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पुण-पुत्ती पाइअसहमहण्णवो
६०५ ३२) ब्भव [भव] फिर से उत्पत्ति, छट्ठभत्तस्स एगट्ठा' (संबोध ५८)। ३ वि. तारगा, एवं मारिणभद्दस्सवि' (ठा ४, १फिर से जन्म-ग्रहण (चेइय ३५७; प्रौप)। पवित्र, 'थाणुपियाजलपुरण' (कुमा)। पत्र २०४) । 'ब्भू स्त्री [भू] फिर से विवाहित स्त्री, कलसा स्त्री [कलशा] लाट देश के एक पुण्णाग। देखो पुन्नाग (पउम ४३, ३६ से जिसका पुनलंग्न हुआ हो वह महिलाः 'पत्थि गाँव का नाम (राज) घण ( [ घन] पुण्णाम, ६, ५६; हे १, १९०%पि २३१)। पुणब्भूकप्पो त्ति विवाहिया पच्छन्न' (कुप्र विद्याधरों का एक स्वनाम-ख्यात राजा (पउम पुण्णाली स्त्री [दे] असती, कुलटा, चली २०८ २०६) । रवि, 'रावि प [ अपि] | ५, ६५) मंत, मंत्त वि [वत् ] ( दे ६, ५३: षड् ) । फिर भी (उवाः उत्त १०, १६, १९) पुण्यवाला, भाग्यवान् (हे २, १५६, चंड)। पुण्णाह पुन [पुण्याह] १ पुण्य दिन, शुभ 'रावित्ति नी [ आवृत्ति] पुनः प्रावर्तन । देखो पुन्न = पुण्य ।
दिवस (गा १६५; गउड)। २ वाद्य-विशेष (पडि)- रुत्त वि [°उक्त] फिर से कहा | पुण्ण वि [पूर्ण] १ संपूर्ण, भरपूर, पूरा
'पुण्णाहतूरेण' (स ४०१, ७३४) ।। हुआ। २ न. पुनरुक्ति (चेइय ५३८), 'वि प्र[अपि] फिर भी (संक्षि १९ प्राकृ
(मौपः भग; उवा)। २j. द्वीपकुमार देवों पुण्णमसा बापूणमासा] पूाणमा (सबाष ८७) व्वसु पुं [वसु] १ नक्षत्र-विशेष
का दाक्षिणात्य इन्द्र (इक)। ३ इक्षुवर समुद्र | का अधिष्ठायक देव (राज)। ४ तिथि-विशेष, पुण्णमा
पुण्णिमा स्त्री [पूर्णिमा] तिथि-विशेष, पूर्ण(सम १०; ६६)। २ पाठवें वासुदेव के
पक्ष की पांचवीं, दसवीं और पनरहवीं तिथि
| मासी (काप्र १९४)। यंद पुं[चन्द्र] पूर्व जन्म का नाम (सम १५३; पउम २०, १७२)
(सुन १०, १५)। ५ पूंन. शिखर-विशेष पूणिमा का चन्द्र (महा; हेका ४८)
(इक)। कलस [कलश संपूर्ण घट पुष्णिमासिणी देखो पुण्णमासिणी (सम पुण (अप) देखो पुण्ण = पुण्य । °मंत वि
(जं १) 'घोस [घोष ऐरवत वर्ष ६६; श्रा २६ सुज्ज १०, ६)। [°मत् ] पुण्यशाली (पिंग)।
का एक भावी जिन-देव (सम १५४) चंद पुत्त पुं [पुत्र] लड़का (ठा १०; कुमा, सुपा पुणअ सक [दृश् ] देखना। पुणअइ (धात्वा पुं[चन्द्र] १ संपूर्ण चन्द्रमा। २ विद्याधर | ६६ ३३४. प्रासू २७; ७७ पाया १, २)। १४५)।
वंश के एक राजा का नाम (पउम ५, ४४)। बई स्त्री [वती] लड़कावाली स्त्री (सुपा पुणइ पुं[दे] श्वपच, चाण्डाल (दे ६, ३८)। प्पभ [प्रभ] इक्षुवर द्वीप का अधिपति । २८१)। पुणण वि [पवन] पवित्र करनेवाला। स्त्री.
