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राइ-राम
पाइअसहमहण्णवो
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राइ देखो रत्ति (हे २, ८८, काप्र १८६ राइल वि [रागिन् ] राग-युक्त ( देवेन्द्र राज देखो राय% राजन् (हे ४, २६७; पि महा; षड् )। २ चमरेन्द्र की एक अन- २७८)।
१६८)। महिषी (ठा ५, १--पत्र ३०२)। ३ राई स्त्री [राजी] देखो राइम्राजि (गउड; राजस वि [राजस] रजो-गुण-प्रधान, 'राजईशानेन्द्र के सोम लोकपाल की एक पटरानी सुपा ३४ भासू ६२; पव २५६)। सचित्तस्स पुरस्स' (कुप्र ४२८) । (ठा ४, १--पत्र २०१), "भत्त न राई स्त्री रात्रि देखो राइस रात्रि (पामा राडि स्त्री [राटि] बम, चिल्लाहट (मुख [भक्ता रात्रि-भोजन, रात में खाना (सुपा गाया २-पत्र १५०प्रोप: सुपा ४६१९२१५ ४८५), भोअण न [भोजन] वही कस)। "दिवस न ["दिवस] रात्रिदिवस, राशि
' राडि स्नो [दे. राटि] संग्राम, लड़ाई (दे
में अर्थ (सम ३६; कस)। देखो राई = रात्रि ।। अहर्निश (सुपा १२७)। राइ स्त्री [राजि] पंक्ति, श्रेणी (पाम प्रौप)। राईमई स्त्री [राजीमतो] राजा उग्रसेन की |
| राढा स्त्री [राढा] १ विभूषा (धर्मसं १०१८; २ रेखा, लकीर (कम्म १, १६, सुपा पुषी और भगवान् नेमिनाथ को पत्नी (पडि)
कप्पू)। २ भव्यता (वज्जा १८)। ३ बंगाल १९७)। ३ राई, राज-संर्षप, एक प्रकार का राईव न [राजीव कमल, पद्म (पाम; हे
का एक प्रान्त । ४ बगाल देश का एक मसाला (दे ६, ८८) १, १८०)।
नगरी (कप्पू)। इत्त वि [वत् ] भव्य राइ वि [रागिन् राग-युक्त, रागवाला (दसा राईसर पुंराजेश्वर] १ राजाओं के मालिक,
प्रात्माः ‘गंजरणरहियो धम्मो राडाइताण ६) । श्री. णी (महा)। महाराज । २ युवराज (प्रौपः उवा; कप्प)
संपडई' (वज्जा १८), मणि [मणि] राइ वि [राजिन शोभनेवाला (निचू १६) राउत्त धू [राजपुत्र] राजपूत, क्षत्रिय
काच-मणि (उत्त २०, ४२) । राई देखो राय = राजन् (हे २, १४८; ३, (
(प्राकृ ३०)। २०)
राग सक [वि+नम् ] विशेष नमना । ५२, ५३; कुमा)। राउल पुं [राजकुल] १ राजानों का यूथ,
राणइ (?) (धात्वा १४६)। राइअ वि [राजित] शोभित (से १, ५६;
राज-समूह (कुमाः हे १, २६७ प्राप्र)। २ कुमा, ६, ६३)।
राजा का वंश (षड्)। ३राज-ह. दरबार राणपुराजन् राणा, राजा (चंड सिरि
'णं दिसस्स राउलस्स दूरेण पणामो कीरदि, राइअ वि [रात्रिक] रात्रि-सम्बन्धी (उत्त
जत्थ बंभणावि एवं विडंबिज्जंति' (मोह
राणय पुं [राजक] १ राणा, राजा (ती २६, ४६; प्रौपः पडि)। ११)। देखो राओल।
१५: सिरि १२३, १२५)। २ छोटा राजा राइआ स्त्री [राजिका] राई का गाछ,
(सिरि ६८६; १०४०)। राउलिय वि [राजकुलिक राजकुल-सम्बन्धो राणिआ। स्त्री राज्ञिका, 'ज्ञी] रानी, राज'गोलाणई कच्छे चक्खतो राइपाइ पत्ताई' (गा १७१ अ)। देखो राइगा। (सुख २,..)
राणी पत्नी (कुमा ३ श्रावक ६३ टी; राइंद पुं[राजेन्द्र] बड़ा राजा (कुमा)।
सिरि १२५, २६७)।राउल्ल देखो राइक्क (प्राकृ ३५)। राएसि पु [राजर्षि] १ श्रेष्ठ राजा। २
श्री राजा राइंदिअ ' [रात्रिन्दिव] रात-दिन, अहोरात्र
राम सक [रमय ] रमण कराना । कृ. (भगः प्राचा; कप्पः पव ७८ सम २१)। ऋषि-तुल्य राजा, संयतात्मा भूपति (अभि
रामेयव्य (भत्त ८५) । ___३६; विक्र ६८ मोह ३)।
राम पु[राम १ श्री रामचन्द्र, राजा दशरथ राइक वि [राजकीय] राज-सम्बन्धी (हे २,
राओम [रात्रौ] रात में (णाया १,१- का बड़ा पुत्र (गा ३५, उप पृ ३७५; कुमा)। १४८; कुमा) पत्र ६१; सुपा ४६७ कप्प)।
२ परशुराम (कुमा १, ३१)। ३ क्षत्रिय राइगा स्त्री [राजिका ] राई, राज-सरसों
राओल देखो राउला (कुप्र ४५)।
परिव्राजक-विशेष (प्रौप)। ४ बलदेव, बलभद्र,
'तो किषि घणं सयहिं राइणिअ वि [रानिक] १ चारित्रवाला,
वासुदेव का बड़ा भाई (पास) । ५ वि. रमनेसंयमी (पंचा १२, ६)। २ पर्याय से ज्येष्ठ,
वाला (उप पू ३७५) कण्ह पु[कृष्ण] विलसियं किपि वाणिपुत्तेहि । किपि गयं राम्रोले एस
राजा श्रेणिक का एक पुत्र (राज), कण्हा साधुत्व-प्राप्ति की अवस्था से बड़ा (सम
अपृत्तत्ति भणिऊण ॥
स्त्री [कृष्णा] राजा श्रेणिक की एक पत्नी ३७ ५८ कप्प)
(धर्मवि १४०)
(मंत २५)। 'गिरि पु ["गिरि] पर्वतराइणिअपि [राजकल्प] राजा के समान राग देखो राय = राग (कप्पा सुपा २४१)
विशेष (पउम ४०, १६) । गुत्त पु वैभववाला, श्रीमन्त (सूम १, २, ३, ३)। रागि देखो राइ=रागिन् (पउम ११७,४१)।
[गुप्त] एक राजर्षि (सूम १, ३, ४, २)। राइण्ण राजन्य राजवंशीय, क्षत्रिय राघव देखो राहव । घरिणी स्त्री गहिणी देव पुं[देव श्रीरामचन्द्र (पउम ४५, राइन्न ।(सम १५१, कप्पः प्रौप; भग)। | सीता, जानकी (पउम ४६, ५७)
२६) + पुत्त पुं [पुत्र] एक जैन मुनि राइलेऊण संकृ. चीरकर (नंदीटिप्पनक राच पै. पै] देखो राय =राजन् (हे
(अनु २) - 'पुरी स्त्रो [पुरा] अयोध्या प्रथिम पादलिप्तकथा वैनयिकी बुद्धि विषयक) राचि४, ३२५, ३०४ प्राप्र)
नमरी (तो ११)। रक्खिालो [रक्षिता]
क
का एक प्र
श्री
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