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गोडी-गोमय पाइअसहमहण्णवो
३०१ गोडी स्त्री [गौडी] गुड़ की बनी हुई मदिरा, कुल-देवी (श्रा १४)। फुस्सिया स्त्री गोमाणसिया स्त्री [गोमानसिका] शय्यागुड़ का दारू (बृह २)।
| [स्पर्शिका] वल्ली-विशेष (पएण १)। कार स्थान-विशेष (जीव ३)। गोड्डु वि [गौड] १ गुड़ का बना हुआ। २ | गोत्त पुन [गोत्र] १ पूर्वज पुरुष के नाम से गोमाणसी स्त्री [गोमानसी] ऊपर देखो मधुर, मीठा (भग १८, ६)।
प्रसिद्ध अपत्य-संतति (गदि ४६; सुज्ज | (जीव ३)। गोड्ड[दे] देखो गोड (मृच्छ १२०)। १०, १६)। २ वि. वाणी का रक्षक (सूम गोमि । वि [गोमिन] जिसके पास अनेक गोण [दे] १ साक्षी (दे २, १०४)। २ | १,१३, ६)।
गोमिअ गौ हों वह, (अणुः निचू २)। बैल, वृषभ, बलीवदं (दे २, १०४; कुमा, गोत्ति वि [गोत्रिन् ] समान गोत्रवाला,
गोमिअ देखो गोम्मिअ (राज)। हे २, १७४ सुपा ५४७ प्रौपा दस ५, १ कुटुम्बी, स्वजन (सुपा १०६)।
गोमिआ[दे] देखो गोमा (अणु २१२)। पाचा २, ३, ३ उप ६०४ विपा १, १) गोत्ति देखो गुत्ति (स २४२)।
गोमिक (मा) [गौरवित] समानित (प्राकृ 'इन्न वि [वत् ] गाय वाला, गौमों का | गोत्तिअ वि [गोत्रिक] समान गोत्रवाला, १०१)। मालिक (मुपा ५४७)। °वइ पुंस्त्री [पति] | स्वजन, भाई-बंद (श्रा .७)।
गोमी स्त्री [दे] कनखजूरा, त्रीन्द्रिय जन्तुगौत्रों का मालिक, गौ वाला (सुपा ५४७)। | गोत्थुम देखो गोथुभ (इक)।
विशेष (जी १६)। गोण (शा) पुंन [गो] बैल, 'गोणो, गोणं' | | गोत्थूभा देखो गोथूभा (इक)।
गोमुह पुंगोमुख १ यक्ष-विशेष, भगवान् (प्राकृ८८)।| गोथुम, पुगोस्तूप] १ ग्यारहवें जिन
ऋषभदेव का शासन-यक्ष (संति ७)। २ एक गोण वि [गौण] १ गुण निष्पन्न, गुण-युक्त, गोथूभ ) देव का प्रथम-शिष्य (सम १५२;
अन्तर्वीप, द्वीप विशेष ! ३ गोमुख-द्वीप का यथार्थ (विपा १, २, प्रौप)। २ अप्रधान, पि २०८)। २ वेलन्धर नागराज का एक
निवासी मनुष्य (ठा ४, २)। ४ न. उपलेपन अमुख्य (प्रौप)।
प्रावास-पर्वत (सम ६६)। ३ न. मानुषोत्तर
| (दे २,६८)। गोणंगणा स्त्री [गवाङ्गना] गैया, गाय (सुपा पर्वत का एक शिखर (दीव)। ४ कौस्तुभ- गोमुही स्त्री [गोमुखी] वाद्य-विशेषः (मरण; रल (सम, १५८)।
राय)। गोणत्त । पुन [दे] वैद्य का औजार रखने
गोथभा स्त्री [गोस्तपा] १ वापी-विशेष, | गोमुही [गोमुखी] वाद्य-विशेष (राय ४६, गोणत्तय का थैला (उप ३१७; स ४८४) गोणस पुं [गोनस] सर्प की एक जाति,
अंजन पर्वत पर की एक वापी (ठा ३,३)। अणु १२८).