देव (राज)। भद्द पुं[भद्र] १ स्वनाम- पुत्तंजीवय ( [पुत्रंजीवक] वृक्ष-विशेष, णी (कुमा)।
ख्यात एक गृह-पति, जिसने भगवान महावीर पूतजीया, जियापोता का पेड़; 'पुत्तंजीवपरिट्टे'
के पास दीक्षा लेकर मुक्ति पाई थी (अंत)। २ पुणरुत्तम. कृत-करण, बारंबार, फिर-फिर;
(परागण १-पत्र ३१)। २ न. जियापोता पुणरुत्तं । 'अइ सुप्पइ पंसुलि णीसहेहिं अंगेहि
यक्ष-निकाय का एक इन्द्र (४, १) । ३ पुंन. का बोजा 'पुत्तंजीवयमालालंकिएणं' (स पुणरुत्त' (हे १, १७६; कुमा), 'ण वि तह
अनेक कूट-शिखरों का नाम (इक)। ४ यक्ष का | ३३७)। छेअरपाइँवि हरंति पुणरुतरापरसिपाई'
चैत्य-विशेष (प्रौप; विपा १, १, उवा)। पुत्तय [पुत्रक] देखो पुत्त (महा)। (गा २७४) ।
'मासी स्त्री ['मासी] पूणिमा तिथि (दे) पत्तरे पंखी [दे] योनि, उत्पत्ति-स्थान; 'पृत्तरे
°सेण सेन राजा श्रेणिक का पुत्र, पुणा . अ. देखो पुण= पुनर् (पि ३४३;
योनौ' (संक्षि ४७)। जिसने भगवान् महावीर के पास दीक्षा ली थी | पुणाइ हे १, ६५ कुमाः पउम ६, १७
थी पुत्तलय पुं [पुत्रक] पूतला (सिरि ८६१; पुणाई । उवा)। (अनु) । देखो पुन्न = पूर्ण।
६२, ६४)। पुणु (अप) देखो पुण = पुनर्, (कुमाः पि |
पुण्णमासिणी स्त्री [पौर्णमासी] तिथि-विशेष, पुत्तलिया। स्त्री [पुत्रिका] शालभजिका, पूतली पूर्णिमा (औपः भग) -
पुत्तली ३४२)।
(पान; कुम्मा ६; प्रवि १३; सुपा
२६९; सिरि ८१५)। पुणो देखो पुण = पुनर् (ौपः कुमाः प्राकृ पुण्णवत्त न [दे] प्रानन्द से हृत वस्त्र (दे ६,
पुत्तह देखो पुत्त (प्राकृ ३५) । ५३; पान)
पुत्ताणुपुत्तिय वि [पौत्रानुपुत्रिक] पुत्रपुणोत्त देखो पुण-रुत्त, पुणरुत्त (प्राकृ ३०)।
पुण्णा स्त्री [पूर्णा] १ तिथि-विशेष, पक्ष की पौत्रादि के योग्य, 'पुत्ताणपुत्तियं वित्ति पुणोल्ल सक [प्र+नोदय ] १ प्रेरणा
५, १० और १५ वीं तिथि (संबोध ५४ | कप्पेति' (पाया १, १-पत्र ३७)।करना । २ अत्यन्त दूर करना । पुषोल्लयामो सुज १०, १५)। २ पूर्णभद्र और मणिभद्र पुत्तिआ स्त्री [पुत्रिका] १ पुत्री, लड़की (उत्त १२, ४०)।
इन्द्र की एक महादेवी–अग्र-महिषी (इका (मभि १७८)। २ पूतली (द ६, ६२, पुण्ण पुंन [पुण्य] १ शुभ कर्म, सुकृत (प्रौपः णाया २); 'पुरणभद्दस्स एणं जक्खिदस्स कुमा)महा; प्रासू ७५ पाय)। २ दो उपवास, जक्सरनो चत्तारि भग्गमहिसीनो पएणत्तामो पुत्तिल्ल देखो पुत्त (प्राक ३५)। बेलाः 'भई पुर्ण (? एणं) सुही (? हि)यं । तं जहा-पुत्ता(? एणा) बहुपुत्तिमा उत्तपा पुत्ती स्त्री [पुत्री] लड़की (कप्पू)।
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