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या
पाडकूल वि [प्रतिक
भिसारपुत्तस्स
पडिओसह-पडिक्खलिअ
पाइअसद्दमहण्णवो पडिओसह न [प्रत्यौषध] एक औषध का अमि च नवमि च' (वव १) । २ प्रतिकूल पडिक्कमण न [प्रतिक्रमण] १ निवृत्ति, प्रतिपक्षी औषध (सम्मत्त १४२)।
(स २७०); 'अन्नोन्नं पडिकुट्ठा दोनिवि एए व्यावर्तन । २ प्रमाद-वश शुभ योग से गिर कर पडिंसुआ देखो पडंसुआ = प्रतिश्रुत (औप)। असव्याया' (सम्म १५३)।
अशुभ योग को प्राप्त करने के बाद फिर से शुभ पडिंसुद वि [प्रतिश्रुत] अंगीकृत, स्वीकृत पडिकुटेल्लग देखो पडिकुटिल्लग (वव १)।
योग को प्राप्त करना। ३ अशुभ व्यापार से (प्रात: पि ११५)।
निवृत्त होकर उत्तरोत्तर शुद्ध योग में वर्तन पडिकूड देखो पडिकूल = प्रतिकूल (सुर ११, पडिकंटय वि [प्रतिकण्टक] प्रतिस्पर्धी । २०१)।
(पएह २,१; औपः चउ ५; पडि)। ४ मिथ्या(राय)। पडिकूल सक [प्रतिकूलय ] प्रतिकूल पाच
दुष्कृत-प्रदान, किए हुए पाप का पश्चात्ताप पडिकंत देखो पडिकंत (उप २२० टी)। रण करना । वकृ. 'पडिकूलतस्स मज्झ जिण
(ठा१०)। ५ जैन साधु और गृहस्थों का पडिकत्तू वि [प्रतिकर्त] इलाज करनेवाला
सुबह और शाम को करने का एक आवश्यक वयणं' (सुपा २०७; २०६)। कृ. पडिकूले(ठा ४, ४)।
अनुष्ठान (श्रा ४८)। यव्य (कुप्र २४२)। पडिकप्प सक [प्रति + कृप] १ सजाना, सजावट करना "खिप्पामेव भो देवाशापिया पाडकूल वि [प्रतिकूल] १ विपरीत. उलटा पाडकमय वि [ प्रतिक्रामक 1 प्रतिक्रममा
__ करनेवाला, 'जीवो उ पडिक्कमग्रो असुहाणं (उत्त १२)। २ अनिष्ट, अनभिमत (प्राचा)। कूणियस्स रएको भिभिसारपुत्तस्स प्राभिसेकं
पावकम्मजोगाणं' (पानि ४)। हत्थिरयणं पडिकप्पेहि' (प्रौप), पडिकप्पेइ
३ विरोधी, विपक्ष (हे २, ६७) । पडिकूलणा स्त्री [प्रतिकूलना] १ प्रतिकूल
पडिक्कमिउं देखो पडिक्कम । काम वि (प्रौप)। । प्राचरण । २ प्रतिकूलता, विरोध (धर्मवि |
[काम] प्रतिक्रमण करने की इच्छावाला पडिकप्पिअ वि [प्रतिक्लप्त] सजाया हुआ
(गाया १,५)। (विपा १, २-पत्र २३; महा: प्रौप)।
५८)। पडिकूलिय वि [प्रतिकूलित] प्रतिकूल किया
पडिक्कय पुं[दे] प्रतिक्रिया, प्रतीकार (दै ६, पडिकम देखो पडिक्कम । कृ. 'पडिकमणं
१६)। पडिकममो पडिकमिअव्वं च प्राणपुवीए' हुआ (सज)।
पडिक्कामणा स्त्री [प्रतिक्रमणा] देखो पडि(पानि ४)। पडिकूवग प्रतिकूपक] कूप के समीप का
क्मण (ोघ ३६ भा)। पडिकमय न देखो पडिक्कमय (पानि ४)।
