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कालंजर-कालुसिय पाइअसद्दमहण्णवो
२३४ समय पुं [°समय] समय, वक्त (सुज कालब? न [दे. कालपृष्ठ] धनुष (दे २, कालिगी स्त्री [कालि की] संज्ञा-विशेष, बहुत ८) । 'समा स्त्री ["समा] समय-विशेष, २८)।
समय पहले गुजरी हुई चीज का भी जिससे आरक का समय (जो २) । "सार पुं कालवेसिय पुं[कालवैशिक] एक वेश्या- स्मरण हो सके वह (विसे ५०८)। [°सार] मृग की एक जाति, काला मृग; पुत्र (ती ७) ।
कालिज्ज न [कालेय हृदय का गूढ़ मांस‘एको वि कालसारो ण देइ गंतुं पयाहिणव- काला स्त्री [काला] १ श्याम-वर्णवाली । २ विशेष (तंदु)। लंतो' (गा २५)। सोअरिय पुं[सौक- तिरस्कार करनेवाली (कुमा) । ३ एक कालिम पुंस्त्री [कालिमन् श्यामता, कृष्णता, रिक स्वनाम ख्यात एक कसाई (प्राक)। इन्द्राणी, चमरेन्द्र की एक पटरानी (ठा ५, । दागीपन (सुर ३, ४४: श्रा १२)। 'गरु, गुरु, यरु न [गुरु] सुगन्धि १)। ४ वेश्या-विशेष (ती ७)।
कालिय पुं[कालिय] इस नाम का एक सर्प द्रव्य-विशेष, जो धूप के काम में लाया जाता कालाइक्कमय न [कालातिक्रमक] तप-विशेष, | (सुपा १६१)। है (णाया १,१; कप्प; औपः गउड)। यस, दिन के पूर्वार्ध तक आहार-त्याग (संबोध ५८)।
आहार-त्याग (संबोध ५८)। कालिय वि [कालिक] १ काल में उत्पन्न. "सि न [यस] लोहे को एक जाति (हे कालाकोण पॅन [काललवण] काला नोन |
काल-संबन्धी । २ अनिश्चित, अव्यवस्थितः १, २६६; कुमा, प्रातः से ८, ४६)। | या नमक (दस ३, ८)।
'हत्थागया इमे कामा कालिया जे प्रणागया' सवेसियपुत्त पुं [स्यवैशिकपुत्र] इस कालि पुं [कालिन] बिहार का एक पर्वत
(उत्त ५ करु १६)। ३ वह शास्त्र, जिसको नाम का एक जैन मुनि जो भगवान पार्श्वनाथ । (ती १३)।
अमुक समय में ही पढ़ने की शास्त्रीय प्राज्ञा की परम्परा में थे (भग)। कालिअसूरि पु[कालिकसूरि] एक प्रसिद्ध
है (ठा २, १-पत्र ४६) । दीव पुं कालंजर पुं[कालअर] १ देश-विशेष (पिंग)। प्राचीन जैन प्राचार्य (विचार ५२६)।
[द्वीप] द्वीप-विशेष (गाया १, १७---पत्र २ पर्वत विशेष (आवम) । देखो कालिंजर। कालिआ स्त्री [दे] १ शरीर, देह । २ काला- २२८)। पुत्त पुं [पुत्र] एक जैम मुनि कालक्खर सक [दे] १ निर्भर्त्सना करना, न्तर । ३. मेघ, बारिश (दे २,५८) । ४ मेघ- जो भगवान् पाश्वनाथ की परम्परा में से थे फटकारना । २ निर्वासित करना, बाहर समूह, बादल (पाप)।
(भग) । सण्णि वि [संज्ञिन] कालिकी निकाल देनाः 'तो तेणं भरिणया भजा, पिए! कालिआ स्त्री [कालिका] १ देवी-विशेष संज्ञावाला (विसे ५०६) । सुय न ["श्रुत] पुत्तो कालक्खरिया एसो, तो सा रोसेण (सुपा १८२)। २ एक प्रकार का तूफानी । दह शास्त्र जो अमुक समय में ही पढ़ा जा भरगइ तयभिमुह, मइ जीवंतीए इमं न होइ
