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२१२ पाइअसद्दमहण्णवो
कंदणया-कंस कन्दगया स्त्री [क्रन्दनता] मोटे स्वर से कंदिर वि [कन्दिन् कांदनेवाला (भवि)। २ न. पंजाब देश का एक नगर (ठा १०; लिल्लाना (ठा ४,१)।
कंदी स्त्री [दे] मूला, कन्द-विशेष (दे २, १)। उप ६४८ टी)। 'पुर न [पुर नगरकंदप्प किन्दप] १ कामदेव, अनंग (पाप)। कंदु पुंस्त्री [कन्दु] एक प्रकार का बरतन, विशेष (पउम ८, १४३, उवा)। • कामोद्दीपक हास्यादिः 'कंदप्पे कुक्काए'
जिसमें माण्ड वगैरह पकाया जाता है, हाँडा कंब वि [कम्र] १ कामुक, कामी । २ सुन्दर, (पडि पाया १, १)। ३ देव-विशेष (पत्र (विपा १, ३, सूत्र १, ५)।
मनोहर (पि २६५)। ७३)। ४ काम-संबन्धी कषाय। ५ वि. काम
| कंदुअ [कन्दुक] १ गेंद (पान; स्वप्न ३९; कंब देखो कंबा। युक्त, कामी(बृह १)।
मै ६१) । २ वनस्पति-विशेष (पण्ण १)। कंबर [दे] विज्ञान (दे २, १३) ।
कंदुइअ पुं[कान्दविक] हलवाई, मिठाई कंबल पुन [कम्बल] १ कामरी, ऊनी कपड़ा कंदप्प वि [कान्दर्प] कान्दप-संबन्धी (पव बेचनेवाला (दे २, ४१, ६६३)।
(प्राचा: भग)। २ पृ. स्वनाम-ख्यात एक कंदएि वि वान्दर्पिन कामोद्दीपक, कन्दर्प
बलीबई (राज)। ३ गौ के गले का चमड़ा, | कंदुक देखो कंदुअ (सूत्र २, ३, १६)। कंदुग देखो कंदुअ (राज)।।
सास्ना, गलकंबल, लहर (विपा १, २)। का उत्तेजक (बव १)। .
कंदुट्ट न [दे] देखो कदोट्ट (पानः धर्मा ५; कंवा स्त्री [कम्बा] यष्टि, लकड़ी: “दिट्ठो कंदप्पिय [कान्दर्पिक] १ मजाक करने । __ सण)।
तजणएणं, निसूडिउं कंबधाएहिः बद्धो' (सुपा वाला भाण्ड वगैरह (प्रौपः भग)। २ भाण्ड
कंदुब्बय पुन [दे] कन्द-विशेष (सुख ३६, प्राय देवों की एक जाति (पएह २, २)। ३ ६८)।
कबि । स्त्री कम्बि, म्बी १ दर्वी, हास्य वगैरह भाण्ड कर्म से प्राजीविका कंदुय देखो कंदुइअ (कुप्र१८)।
कंबी। कड़छी । २ लीला-यष्टि, छड़ी, शोख चलानेवाला (पएण २०)। ४ वि, कामकंदोइय देखो कंदुइअ (सुपा ३८५)।
से हाथ में रखी जाती लकड़ी (उप पृ २३७)। संबन्धी (बृह)।
कंदोट्टन [दे] नील कमल (दे २, प्रामा कंबिया स्त्री [कम्धिका] पुस्तक का पुट्ठा, कंदर न [कन्दर] १ रन्ध्र, विवर (गाया १,
षड्; गा ६२२: उत्तर ११७; कप्पु भवि)। किताब का प्रावरण पृष्ठ (राय ६६)। २) । २ गृहा, गुफा (उवा; प्रासू ७३)। कंध देखो खंध = स्कन्ध (नाट; वज्जा ३६)। कंबु [कम्बु १ शङ्ख (पएह १, ४)। २ इस कंदरा। स्त्री [कन्दरा] गुहा, गुफा (से ४, कंधरा स्त्री [कन्दरा] ग्रीवा, गरदन (पाम नाम का एक द्वीप (पउम ४५, ३२)। ३ कंदरी ६ राज)। सुर ४, १६६; गरण ६)।
