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पाइअसहमहण्णवो
अमर-अमुग अमर पुं[अमर] १ देव, देवता (पाप)। २ अमरिसिय वि [अमर्षित] १ मत्सरी, अस- तीर्थंकर देव का नाम (सम १५३)। भूय मुक्त आत्मा (औप)। ३ भगवान् ऋषभदेव हिष्ण (प्रावम; स ५६५) ।
वि [भूत अमृत-तुल्य (प्राउ)। "मेह पुं का एक पुत्र (राज)। ४ अनन्तवीर्य नामक | अमरी स्त्री [अमरी] देवी (कुमा)।
[मेघ अमृतवर्षा (जं ३) । रुइ पुं भावी जिनदेव के पूर्वजन्म का नाम (ती अमरीस '[अमरेश] इन्द्र (चेइय ३१०)। [रुचि चन्द्र, चन्द्रमा (श्रा १६)। २१)। ५ वि. मरणरहित, 'पावंति अविग्घेणं अमल वि [अमल] १ निर्मल, स्वच्छ (उव; | अमिय वि [अमित] परिमाण-रहित, असंख्य, जीवा अयरामरं ठाणं' (पडि)। कंका स्त्री सुपा ३४) । २ पुं. भगवान ऋषभदेव के एक अनन्त (भग ५, ४, सुपा ३१; श्रा २७)। [कङ्का] एक नगरी का नाम (उप ६४८ पुत्र का नाम (राज)।
गइ पुं[गति दक्षिण दिशा के एक इन्द्र टी)। केउ पुं [केतु] एक राजकुमार अमला स्त्री [अमला] शक की एक अग्र- का नाम, दिक्कुमारों का इन्द्र (ठा २, ३)। (दस) । गिरि पु [गिरि मेरु पर्वत (पउम महिषी का नाम, इन्द्राणी-विशेष (ठा ८)। । जस [यशस्] एक चक्रवर्ती राजा का ६५, ३७)। गेह न [गेह] स्वर्ग (उप अमवस्सा देखो अमावस्सा (पंचा १६, नाम (महा)। गाणि वि [ज्ञानिन्] १ ७२८ टी)। चन्दण न [°चन्दन] १ हरि- २०)।
सर्वज्ञ (विसे)। २ ऐवत क्षेत्र के एक जिनचन्दन वृक्ष । २ एक प्रकार का सुगन्धित काष्ठ अमाइवि [अमायिन्] निष्कपट, सरल देव का नाम (सम १५३) । तेय पुं (पास) । तर पुं [तरु] कल्पवृक्ष (सुपा अमाइल (प्राचा ठा १०द्र ४७)। ["तेजस्] एक जैन मुनि का नाम (उप ४४)। दत्त पुं [ दत्त एक श्रेष्ठि-पुत्र का अमाघाय देखो अमग्घाय (उवा)।
७६८ टी)। बल पुं[बल] इक्ष्वाकु वंश के नाम (धम्म)। नाह पुं [°नाथ] इन्द्र (पउम अमाण वि [अमान] १ गवरहित, नम्र
एक राजा का नाम (पउम ५,४)। वाहण पुं १०१, ७५)। पुर न [पुर] स्वर्ग (पउम
(कप्प)। २ असंख्य, 'ठारगट्ठाणविलोइज्जमा- [ वाहन] दिक्कुमार देवों के एक इन्द्र का २,१४) । पुरी स्त्री [पुरी] स्वर्गपुरी, अमणमारणोसहिसमूहों (उब ६ टी)।
नाम (ठा २, ३) । वेग पुं["वेग] राक्षस रावती (उप पृ १०५)। पभ पु[प्रभ]
अमाय वि [अमात] नहीं समाया हुआ; वंश के एक राजा का नाम (पउम ५, २६१)। वानर-द्वीप का एक राजा (पउम ६, ६६)।
'सुसाहुवग्गस्स मणे प्रमाया' (सत्त ३५)। सिणिय वि [°ासनिक] एक स्थान पर 'वइ पुं[पति] इन्द्र (पउम १०१, ७०% अमाय वि [अमाय] निष्कपट, सरल (कप्प)। नहीं बैठनेवाला, चंचल (कप्प)। सुर १, १)। वहू स्त्री [वधू ] देवी | अमायि देखो अमाइ (भग)।
