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पाइअसद्दमहण्णवो
अणुवजीवि-अणुवालण अणुवजीवि वि [अनुपजीविन्] १ अना- अणुबत्तणा स्त्री [अनुवर्त्तना] ऊपर देखो अणुवह न [अनुपथ] पीछे, 'कुमराणवहेण श्रित । २ आजीविका-रहित (पंचा १५)।। (उवर १४८)।
सो लग्गो ' (उप ६ टी) । अणुवजुत्त वि [अनुपयुक्त] असावधान, | अणुवत्तय देखो अणुवत्तगः 'अन्नमन्नच्छंदाणु- अणुवहण न [अनुवहन] वहन, 'तवोवहाणंख्याल-शून्य (अभि १३१) । वत्तया' (णाया १, ३)।
सुयाणमणुवहणं' (ध्रु १३५) । अणुवज सक [गम् ] जाना। अणुवजइ (हे अणुवत्ति स्त्री [अनुवृत्ति १ अनुसरण (स | अणुवह्य वि [अनुपहत] अविनाशित ४, १६२)
| ४५६) । २ अनुकूल प्रवृत्ति । ३ अनुगम (विसे | अणुवज्ज सक [दे] सेवा-शुश्रूषा करना (दे ७०५)।
| अणुवहुआ स्त्री [दे] नवोढ़ा स्त्री, दुलहिन (दे अणुवत्ति वि [अनुवतिन् ] अनुकूल प्रवृत्ति | अणुवजण न [दे] सेवा-शुश्रूषा (दे १,४१)। करनेवाला, भक्त, सेवकः ।
अनुवाइ वि [ अनुपातिन् ] १ अनुसरण अणुवजिअ वि [दे] जिसकी सेवा-शुश्रुषा | 'तुह चंडि ! चलणकमलाणुवत्तिणो कह करनेवाला (ठा)।२ सम्बन्ध रखनेवाला की गई हो वह (दे १, ४१) ।
ण संजमिजंति ।M (सम १५)। अणुवजिअ वि [दे] गत, गया हुआ (दे सेरिहवहसंकियमहिसहीरमाणेण व जमेण' अणुवाइ वि [ अनुवादिन् ] अनुवाद करने
(गउड)।. वाला, उक्त अथं को कहनेवाला (सूत्र १, अणुवट्ट देखो अणुवत्त = अनु + वृत्। कृ. | अणुवत्ति वि [अनुवतिन् ] ऊपर देखो | १२ सत्त १४ टी। अणुवट्टणीअ (नाट)। (धर्भवि ५२; मोह १०२)।
अणुवाइ वि [अनुवाचिन् ] पढ़नेवाला, अणुवट्टि देखो अणुवत्ति = अनुवतिन् (विसे | अणुवम वि [अनुपम] उपमा-रहित, बेजोड़, अभ्यासीः 'संपुन्नबीसवरिसो अणुवाई सव्वसु२४१७)। अद्वितीय (श्रा २७)।
तस्स' (सत्त १४ टी)। भणुवड सक [अनु + पत् ] अभिन्न होना। अणुवमा स्त्री [अनुपमा] एक प्रकार का खाद्य |
अणुवाएज वि [अनुपादेय] ग्रहण करने अणुवडइ (उवर ७१)। द्रव्य (जीव ३)।
के अयोग्यः (प्रावम)। अणुवडिअ वि [अनुपतित पीछे गिरा हुआ | अणुवमिय वि [अनुपमित] देखो अगुवम अणुवाद देखो अणुवाय = अनुवाद (बिसे (हम्मीर ५०)। (सुपा ६८)
३५७७) । अणुवत्त सक [अनु + वृत्] १ अनुसरण
अणुवय देखो अणुव्वय (पउम २, ९२) अणुवादि देखो अणुवाइ = अनुपातिन् (उत्त करना। २ सेवा-शुश्र षा करना। ३ अनुकूल
अणुवय सक [अनु + वद् ] अनुवाद करना, बरतना। ४ व्याकरण आदि के पूर्व सूत्र के
कहे हुए अर्थ को फिर से कहना । वकृ. अणु- अणुवाय पुं[अनुपात १ अनुसरण (पएरण पद का, अन्वय के लिए नीचे के सूत्र में वयमाण (प्राचा) .
१७) । २ संबन्ध, संयोग (भग १२, ४)। जाना। प्रणवत्तइ (स ४२)। वकृ. अणुक्त, | अणुवरय वि [अनुपरत] १ असयत, अनि- ३ अागमन (पंचा ७) । अणुवतंत, अणुवत्तमाण (प्रातः विसे ग्रही (ठा २, १)। २ क्रिवि. निरन्तर. हमेशा अणुवाय पुं [अनुवात] १ अनुकूल पवन ३५६८) नाट)। कृ. अणुवट्टणीअ, अणु- (रयण २५) ।।
(राय) । २ वि. अनुकूल पवन वाला प्रदेशवत्तणीअ,अणुवत्तियव्व (नाट; उप १०३१ अणुवलद्धि स्त्री [अनुपलब्धि] १ अभाव,
स्थान (भग १६, ६) टी)। अप्राप्ति। २ अभाव-ज्ञानः 'दुविहा अणुवलद्धीउ
अणुवाय वि [अनुपाय] उपाय-रहित, निरुअणुवत्त वि [अनुवृत्त] अनुत्पन्न (पिंड (विसे १६८२) ।
पाय (उप पृ १४)। अणुवलब्भमाण वि [अनुपलभ्यमान] जो
अणुवाय पुं [अनुवाद] अनुभाषण, रक्त बात अणुक्त्त वि [अनुवृत्त] १ अनुसृत, अनुगत। उपलब्ध न होता हो, जो जानने में न प्राता
को फिर से कहना (उवाः दे १, १३१)।। २ अनुकूल किया हुआ । ३ प्रवृत्त (वव २)। हो (दसनि १)
अणुवायण न [अनुपातन अवतारण, उताअणुवत्तग वि [अनुवर्तक] अनुकूल प्रवृत्ति अणुवलेवय वि [अनुपलेपक] उपलेप-रहित,
रना (धर्म २)। करनेवाला, सेवा करनेवाला (उव)। अलिप्त (पएह १,२)।
अणुवायय वि [अनुवाचक] कहनेवाला, अणुवत्तग वि [अनुवर्तक] अनुसरण-कर्ता अणुवसंत वि [अनुपशान्त] प्रशान्त, कुपित |
अभिधायक, 'पोसहसद्दो रूढीए एत्थ पव्वाणु(सूत्र १, २, २, ३२)। (उत १९)।
वायत्रो भणियो' (सुपा ६१९)। अणुवत्तण न [अनुवर्त्तन] १ अनुसरण (स अणुवसम पुं[अनुपशम] उपशम का प्रभाव | अणुवाल देखो अणुपाल । वकृ. अणुवालेत २३६) । २ अनुकूल प्रवृत्ति (गा २६५)। ३ (उव) ।।
(स २३) । संकृ. अणुवालिऊण (स १०२)। पूर्व सूत्र के पद का अन्वय के लिए नीचे के अणुवसु वि [अनुवसु] रागवाला, प्रीतिवाला अणुवालण न [अनुपालन] रक्षण, परिपालन सूत्र में जाना (विसे ३५६८)। (माचा)
(प्राचा)।
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