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करअडी-करणी पाइअसद्दमहण्णवो
२२७ करग्गहलुलियो धम्मिल्लो' (गा ५४४)। २ हुआ एक खाद्य द्रव्य, दध्योदन (पाप्रा दे २, करड पुंदे] १ व्याघ्र, शेर । २ वि. कबरा, पारिण-ग्रहण, शादी (राज)। य पुं[ज] १४ सुपा १३६) ।
चितकबरा (दे २, ५५)। नख (काप्र १७२)। रुह पुन [कररुह] करंबिय वि [करम्बित] व्याप्त, खचित (सुपा करडा स्त्री दि] लट्वा--१ एक प्रकार का १ नख (हे १, ३४)। २ . नृप-विशेष ३४ गउड)।
करज वृक्ष। २ पक्षि विशेष, चटक । ३ भ्रमर, (पउम ७७, ८८)। °लाधव न ['लाघव करकंट पुं [करकण्ट] इस नाम का एक भौंरा । ४ वाद्य-विशेष (दे २, ५५): कला-विशेष, हस्त-लाघव (कप्प)। वंदण न परिव्राजक, तापस-विशेष (औप)। करडि पंकिरटिन्] हाथी, हस्ती (सुर २, [°वन्दन] वन्दन का एक दोष, एक प्रकार करकंड करकण्ड] एक जैन महषि ६६, सुपा ५०, १३६)। का शुल्क समझकर वन्दन करना (बृह ३)। (महा; पडि)।
करडी स्त्री [दे, करटी] वाव-विशेष; 'अट्टसयं करअडी। स्त्री [दे] स्थूल वन, मोटा कपड़ा करकचिय वि [ककचित] करवत आदि से करडीणं' (ज २)। करअरी (दे २, १६)। फाड़ा हुषा (अणु १५४)।
करड्यभत्त न [दे श्राद्ध-विशेष (पिंड)। करआ स्त्री [करका] करका, अोला, शिला
करकड वि [दे. ककर कर्कट] १ कठिन, करण न किरण] १ इन्द्रिय (सुर ४, २३६% वृष्टि (अच्नु ६४)। परुष (उवा)।
(कुमा)। २ आसन, पद्मासन वगैरह (कुमा)। करइल्ली स्त्री [दे] शुष्क-वृक्ष, सूखा पेड़ (दे
करकडी स्त्री [दे. करकटी] चिथड़ा, निन्दनीय ३ अधिकरण, पाश्रय (कुमा)। ४ कृति, २, १७)।
वस्त्र-विशेष, जो प्राचीन काल में वध्य पुरुष क्रिया, विधान (ठा ३, ४; सुर ४, २४५)। करंक पुं (दे. करङ्क १ भिक्षा-पात्र (दे २,
को पहनाया जाता था (विपा १, २-पत्र ५ कारक-विशेष, साधकतम (ठा ३, १; ५५; गउड)। २ प्रशोक-वृक्ष (दे २, ५५)। २४)।
विसे १६३६)। ६ उपाधि, उपकरण (प्रोष करंक पुंन [करङ्क] १ हड्डी, हाड़; 'करंकब
करकय ' [क्रकच] करपत्र, करांत, पारा ६६६)। ७ न्यायालय, न्याय-स्थल (उप पृ यभीसणे मसागम्मि' (सुपा १७५)। २ (परण १,१)।
११७) । ८ वीर्य-स्फुरण (ठा ३,१-पत्र अस्थि-पञ्जर, हाड़-पञ्जर (उप ७२८ टी)। करकर [करकर] 'कर-कर' आवाज (णाया
१०६)। ज्योतिः-शास्त्र-प्रसिद्ध बव-बालवादि ३ पानदान, पान वगैरह रखने की छोटी पेटी १, ६)। सुंठ पुंन [°शुण्ठ] तृण-विशेष
करण (सुर २, १६५)। १० निमित्त, प्रयो'तंबोलकरंवाहिणीओ' (कप्यू)। ४ हड्डियों (पएह १-पत्र ४०)।