२ शकेंन्द्र की एक अनमहिषी की राजधानी | गोमेअ [गोमेद] रत्न की एक जाति, फरण-रहित साँप की एक जाति (पण्ह १, (ठा ४, २)।
गोमेज्ज राहुरत्न (कुमा ७०उत्त २)। १, उप पृ ४०३)। गोणा स्त्री [दे] गाय, गैया, गऊ (षड् )।
गोदा स्त्री [द गोदा] नदी-विशेष, गोदावरी | गोमेह पुंगोमेध] १ यक्ष-विशेष, भगवान् (षड् गा ६५५)।
नेमिनाथ का शासन-देव (सं ८)। २ यज्ञगोणिक पु[दे] गो-समूह, गौत्रों का समूह (दे | गोध पु [गोध] १ म्लेच्छ देश । ३ गोध
विशेष, जिसमें गौ का वध किया जाता है २, ६७ पाप)
(पउम ११, ४१)। गोणिय वि [दे] गौओं का व्यापारी (वव है)। देश का निवासी मनुष्य (राज)।
गोम्मिअपु गौल्मिक] कोतवाल, नगरगोणी स्त्री [दे] गाय, गैया (ोघ २३ भा)। गोधा स्त्री [गोधा] गोह, हाथ से चलनेवाली
रक्षक (पएह १, २)। गोण्ण देखो गोण = गौण (कप्पा पाया १,
एक साँप की जाति (पएह १, १, पाया
| गोम्ही देखो गोमी (राज)। १-पत्र ३७)।
गोन्न देखो गोण (णाया १, १६-पत्र | गोय देखो गोत्त (सम ३३; कम्म १) गोतिहाणी स्त्री [दे.गोत्रिहायणी] गोवत्सा, २००)।
"वाइ पि [वादिन] अपने कुल को उत्तम गौ की बछड़ी (तंदु ३२)।
गोपुर देखो गोउर (उत्त अभि १८५)। । माननेवाला, वंशाभिमानी (प्राचा)। गोत्त पुंगोत्र] १ पर्वत, पहाड़; (श्रा १४)।। २ न. नाम, अभिधान, आख्या (से १५,
गोप्पहेलिया स्त्री [गोप्रहेलिका] गौत्रों को गोय न [दे] उदुम्बर- गूलर वगैरह का फल १०)। ३ कर्म-विशेष, जिसके प्रभाव से
चरने की जगह (प्राजा २, १०, २)। (प्राव ६)। प्राणी उच्च या नीच जाति का कहलाता गोफणा स्त्री [५] गोफन, पत्थर फकन का | ग
गोफणा स्त्री [दे] गोफन, पत्थर फेंकने का | गोय न [गोत्र] मौन, वाक्-संयम (सूम १. है (ठा २, ४)। ४ ऍन. गोत, वंश, कुल, . अस्त्र-विशेष (राज)।
१४, २०)। वाय पु[वाद] गोत्र-सूचक जाति; 'सत्त मूलगोत्ता पएणत्ता' (ठा ७) गोमदा स्त्री [दे] रथ्या, मुहल्ला (दे २.६६)। वचन (सूअ १, ६, २७)। "क्खलियन [ स्खलित] नाम-विपर्यास, गोमाअागोमाया शृगाल. सियार.गीदड | गोयम पु गोतम ऋषि-विशेष (ठा ७)। एक के बदले दूसरे के नाम का उच्चारण गोमाउ (नाट-मृच्छ ३२०, पि १६५ २ छोटा बैल (औप)। ३ न. गोत्र-विशेष (से ११, १७)। "देवया स्त्री [देवता] | गाया १, ४; स २२६ पाप)।" (कप्पा ठा ७)
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