पत्थरों का समूह (से सेणा स्त्री [सेना] १ भगवान् संभवनाथजी ३९)
६, ३१) कार पुं [कार] पत्थर घड़नेकी माता (सम १५१)। २ लश्कर, सैन्य सेध देखो सेह = सेह (जीव २–पत्र ५२) वाला शिल्पी, शिलावट (अणु १४६) (कुमा) । ३ एक जैन साध्वी, जो महर्षि सेन्न देखो सिन्न = सैन्य (हे १, १५०; कुमाः "गिह न [गृह] पर्वत में बना हुमा घर स्थूलभद्र की बहिन थी (कप्पः पडि)। ४ वह सण सुर १२, १०४ टि)।
(कप्प) जाया श्री [जाया] पार्वती
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