जन (आबू १)। ११ जेल, कैदखाना (भवि)। का ढेर (सुर ६, २०३)। करकरिंग करकरिक] ग्रह-विशेष, ग्रहाधि
१२ वि. जो किया जाय वह (मोघ २, भा करंज सक [भ ] तोड़ना, फोड़ना, ठायक देव-विशेष (ठा २, ३–पत्र ७८)। ३)। १३ करनेवाला (कुमा)। हिवइ पुं टुकड़ा करना । करंजइ (हे ४,१०६)। करा देखो कारण कारण
करग देखो कारग= कारक (गदि ५०)। धिपति] जेल का अध्यक्ष (भवि) । करंज पुं[करञ्ज] वृक्ष-विशेष, करिआ (पएण करग पुं[करक] १ करका, प्रोला (श्रा २०;
साला स्त्री [शाला] न्यायालय (दस० ७० १; दे १, १३; गा १२१)। प्रोध ३४३; जी ५)। २ पानी की कलशी,
हारि० पत्र. १०८, २)। करंज पुं[दे] शुष्क-त्वक् , सूखी त्वचा (दे जल पात्र (अनु ५; श्रा १६; सुपा ३३६;
करणया स्त्री [करणता] १ अनुष्ठान, क्रिया। ३६४)। देखो करय = करक।
२ संयमानुष्ठान (णाया १, १-पत्र ५०)। करंजिअ वि [भन] तोड़ा हुआ (कुमा)।
करगय देखो करकय (स ६६६)। : करणसाला स्त्री [करणशाला] न्याय-मन्दिर करंड पुन [करण्ड] वंशाकार हड्डी (तंदु करग्गह देखो कर-गह (सम्मत्त १७३)। (दस ३, १ टी)। ३५)।
| करघायल पुं[दे] किलाट, दूध की मलाई करणि स्त्री [दे] क्रिया, कर्म (प्रणु १३७) । करंड ' [करण्ड, क १ करण्ड, (दे २, २२)।
करणि स्त्री [दे] १ रूप, आकार (दे २, ७; करंडग डिब्बा, पेटिका (पएह १, ५ करच्छोडिया स्त्री [दे] ताली, ताल (सुख २, सुपा १०५ ४७५; पाप्र)। २ सादृश्य, समाकरडय ) श्रा१४:ठा ४,४)। । १५)।
नता (प्रए)। ३ अनुकरण, नकल करना करंडिया स्त्री [करण्डिका] छोटा डिब्बा
कर दि] अपवित्र अन्न को खानेवाला (गउड)। ४ स्वीकार, अंगीकार (उप पृ (णाया १, ७, सुपा ४२८)। । ब्राह्मण (मृच्छ २०७)।
३८५)। करंडी स्त्री करण्डी] १ डिब्बा, पेटिका (श्रा करड करट] १ काक, कौआ (उर १, करगिज्ज देखो कर = कृ।
१४)। २ कुंडी, पात्र-विशेष (उप ५६३)। १४)। २ हाथी का गएड-स्थल (सुपा १३६; करगिल्ल वि [दे] समान, सश: 'मयरजमलकरंड्य न [दे] पीठ के पास की हड्डी (परह पात्र)। ३ वाद्य-विशेष (विक्र ८७)। ४ तोणीरकरणिल्लेणं पयामथोरेणं निरंतरेणं १,४-पत्र ७८)।
कुसुम्भ-वृक्ष । ५ करीर-वृक्ष । ६ गिरगिट, च ऊरुजुयलेणं (स ३१२); 'बंधूयकरगिल्लेरण करंत देखो कर = कृ।
सरट । ७ पाखंडी, नास्तिक । ८ श्राद्ध-विशेष सहावारुणेण अहरेण' (स ३१२)। करंब पुं [करम्ब दही और भात का बना . (दे २, ५५ टी)।
करणीअ देखो कर = कृ।
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