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पाइअसहमहण्णवो
अलय-अल्लय अलय पुं [अलक] १ बिच्छू का कांटा। अलावु देखो अलाउ (जं ३)।
अलिल्ला स्त्री [अलिल्ला] इस नाम का एक (विपा १, ६)। २ केश, धुंघराले बाल । अलावू देखो अलाऊ (पि १४१, २०१)। छन्द (पिंग)। (पापः स ६६)।
अलाह पुं[अलाभ] नुकसान, गैरलाभ; 'वव- अलीग) देखो अलिय = अलीक (सुर ४, अलया स्त्री [अलका] कुबेर की नगरी (पाम: हरमाणाण पुणो होइ सुलाहो कयावलाहो अलीय) २२३, सुपा ३००महा)। गाया १, ४)। देखो अलका । वा" (सुपा ४४६)।
अलीबहू स्त्री [अलिवधू] भ्रमरी (कुमा)। अलव वि [अलप] मौनी, नहीं बोलनेवाला अलाहि देखो अलं (उब ७२८ टी; हे २,१८६
अलीसअ स्त्री [दे] शाक-वृक्ष, साग का (सूम २,६)।
पाया १,१ गा १२७)।
| पेड़ (द १, २७)। अलवलवसह पुं[दे] घूतं बैल (षड्)। अलि पुं [अलि] भ्रमर (कुमा)। उल न अलुक्खि वि [अरूक्षिन] . कोमल (भग अलस वि [अलस] १ आलसी, सुस्त (प्रासू | [कुल] भ्रमरों का समूह (हे ४, २५३)। ११, ४)। ७)। २ मन्द, धीमा (पाप)। ३ पुं.क्षुद्र कीट- "विरुय न विरुत] भ्रमर का गुजारव अलेसि वि [अलेश्यिन] १ लेश्यारहित । विशेष, भू-नाग, वर्षाऋतु में सांप सरीखा (पान)।
२ पु: मुक्त प्रात्मा (ठा ३, ४)। लाल रंग का जो लम्बा जन्तु उत्पन्न होता है अलि पुत्री [अलि ] वृश्चिक राशि (विचार अलोग पुं [अलोक] जीव-पुद्गल आदि रहित वह (जी १५, पुष्फ २६५)।
आकाश (भग)। अलस वि [दे] १ मधुर आवाजवाला, 'खं अलिअल्ली स्त्री [दे] १ कस्तूरी । २ व्याघ्र, अलोणिय वि[अलवणिक] लूणरहित, नमकअलसं कलमं जुलं' (पास)। २ कुसुम्भ रंग से शेर (दे १, ५६)।
शून्या 'नय अलोणियं सिलं कोइ चट्टेई' रंगा हुआ । ३ न. मोम (दे १, ५२)। अलिआ स्त्री [दे] सखी (दे १, १६)। (महा)। अलस देखो कलस (से १, ६; ११, ४०; गा अलिआर न [दे] दूध (दे १, २३)। अलोय देखो अलोग (सम १)। ३६६)।
अलिंजर न [अलिअर] १ घड़ा, कुम्भ (ठा अलोभ पुं [अलोभ] १ लोभ का प्रभाव, अलसग पुं[अलसक] १ विसूचिका रोग ४, २)। २ कुंड, पात्र-विशेष (द १, ३७)। । संतोष । २ वि. लोभरहित, संतोषी (भगः अलसय ) (उवा)। २ श्वयथु, सूजन (आचा)। अलिंजरअ पुं [अलिअरक] १ घड़ा (उवा)। उव)। अलसाइअ वि [अलसायित] जिसने पालसी रंगने का कुंडा, रंग-पात्र (पास)।
अलोल वि [अलोल] अलम्पट, निर्लोभ (दस की तरह आचरण किया हो, मन्द (गा ३५२)। अलिंद न [अलिन्द] पात्र-विशेष, एक प्रकार - १० पि ८५) । अलसाय अक [ अलसाय ] आलसी होना, | का जलपात्र (ओघ ४७६)।
अलोह देखो अलोभ (कप्प)। आलसी की तरह काम करना । अलसापइ अलिंदग पुं [अलिन्दक] १ द्वार का प्रकोष्ठ | अल्ल न [दे] दिन, दिवस (दे १, ५) । (पि ५५८) । वकृ. अलसायंत, अलसाय- (स ४७६)। २ घर के बाहर के दरवाजे का माण (से १४, १: उप पू ३१५; गच्छ १)। चौक। ३ बाहर का अग्र भाग (बृह २, राज)। अल्ल अक [नम्] नमना, नीचे झुकना । अलसी देखो अयसी (आचाः षड्; हे २, अलिंदय पुंन [आलिन्दक] धान्य रखने का प्रोभल्लंति (से ६, ४३)। ११)।
पात्र-विशेष (अणु १५१)।
| अल्लई स्त्री [आर्द्रकी लता-विशेष, आद्रकअला स्त्री [अला] १ इस नाम की एक देवी अलिण पुं [दे] वृश्चिक, बिच्छू (दे १, ११)। (ठा ६)। २ एक इन्द्राणी का नाम (णाया
| अलिणी स्त्री [अलिनी] भ्रमरी (कुमा)। अल्लग देखो अल्लय = आर्द्रक (धर्म २)। २)। वडिसग न [°वतंसक अलादेवी | अलित्त न [अरित्र] नौका खेवने का डड़,
अल्लस्थ सक [उत् + क्षिप् ] ऊंचा फेंकना। का भवन (णाया २)। चप्पू (आचा २, ३ १)।
अल्लत्थइ (हे ४, १४४)। अला देखो कला (गा ६५७)।
अलिय न [अलिक] कपाल (पाय)। अल्लत्थ न [दे] १ जलाा, गीला पंखा । २ अलाउ न [अलाबु] तुम्बी फल, लौकी, तुम्बा | अलिय न [अलीक] १ मृषावाद, असत्य केयूर, भूषण-विशेष (दे १, ५४)। (ोप प्रासू १५१)।
वचन (पास)। २ वि. भूठा, खोटा; 'अलिअ- अल्लथिअ वि[उत्क्षिप्त] ऊंचा फेंका हुआ अलाऊ । स्त्री [ अलाबू ] तुम्बी-लता पोरुसालाव'-(पान)। ३ निष्फल, निरर्थक
(कुमा)। अलाबू । (कुमा; षड्)।
(पएह १, २) । वाइ वि [°वादिन] मृषा- अल्लय न आईक आदी, अदरक (जी है)। अलाय न [अलात] १ उल्मुक, जलता हुआ वादी (पउम ११, २७; महा)।
"तिय न [त्रिक] आदो, हल्दी और कचूर काष्ठ (दे १,१०७; ओघ २१भा)। २ अङ्गार, अलिल्ल सक [ कथय् ] कहना, बोलना। (जी )। कोयला (से ३, ३४)। अलिल्लह (पिंग)।
अल्लय वि [दे] परिचित, ज्ञात (दे १,१२)। अलावणी स्त्री [अलाबुवीणा] वीणा-विशेष अलिल्लह न [दे] १ छन्द विशेष का नाम। अल्लय पुं [अल्लक] इस नाम का एक (प्राकृ ३७)।
। २ वि. अप्रयोजक, नियमरहित (पिंग)। । विख्यात जैन मुनि और ग्रन्थकार, उद्योतन
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