अमिल न [दे] ऊन का बना हुआ वस्त्र (श्रा (महा)। सामि पुं[स्वामिन् ] इन्द्र अमारि स्त्री [अमारि] हिंसा-निवारण, जीवित
१८) । २ पुं. मेष, भेड़ (प्रोष ३६८)। (विसे १४३६ टी)। सेण पुं[सेन १ दान (सुपा ११२)। बोस पुं[घोष
अमिल वि [दे. आमिल] अमिल देश में एक राजा का नाम (दंस)। २ एक राजअहिंसा की घोषणा (सुपा ३०६)। पडह पुं
बना हुआ (प्राचा २, ५, १, ५)। कुमार का नाम (णाया १, ८)। लय त्रि [पटह] हिंसा-निषेध का डिण्डिम, 'अमा
अमिला स्त्री [अमिला] १ बीसवें जिनदेव [लय] स्वर्ग, 'चविउममरालयाए' (उप रिपडह च घोसावेइ' (रयण ६०)।
की प्रथम शिष्या (सम १५२)। २ पाड़ी, ७२८ टी सुपा ३५)। "बई स्त्री [विती]
छोटी भैंस (बृह १)। अमावसा । स्त्री [अमावास्या तिथि. १ देव-नगरी, स्वर्ग-पुरी (पान)। २ मयं
अमावस्सा विशेष, अमावस (कपः सपा मिलाण) वि [अम्लान] १ म्लानलोक को एक नगरी, राजा श्रीसेन की अमावासा ) २२६; रणाया १, १०चंद
अमिलाय रहित, ताजा, हृष्ट (सुर ३,६५ राजधानी (उप ६८६ टी)।
भग ११,११)। २. कुरएटक वृक्ष । ३ न. अमरंगणा स्त्री [अमराङ्गना] देवी (था अमिज वि [अमेय] माप करने के लिए | कुरण्टक वृक्ष का पुष्प (दे १,३७)। २७)। अशक्य, असंख्य (कप्प)।
अमु स [ अदस् ] वह, अमुक (पि ४३२) । अमरिंद पुं[अमरेन्द्र देवों का राजा, इन्द्र अमिझ न [अमेध्य] १ अशुचि वस्तु 'भरि- अमुअ स [अमुक] वह, कोई, अमका-ढमका (भवि)।
यममिज्झस्स दुरहिगंधस्स' (उप ७२८ टी)। (मोघ ३२ भा; सुपा ३१४)। अमरिस पुं[अमर्ष १ असहिष्णुता (हे २, २ विष्ठा (सुपा ३१३) ।
अमुअ देखो अमय = अमृत (प्रासू ५१ गा १०५) । २ कदाग्रह (उत्त ३४)। ३ क्रोध, अमित्त पुंन [अमित्र] रिपु, दुश्मन (ठा,
९७६)। गुस्सा (पराह १, ३, पान)। ४,४; से ५, १७)।
अमुअ देखो अमय = अमय (काप्र ७७७)। अमरिसण न [अमर्षण] १-३ ऊपर
अमिय देखो अमय = अमृत (प्रासू गा| अमुअ वि [अस्मृत] स्मरण में नहीं पाया देखो। ४ वि. असहिष्णु; क्रोधी (पएह १,४)।
२. विसे; आवमः पिंग)। कुंड न ["कुण्ड हुआ (भग ३, ६)। ५ सहिष्णु, क्षमाशील (सम १५३)। नगर विशेष का नाम (सुपा ५७८)। गइ अमुइ वि [अमोचिन्] नहीं छोड़नेवाला अमरिसण वि [अमसूण उद्यमी, उद्योगी स्त्री [गति] एक छन्द का नाम (पिंग)। (उव)। (सम १५३)।
णाणि [ज्ञानिन] ऐरवत क्षेत्र के एक अमुग देखो अमुअ = अमुक (कुमा)।
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