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विमाण
राक्षस-वंश का एक राजा, एक लंकापति ( पउम ५, २६६) । त्रिकंप पुंन ["विक्रम्प ] चन्द्र का विकम्प-क्षेत्र (जो १० ) । न [विमान ] चन्द्र का विमान (जं ७ ) । 'विलासि वि [ विलासिन् ] चन्द्र के तुल्य मनोहर (राय) । वेग पुं ['वेग] एक विद्याधर- नरेश (महा) । संवच्छर पुं [ संवत्सर ] वर्ष विशेष, चान्द्र मासों से निष्पन्न संवत्सर (चंद १० ) । साला स्त्री [शाला ] अट्टालिका, अटारी (दे ३, ६) ४ सालिया स्त्री [शालिका ] अट्टालिका ( गाया १, १ ) । सिंग न [शृङ्ग] देवविमान विशेष (सम ८ ) 1 सिटून [शिष्ट ] एक देवविमान (सम ८) । सिरी स्त्री [श्री] द्वितीय कुलकर पुरुष की माँ का नाम ( श्राचू १) । सिहर [शिखर ] विद्याधर वंश का एक राजा ( पउम ५, ४३) । सूरसावणिया, सुरपासणिया स्त्री [सूरदर्शनिका] बालक का जन्म होने पर तीसरे दिन उसको कराया जाता चन्द्र और सूर्य का दर्शन और उसके उपलक्ष्य में किया जाता उत्सव (भग ११, ११ विपा १, २) । सृरि पुं ["सूरि] स्वनामविख्यात एक जैन आचार्य (सण) 1 सेण [सेन] १ भगवान् आदिनाथ का एक पुत्र । २ एक विद्याधर राज कुमार (महा) | °सेहर [शेखर ] १ भूप - विशेष ( ती ३८ ) । २ महादेव, शिव ( पि ३६५ ) । हास पु ['हास] खड्गविशेष, तलवार से १४, ५२; गउड) । चंदपु [चन्द्र] संवत्सर-विशेष, जिसमें अधि मास न हो वह वर्षं (सुज्ज ११) । उडु पु [ऋतु] कुछ अधिक उनसठ दिनों की एक ऋतु (सुज १२) । परिवेस पु [परिवेष ] चन्द्र-परिधि ( प्र १२० ) । पहा स्त्री [प्रभा] देखो चद- पभा (विचार १२६; कुप्र ४५३ ) । वदी स्त्री [विती ] एक नगरी (मोह ८८) ।
चंद वि[चान्द्र ] चन्द्र-संबन्धी (चंद १२) । "कुल न [°कुल] जैन मुनियों का एक कुल ( गच्छ ४) ।
चंदअ देखो चंद = चन्द्र (हे २, १६४ ) | चंदइल्ल पु [दे] मयूर, मोर (दे ३, ५) ।
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पाइअसद्दमहणवो
चंदंक पु [चन्द्राक] विद्याधर वंश का एक स्वनाम - प्रसिद्ध राजा (पउम ५, ४३ ) । चंदग [चन्द्रक] देखो चंद ।
विज्झ,
"
लद्ध
['वेध्य] राधावेध 'चंदगविज्ॐ केवलसरिसं समाउपरिहीणं (संथा १२२; निचू ११) ।
चंदट्ठिआ स्त्री [दे] १ भुज, शिखर, कन्धा । २ गुच्छा, स्तबक (दे ३, ६) । चंदण पुं [ चन्दन] १ एक देवविमान (देवेन्द्र १४३) । २ रत्न की एक जाति (उत्त ३६, ७७) । ३ पुं. द्वन्द्रिय जीव-विशेष, प्रक्ष का जीव ( उत्त ३६, १३० ) ।