पवन (उप ७२८ टी; गाया १, ६)। सके (णंदि) । णुओग पुं[नुयोग ता जाउ दव्वंपिः किं कजइ लच्छीए, पुत्त-कालिंग पुं[कालिङ्ग] १ देश विशेष; 'पत्तो देखो पूर्वोक्त अर्थ (भग)। विउत्तारण पिउणा पिययम ! जम्मि' (सुपा कालिंगदेसओ' (श्रा १२)। २ वि. कलिङ्ग काली स्त्री काली] १ विद्या-देवी-विशेष ३६६; ४००)। देश में उत्पन्न (पउम ६६, ५५) ।
(संति ५) । २ चमरेन्द्र की एक पटरानी कालक्खर पुंन [कालाक्षर] १ अल्प जान, | कालिंगी स्त्री [कालिङ्गी] वल्ली-विशेष, तरबूज (ठा ५, १; गाया २,१)। ३ वनस्पतिअल्प-शिक्षा; २ वि. अल्प-शिक्षित; 'कालक्ख- का गाछ (पराग १)।
विशेष, काकजङ्घा (अनु ४)। ४ श्यामवणेरदूसिक्खिन धम्मिन रे निंबकीडनसरिच्छ' | कालिंगी स्त्री [कालिङ्गी] विद्या विशेष (सूग्र | वाली स्त्री; 'सामा गायइ महुरं, काली गायइ खरं (गा ८७८)। २,२,२७)।
च रुक्खं च' (ठा ७)। ५ राजा श्रेणिक की कालक्खरिअ वि [दे] १ उपालब्ध, निर्भ- कालिंजण न [दे] तापिच्छ, श्याम तमाल का एक रानी (निर १, १)। ६ चौथी जैन सिंत । २ निर्वासितः 'तहवि न विरमइ पेड़ (दे २, २६)।
शासन-देवी (संति ६)। ७ पार्वती, गौरी दुलहो प्रणाहकुलडाए संगमे, तत्तो कालक्ख- कालिंजणी स्त्री [दे] ऊपर देखो (दे २, २६)। (पान)। ८ इस नाम का एक छंद (पिंग)। रिपो पिउणा' (सुपा ३८८); 'तो पिउणा कालिंजर पुं [कालिअर] १ देश-विशेष कालुण न [कारुण्य] दया, करुणा। वडिया कालेणं कालक्खरिपो' (सुपा ४८८)। (पिंग)। २ पर्वत-विशेष (उत्त १३) । ३ न.
स्त्री [°वृत्ति भीख मांग कर प्राजीविका कालक्खरिअ वि [कालाक्षरिक] देरी से जंगल-विशेष (पउम ५८, ६)। ४ तीर्थ
करना (विपा १, १)। अक्षर जाननेवाला, अशिक्षितः 'भो तुम्हाणं स्थान-विशेष (ती ७)।
कालुणिय देखो कारुणिय (सूप १, १, मज्झे अहं एको कालक्खरिपो' (कप्पू)। कालिंदी स्त्री [कालिन्दी] १ यमुना नदी । कालग। पुंकालक] १ प्रसिद्ध जैनाचार्य
| (पास) । २ एक इन्द्राणी, श केन्द्र की एक कालुणीय देखो कारुणिय (सून १,३,२,६)। कालय , (पुप्फ १४६७ २४०)। २ भ्रमर, पटरानी (पउम १०२, १५६) ।
कालुय पुंदे] प्राश्व की एक उत्तम जाति भौंरा (राज)। देखो काल (उवा, उप ६८६ । कालिंब [दे] १ शरीर, देह । २ मेघ, (सम्मत्त २१६)। दी)। बारिश दे २,५६)।
कालुसिय न [कालुष्य] कलुषता, मलिनता कालय वि [दे] धूर्त, ठग (दे २, २८ । कालिश देखो कालिय = कालिक (राज)। (आउ)।
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