Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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भद्रबाहु संहिता
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गुड़ का भाव भी कुछ महँगा रहता है। इन वस्तुओंकी फसल भी कमजोर ही रहती है। षष्ठी विद्ध पञ्चमी को उल्कापात हो तो फसल अच्छी उत्पन्न हो है। सप्तमी विद्ध षष्ठीको मध्यरात्रिके कुछ ही बाद उल्कापात हो तो फसल हल्की होती है। दाल, गेहूँ, बाजारा, और ज्वार की उपज कम ही होती है। अष्टमी विद्ध सप्तमी को रात्रिके प्रथम प्रहरमें उल्कापात हो तो अतिवृष्टिसे फसल को हानि, द्वितीय प्रहर में उल्कापात हो तो साधारणतया अच्छी वर्षा, तृतीय पहरमें उल्कापात हो तो फसलमें कमी, और चतुर्थ प्रहर में उल्कापात हो तो गेहूँ, गुड़, तिलहन की खूब उत्पत्ति होती है। नवमी विद्ध अष्टमीको शनिवार या रविवार हो और इस दिन उल्कापात दिखलाई पड़े तो निश्चयत: चनेकी फसल में क्षति होती है। दशमी, एकादशी और द्वादशी तिथियाँ शुक्रवार या गुरुवार को हों और इनमें उल्कापात दिखलाई पड़े तो अच्छी फसल उत्पन्न होती है। पूर्णमासीको लाल रंग या काले रंगका उल्कापात दिखलाई पड़े तो फसल की हानि; पीत और श्वेत रंगका उल्कापात दिखलाई पड़े तो श्रेष्ठ फसल एवं चित्र-विचित्र वर्णका उल्कापात दिखलाई पड़े तो सामान्यरूप से अच्छी फसल उत्पन्न होती है। होलीके दिन होलिकादाह से पूर्व उल्कापात दिखलाई पड़े आगामी वर्ष फसल की कमी और होलीकादाहके पश्चात् उल्कापात नीले रंगका या विचित्र वर्णका दिखलाई पड़े अनेक प्रकार से फसल को हानि पहुँचती है।
वैयक्तिक फलादेश-सर्प और शूकरके समान आकारयुक्त शब्द सहित उल्कापात दिखलाई पड़े तो दर्शकको तीन महीनके भीतर मृत्यु या मृत्युतुल्य कष्ट प्राप्त हो है। इस प्रकारका उल्कापात आर्थिक हानि भी सूचित करता है। इन्द्रधनुषके आकार समान उल्कापात किसी भी व्यक्तिको सोमवारकी रात्रिमें दिखलाई पड़े तो धन हानि, रोगवृद्धि, सम्मानकी वृद्धि तथा मित्रों द्वारा किसी प्रकार की सहायताकी सूचक; बुधवारकी रात्रिमें उल्कापात दिखलाई पड़े तो वस्त्राभूषणों का लाभ, व्यापारमें लाभ और मन प्रशन्न होता है; गुरुवारकी रात्रिमें उल्कापात इन्द्रधनुष के आकार का दिखलाई पड़े व्यक्तिको तीन मासमें आर्थिक लाभ, किसी स्वजनको कष्ट, सन्तानकी वृद्धि एवं कुटुम्बियों द्वारा यशकी प्राप्ति होती है; शुक्रवारको उल्कापात उस आकारका दिखलाई पड़े तो राज-सम्मान, यश, धन एवं मधुर पदार्थ भोजनके