चंद पुंन [चन्दन] १ सुगन्धित वृक्ष-विशेष चन्दन का पेड़ (प्रासू ६) । २ न. सुर्गान्धित काष्ठ-विशेष, चन्दन की लकड़ी (भग ११, ११ हे २, १५२ ) । ३ घिसा हुआ चन्दन (कुमा) । ४ छन्द-विशेष (पिंग ) । ५ रुचक पर्वत का एक शिखर (जं) । कलस पुं [ कलश ] चन्दन-चर्चित कुम्भ, माङ्गलिक घट (प) । 'घड पुं [घट] मंगलघड़ा ( जीव ३) । बाला स्त्री [बाला] एक साध्वी स्त्री, भगवान् महावीर की प्रथम शिष्या (पडि ) । वइ पुं [पति ] स्वनाम - ख्यात एक राजा ( उप १८६ टी) । चंदणग पुंन [चन्दनक] १ ऊपर देखो । २ पं. द्वीन्द्रियजन्तु विशेष, जिसके कलेवर को जैन साधु लोग स्थापनाचार्य में रखते हैं (परह १, १३ जी १५) ।
चंदणी [चन्दना] भगवान् महावीर की प्रथम शिष्या, चन्दनवाला (सम १५२ कप्प ) । चंदणि स्त्री [दे] श्राचमन, कुल्ला। 'उयय न [° उदक] कुल्ला फेंकने की जगह ( श्राचा २, १, ६, २) ।
चंदणी स्त्री [दे] चन्द्र को पत्नी, रोहिणी; 'चंदो विय चंदणीजोगो' (महा)
चंद [चन्द्रम] चन्द्रमा, चाँद (भग) । चंदरुद्द देखो चंड-रुद्द (पंचा ११,३५) चंदवडाया स्त्री [दे] जिसका प्राधा शरीर ढका और भाषा नंगा हो ऐसी स्त्री (दे ३,७) । [चन्द्रा] चन्द्र-द्वीप की राजधानी
चंदा ( जीव ३) ।
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चंद-चंदिमाइय
चंदाअव पुं [चन्द्रातप] ज्योत्स्ना, चन्द्रिका, चन्द्र की प्रभा, चाँदनी ( से १, २७) । देखो चंदायय ।
चंदाणण पुं [ चन्द्रानन] ऐखत क्षेत्र के प्रथम जिनदेव (सम १५३ ) । चंदाणणा स्त्री [चन्द्रानना] १ चन्द्र के तुल्य प्रह्लाद उत्पन्न करनेवाली, चन्द्रमुखी । २ शाश्वती जिन-प्रतिमा विशेष (ठा १, १) । चंदाभ वि [चन्द्राभ] १ चन्द्र के तुल्य श्राहाद जनक । २ पुं. प्राठवाँ जिनदेव, चन्द्रप्रभ स्वामी ( २ ) । ३ इस नाम का एक राज कुमार ( पउम ३, ५५) । ४ न. एक देवविमान (सम १४ ) । चंद्रायण न [ चान्द्रायण] तप-विशेष, जिसमें चन्द्रमा के घटने-बढ़ने के अनुसार भोजन के कौर घटने-बढ़ाने पड़ते हैं (पंचा १९) । चंदायण न [ चन्द्रायण ] चन्द्र का छः छः मास पर दक्षिण और उत्तर दिशा में गमन (जो ११) ।
चंदायय देखो चंदाअव । १ आच्छादनविशेष, वितान, चंदवा (सुर ३, ७२ ) । चंदाला न [दे] ताम्र का भाजन- विशेष (सूम १, ४, २) ।
चंद्रावत न [ चन्द्रावर्त्त ] एक देवविमान (सम ८ ) ।
चंदाविज्भय देखो चंदग विज्झ (दि) । चंदिवि [चान्द्रिक ] चन्द्रका चन्द्र-संबन्धी ( पव १४१) । - चंदिआ स्त्री [चन्द्रिका ] चाँदनी, चन्द्र की प्रभा, ज्योत्स्ना (से ५.२; गा ७७)। चंदिकोज्जलीय वि [दे. चन्द्रिकोज्ज्वलित ] चन्द्र-कान्ति से उज्वल बना हुआ (चंद ) 1. चंदिण न [दे] चन्द्रिका, चन्द्रप्रभाः 'मेहारण दारणं चंदारण,
चंदिणं तरुवराग फलनिवहो । सप्पु रिसा विढत्तं,
सामन्नं सयललोभाणं ।।' (श्रा १० ) । चंदिम देखो चंदम (पः कप्प) । २ एक जैन मुनि ( अनु २ ) ।
चंदिमा स्त्री [चन्द्रिका ] चन्द्र की प्रभा, ज्योत्स्ना, चाँदनी (हे १, १८५ ) । चंदिमाइय न [चान्द्रिक ] 'ज्ञाता में कथा सूत्र का एक अध्ययन (राज) ।
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