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दुज्झोसिअ-दुद्धिणी पाइअसहमहण्णवो
४६६ दुज्झोसिअ वि [दुःक्षपित] कष्ट से नाशित | दुत्तर वि [दुस्तर] दुस्तरणीय, दुलंध्य (सुपा | दुद्दिवि [दुष्ट] १ बुरी तरह से देखा (प्राचा)। ४७; ११५; सार्ध ६१)
हुआ। २ वि. दुष्ट दर्शनवाला (पएह १, दुढ वि [दुष्ट] दोष-युक्त, दूषित (ोघ १६२, दुत्तडी स्त्री [दुस्तटी] १ नदी । २ खराब २-पत्र २६)। पान; कुमा) प पु [त्मन् दुष्ट जीव, | किनारा वाली नदी (धम्म १२ टी) दुद्दिण न [दुर्दिन] बादलों से व्याप्त दिवस पापी प्राणी (पउम ६, १३६, ७५, १२) दुत्तव वि [दुस्तप] कष्ट से तपने योग्यः दुःख (मोघ ३६०)। दुट्ठ वि [दे. द्विष्ट] द्वेष-युक्त (प्रोघ ७५७;
| से करने योग्य (तप) (धर्मा १७) दुद्देय वि [दुर्देय दुःख से देने योग्य (उप कस); 'प्ररत्तदुटुस्स' (कुप्र ३७१)। दुत्तार वि [दुस्तार दुःख से पार करने | ६२४) दुट्ठाण न [दुःस्थान] दुष्ट जगह (भग १६, योग्य, दुस्तर (से ३, २५, ६,१०) | दुद्दोलना स्त्री [दे] गौ, गैया (षड्)।
दुत्ति प्रदे] शोध्र, जल्दी (दे ५, ४१; दुद्दोली स्त्री [दे] वृक्ष-पंक्ति, पेड़ों की कतार दुटठु अ[दुष्टु] खराब, असुन्दर (उप ३२० पान)
(दे ५, ४३ पात्र) टी; निर १, १, सुपा ३१८ हे ४, ४०१)। दुत्तिइक्ख ! देखो दुतितिक्ख (प्राचाः दुद्ध न [दुग्ध] दूध, क्षीर (विपा १, ७) । दुण्णय देखो दुन्नय (विक्र ३७; प्रावम)। दुत्तितिक्ख । राज)।
जाइ स्त्री [जाति] मदिरा-विशेष, जिसका दुण्णाम न [दुर्नामन्] १ अपकीति अपयश ।
दुत्तंड पुं [दुस्तुण्ड] दुमुख, दुर्जन, (सुपा | स्वाद दूध के जैसा होता है (जीव ३)। २ दुष्ट नाम, खराब पाख्या। ३ एक प्रकार
'समुद्द पुं ["समुद्र] क्षीर-तमुद्र, जिसका का गर्व (भग १२, ५)।
दुत्तोस वि [दुस्तोष] जिसको संतुष्ट करना | पानी दूध की तरह स्वादिष्ट है (गा ३८८)। दुण्णिअ वि [दून पीड़ित, दुःखित (गा कठिन हो वह (दस ५)10
दुद्धंस वि [दुवस] जिसका नाश मुश्किल दुस्थ न [दे] जघन, स्त्री की कमर के नीचे से हो (सुर १, १२) दुण्णिअ देखो दुन्निय (राज)। | का भाग (दे ५, ४२)।
दुद्धगंधिअमुह पुं[दे] बाल, शिशु, छोटा दुण्णिअत्थ न [दे] १ जघन पर स्थित | दुत्थ वि [दुःस्थ] दुर्गत, दुःस्थित (ठा ३, लड़का (दे ५, ४०)।वस्त्र । २ जघन, स्त्री के कमर के नीचे का ३; भवि)
दुद्धगंधिअमुही स्त्री [दे] छोटी लड़की भाग (दे ५, ५३) ।