पर्वत-विशेष (पउम ४५, ३२)। ४ न. एक कदल कन्दल] १ अंकुर, प्ररोह (सुपा कंधार [] स्कन्ध, ग्रीवा का पीछला भाग, देव-बिमान (सम २२)। 'ग्गीव न [प्रीव] ४)। २ लता-विशेष (रणाया १,६)। . (उप पृ८६)।
एक देव-विमान (सम २२)। कंदल न [दे] कपाल (दे २, ४)।
कंप अक [कम्प] कांपना, हिलना। कंपइ कंबोय पुं[कम्बोज देश-विशेष (पउम २७, कंदलग पुं[कन्दलक] एक खुरवाला जानवर- (हे १, ३०)। वकृ. कंपंत, कंपमाण (महा; ७ स८०)।। विशेष (पराण १)।
कप्प)। कवक कंपिजत (से ६, ३८, १३, कंबोय वि [काम्बोज] कम्बोज देश में उत्पन्न कंदलिअवि [कन्दलित] अंकुरित (कुमाः ५६) । प्रयो., वकृ. कंपावित (सुपा ५६३)। (स८०)। कंदलिल Sपि ५६५)। . . कंप पुं[कम्प] अस्थैर्य, चलन, हिलन (कुमा; कभार पुं.ब. [कश्मीर] इस नाम का एक कंदली स्त्री [कन्दली] १ लता विशेष (सुपा पाउ)।
प्रसिद्ध देश (हे २, ६८ षड्)। जम्म न ६; पउम ५३, ७६)। २ अंकुर, प्ररोह; कंपड पुं[दे] पथिक, मुसाफिर (दे २, ७) [°जन्मन् ] कुंकुम, केसर (कुमा)। देखो 'दारिद्दमादलीवरणदवो' (उप ७२८ टी)। कंपण न [कम्पन] १ कम्प, हिलन (भवि)। कम्हार।। कंदली स्त्री [कन्दली] कन्द-विशेष (उत्त ३६, २ रोग-विशेष । वाइअ वि. [वातिक] कंभूर (अप) ऊपर देखो (षड्) ।
कम्प वायु नामक रोगवाला (अनु. ६)। कंस पुं[कंस] १ राजा उग्रसेन का एक पुत्र, कंदविय कान्दविक] हलवाई, मिठाई कंपि वि [कम्पिन्] कांपनेवाला (कप्पू)। श्रीकृष्ण का मातुल (पराह १, ४) । २ महादेचनेवाला (उप २११ टी)।
| कंपिअ बि [कम्पित] कांपा हुमा (कुमा)। ग्रह-विशेष (ठा २, ३-पत्र ७८)। कांसा, कविंद पुं [क्रन्देन्द्र, क्रन्दितेन्द्र] कन्दित
कंपिर वि [कम्पित] कांपनेवाला (गा ६५६; एक प्रकार की धातु (पाया १, ७-पत्र नामक देव-निकाय का इन्द्र (ठा २, ४-पत्र सुपा १५८ ; श्रा २७)।
११८) । णाभ पुं [नाभ] ग्रह-विशेष कंपिल्ल वि [कम्पवत् ] कांपनेवाला, अस्थिरः (सुज २०इक)। वण्ण पुं [वर्ण]
'निच्चमकंपिल्लं परभयाहि कंपिल्लनामपुर ग्रह-विशेष (ठा २,३-पत्र ७८)। चण्णाभ कंदिय पुंक्रन्दित] १ वारणव्यन्तर देवों की (उप ६ टी)।
पुं ["वर्णाभ] ग्रह-विशेष (ठा २, ३) । एक जाति (पएह १,४. प्रौप) । २ न. रोदन, कंपल्लि पुं [काम्पिल्य] १ यदुवंशीय राजा संहारण पुं[संहारण] कृष्ण, विष्णु माक्रन्द (उत्त २)।
अन्धकवृष्णि के एक पुत्र का नाम (अन्त ३)। (पिंग)।
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