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पिअ-पिउ पाइअसहमहण्णवो
५६५ कुमा)। अमा स्त्री [तमा] पत्नी, भार्या पिअंगु पु [प्रियङ्ग] १ वृक्ष-विशेष, प्रियंगु, पिआरी (अप) लौ [प्रियतरा] प्यारी, प्रिया, (कुमा)। 'अर वि [कर] प्रीति-जनक ककूदनी का पेड़ (पाम प्रौप; सम १५२)। पत्नी (पिंग)। lam_fun)| कागिणी सीकारिणी]। २ कंगु, मालकाँगनी का पेड़, 'पियंगुणो पिआल |प्रियाला वक्ष-विशेष, पियाल. भगवान् महावीर की माता का नाम, त्रिशला कंग' (पाप)। ३ नी. एक स्त्री का नाम चिरौंजी का पेड़ (कुमा, पाम, दे ३, २१, देवी (कप्प)। गंथ [ग्रन्थ] एक प्राचीन (विवा १, १०)। लइया स्त्री [°लतिका] |
पएण १)। जैन मुनि, प्राचार्य सुस्थित और सुप्रतिबद्ध का एक स्त्री का नाम (महा)।
पिआलु पुं [प्रियालु] वृक्ष-विशेष, खिन्नो, एक शिष्य (कप्प)। "जाअ वि [जाय]
पिअवय वि [प्रियंवद] मधुर-भाषी (सुर १, खिरनी का गाछ (उर २, १३)। जिसको पत्नी प्रिय हो वह (गा ५१८)।
पियासा देलो पिवासा (गा ८१४)। जाआ स्त्री [जाया] प्रेम-पात्र पत्नी पिअंवाइ वि [प्रियवादिन] ऊपर देखो (उत्त
पिइ देखो पीइ; 'तेणं पिइए सिटुं' (पउम ११, (गा १६६)। "दसण वि [दर्शन] १ ११, १४, सुख ११, १४)। जिसका दर्शन प्रिय-प्रीतिकर हो वह पिअण न [दे] दुग्ध, दूध (दे ६,४८)।
| पिइ पुं [पित १ पिता, बाप (उप ७२८ (णाया १,१-पत्र १६ औप)। २ पुं. पिअण न [पान] पीना, 'तुहथन्नपियणनिरय'
टी)। २ मघा-नक्षत्र का अधिष्ठायक देव (सुन देव-विशेष (ठा २, ३-पत्र ७९)। (धर्मवि १२५; सुख ३, १, उप १३६ टी;
१०, १२; पि ३६१)। "मेह पुं[ मेध] 'दसणा स्त्री [°दर्शना] भगवान महावीर । स २६३, सुपा २४५; चेइय ५७०)।
यश-विशेष, जिसमें बाप का होम किया जाय की पुत्री का नाम (आवम)। धम्म विपिअणा स्त्री [पृतना] सेना-विशेष, जिसमें क यज्ञ (पउम ११, ४२)।वण न [°वन] [धर्मन] १ धर्म की श्रद्धावाला (णाया
२४३ हाथी, २४३ रथ, ७२६ घोड़े और श्मशान (सुपा ३५६)। हर न [गृह] १,८)। २ पुं. श्री रामचन्द्र के साथ जैन १२१५ प्यादें हो वह लश्कर (पउम ५६, ६)। पिता का घर, पीहर (पउम १८, ७ सुर ६, दीक्षा लेनेवाला एक राजा (पउम ८५, ५)। पिअमा स्त्री [दे] प्रियंगु वृक्ष (दे ६, ४६; -२३६)। देखो पिंड। 'भाउग पुं [भ्रात] पति का भाई (उप
पाम)। ६४८ टी)। भासि वि [ भाषिन् प्रिय-
पिइज पुं[पितृव्य] चाचा, बाप का भाई भारतीय 21 कोकिला. पिकी
| 'सुपासो वीरजिपिइन्जो (? ज्ज) (विचार वक्ता (महा ५८)। "मित्त पुं["मित्र]