छोटा कूप (स १००)।
पडिक्कूल देखो पडिकूल (हे २,६७, षड् )। पडिकम्म न [प्रतिकर्मन्, परिकर्मन] देखो पडिकेसव पुं [प्रतिकेशव] वासुदेव का
प्रतिपक्षी राजा, प्रतिवासुदेव (पउम २०, परिकम्म (प्रौपः सण)।
पडिक्ख सक [प्रति + ईक्ष] १ प्रतीक्षा
करना, बाट देखना, बाट जोहना। २ अक. पडिकय वि [प्रतिकृत] १ जिसका बदला २०४)।
स्थिति करना । पठिक्खइ (षड् ; महा)। वकृ. चुकाया गया हो वह । २ न. प्रतिकार, बदला
पडिकोस सक [प्रति + अश] आक्रोश (ठा ४, ४)
पडिक्खंत (पउम ५, ७२)। करना, कोसना, शाप या गाली देना। पडिकोसह (सूय २, ७, ९)।
पडिक्खअ वि [प्रतीक्षक] प्रतीक्षा करनेपडिकाऊण खा पाडअर-प्रति + कृ। पडिकोह पुं [प्रतिक्रोध] गुस्सा ( दस ६,
वाला, बाट जोहनेवाला (गा ५५७ प्र)। पडिकामणा देखो पडिक्कामणा (प्रोघभा |
पडिक्खंभ [प्रतिस्तम्भ] अर्गला, अरगला, ३६ टी)।
पडिक्क न [प्रत्येक प्रत्येक, हरएक (प्राचा)। पागल, अगरी, ब्योंड़ा (से ६, ३३)। पडिकाय पुं[प्रतिकाय] प्रतिबिम्ब, प्रतिमा पडिक्कत वि [प्रतिकान्त पीछे हटा हुआ, पडिक्खण न [प्रतीक्षण] प्रतीक्षा, बाट, राह (चेइय ७५)।
निवृत्त (उवाः परह २, १; श्रा ४३, सं (दे १, ३४; कुमा)। पडिकिदि स्त्री [प्रतिकृति] १ प्रतिकार, १०६)।
पडिक्खर वि [दे] १ क्रूर, निर्दय (दे ६, इलाज । २ बदला (दे ६, १६)। ३ प्रति- पडिक्कम अक [प्रति क्रम् ] निवृत्त होना, २५) । २ प्रतिकूल (षड़)। बिम्ब, मूर्ति (अभि १६६)।
पीछे हटना। पडिक्कमइ (उवः महा)। पडिक्खल प्रक[प्रति + स्खल ] १ हटना। पडिकिय न [प्रतिकृत] ऊपर देखो (चेइय
पडिक्कमे (था ३; ५; पच १२)। हेकृ. २ गिरना । ३ रुकना। ४ सक. रोकना ।
पडिक्कमिउं, पडिक्कमित्तए (धर्म २; वकृ. पडिक्खलंत (भवि)। पडिकिरिया स्त्री प्रतिक्रिया] प्रतीकार,
कसा ठा २, १)। संकृ. पडिक्कमित्ता पडिक्खलग न [प्रतिस्खलन] १ पतन । २ वदला; 'कयपडिकिरिया' (प्रौप)। (प्राचा २, १५) । कृ. पडिक्कंतव्य,
अवरोध (प्रावम)। पडिकुट्ठीवि [प्रतिक्रुष्ट] १ निषिद्ध, पाडकामयव्य (प्रावमा अघि ८००)। पडिक्खलिअ वि [प्रतिस्खलित] १ परावृत्त, पडिकुट्ठिल्लग) प्रतिषिद्ध ( मोघ ४०३; पच्च पडिक्कम [प्रतिक्रम] देखो पडिक्कमण, पीछे हटा हुआ (से १, ७)। २ रुका हुआ ८ सुपा २०७); 'पडिकुटिल्लगदिवसे वज्जेजा 'गिहिपडिक्कमाइयाराग' (पव-गाथा २)। (से १, ७, भवि)। देखो पडिखलिअ ।
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