दुत्थ न दिौःस्थ्य] दुर्गति, दुःस्थता (सुपा | | (पान)। दुण्णिक वि [दे] दुश्चरित, दुराचारी (द| २४४); 'नहि विधुरसहावा हुति दुत्थेवि दुद्धट्टी । स्त्री [दे] १ प्रसूति के बाद तीन धौरा' (कुप्रा ५४)।
दुद्धट्ठी दिन तक का गो-दुग्ध (पभा ३२)। दुण्णिकम वि [दुनिष्क्रम जहाँ से निकलना | दुस्थिअ वि [दुःस्थित] १ दुर्गत, विपत्ति- २ खट्टी छाछ से मिश्रित दूध (पव ४-गा कष्ट-साध्य हो वह (राज ७, ६)
ग्रस्त (रयण ७५; भवि, सण)। २ निर्धन, | २२८) दुण्णिक्खित्त वि [दे] १ दुराचारी । २ | गरीब (कुप्र १४६) ।
दुद्धर वि [दुर्धर] १ दुवंह, जिसका निर्वाह कष्ट से जो देखा जा सके (दे ५, ४५)। दुत्थुरहंड पुंस्त्री [दे] झगडाखोर, कलह-शील
मुश्किल से हो सके वह (पएण १-पत्र ४ दुण्णिक्खेव वि [दुर्निक्षेप] दुःख से स्थापन | (दे ५, ४७)। स्त्री. °डा (दे ५, ४७) ।
सुर १२, ५१)। २ गहन, विषम (ठा ६, करने योग्य (गा १५४)
भवि) । ३ दुर्जय (कुमा)। ४ पुं. रावण का दुत्थोअ पुं[दे] दुर्भग, प्रभागा (दे ५, ४३) दुण्णिवोह देखो दुन्निबोह (राज)।
एक सुभट (पउम ५६, ३०)।। | दुदंत वि [दुर्दान्त] उद्धत, दमन करने को दुण्णिमिअ वि [दुनियोजित] दुःख से |
दुद्धरिस वि [दुर्धर्ष] १ जिसका सामना अशक्य, दुर्दमः 'विसयपसत्ता दुइंतइंदिया जोड़ा हुमा (से १२, १६) देहिणो बढे (सुर ८, १३८ गाया १,५;
कठिनता से हो सके, जीतने को अशक्य (पग्रह दुण्णिमित्त न [दुनिमित्त] खराब शकुन,
२, ५, कप्प)। सुपा ३८०) महा) अपशकुन (पउम ७०, ५)। दुईस वि [दुर्दश] दुरालोक, जो कठिनाई
| दुद्धवलेही स्त्री [दे] चावल का आटा डालकर दुण्णिविट्ठ वि [दुर्निविष्ट] दुराग्रही, हठी, | से देखा जा सके (उत्तर १४१)
पकाया जाता दूध (पव ४-गाथा २२८)। जिद्दी (निचू ११) । दुईसण वि [दुर्दर्शन] जिसका दर्शन दुर्लभ |
दुद्धसाडी स्त्री [दे] द्राक्षा मिलाकर पकाया दुण्णिसीहिया स्त्री [दुर्निषद्या] कट-जनक हो वह (गा ३०)।
जाता दूध (पव ४-गाथा २२८)। स्वाध्याय-स्थान (पएह २, ५)
दुहम वि [दुर्दम] १ दुर्जय, दुनिवार (सुपा दुद्धिअ न [दे] कद्द, लौकीः गुजराती में दुण्णेय वि[दुर्जेय जिसका ज्ञान कष्ट-साध्य ।
२४); 'दुद्दमकद्दमें (श्रा १२) । २ पुं. राजा _ 'दूधो; (पाप)। हो वह (उवर १२८ उप ३२८)। अश्वनीव का एक दूत (आक)
दुद्धिणिआ नो [दे] १ तैल मादि रखने दुतितिक्ख वि [दुस्तितिक्ष] दुस्सह, जो दुहम [दे] देवर, पति का छोटा भाई (दे| दुद्धिणो का भाजन । २ तुम्बी (दे ५, दुःन से सहन किया जा सके वह (ठा ५,१) ५, ४)।
| ५४)।
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