१
पास एक जैन मुनि, जो अपने पीछले भव में पाँचवाँ पिअय ' [प्रियक] वृक्ष-विशेष, विजयसार पिइय वि[ पैतृक] पिता का, पितृ-संबन्धी
४७८)। वासुदेव हुआ था (पउम २०, १७१)।।
(भग)। 'मेलय वि [ मेलका १ प्रिय का मेल-पिअर पन [पित], माता-पिता. मां-बाप
पिंउ [पितृ] १ बाप, पिता (सुर १, संयोग करानेवाला। २ न. एक तीर्थ (स | 'सवंत निएणयमिमं पियरा', 'पियराई स्य- पिउअ१७६; औपः उव; हे १, १३१) । ५५१)। उय वि [युष्क] जीवित-प्रिय
ताई' (धर्मवि १२२) । २ पुं. पिता, बाप २ पुन. माँ बाप, माता-पिताः 'अन्नया मह (माचा)। यग वि [यत, त्मिक] (प्राप्र)।
पिऊणि गाम पत्ताई' (धर्मवि १४७ सुपा प्रात्म-प्रिय (प्राचा)।
पिअरंज सक [भञ्ज] भाँगना, तोड़ना। ३२६)। कम्म पुं [क्रम] पितृ-वंश, पिअ देखो पीअ; 'पीपापीअं पिप्रापिन' (प्रातः पिअरंजइ (प्राकृ. ७४)।
पितृ-कुल (कुमा)। कुल न [°कुल] पिता सण भवि)। पिअल (अप) देखो पिअ = प्रिय (पिंग)।
का वंश (षड्)। घर न [गृह] पिता का पि देखो पिउ (प्रासू ७६; १०८)। हर
पिआ स्त्री [प्रिया] पत्नी, कान्ता, भार्या घर, पीहर (सुपा ६०१)। च्छा, च्छी न [गृह] पिता का घर, पीहर, नैहर, मैका (कुमाः हेका ६६)।
को [ध्वस्] पिता की बहिन, फूमा, बूमा, (पउम १७, ७)।
पिआमह पुं [पितामह] १ ब्रह्मा, चतुरानन फुफू (गा ११०० हे २, १४२, पामः
(से १,१७ पापा उप ५६७ टी; स २३१)। पिअआ देखो पिआ (श्रा १६)।
पाया १, १६ ), 'कोंति पिउत्थि (? छि)
२ पिता का पिता, दादा (उव)। तणभ पुं सक्कारेइ' (णाया १, १६-पत्र २१६) । पिअइउ (अप) वि [प्रीणयितु] प्रीति उप
[तनय] जाम्बवान्, वानर-विशेष (से ४, पिड 'पिण्ड] मृतक-भोजन, श्राद्ध में जानेवाला, खुश करनेवाला (भवि)।
३७)। थ न [न] अस्त्र-विशेष, ब्रह्मास्त्र दिया जाता भोजन (पाचा २, १, २)। पिअउल्लिय (अप) देखो पिआ (भवि)। (से १५, ३७)।
भगिणी स्त्री [भगिनी] फूफी, पिता की पिअंकर वि [प्रियंकर] १ अभीष्ट-कर्ता, इष्ट- पिआमही स्त्री [पितामही] पिता की माता, बहिन (सुर ३, ८२) । 'वह पुं[पति यम, जनक (उत्त ११, १४) । २ पृ. एक चक्रवर्ती | दादी (सुपा ४७२)।
यमराज (हे १, १३४) । वण न ["वन] राजा (उप ६७२)। ३ रामचन्द्र के पुत्र लव पिआर (अप)। वि [प्रियतर] प्यारा (कुप्र श्मशान (पउम १०५, ५१, पानः हे १, का पूर्व जन्म का नाम (पउम १०४, २९)।। ३२; भवि)।
१३४) । 'सिआ स्त्रो [ध्वस्] फूफी (हे
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