Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त रेखा ज्ञान
जब रेखा बीच में टूटी हो तो खुशी पूर्ण गृहस्थ में हानि पहुँचाती है। (Break
Cup) |
जब स्वयं शादी की रेखा या उसकी कोई शाखा हाथ में सूर्य रेखा की ओर जाती हों या उससे मिल जाती हों तो उस रेखा को रखने वाला एक धनी तथा उच्च जाति में शादी करता है (6 चित्र 18 ) |
जबकि ऊपर लिखित रेखा नीचे की ओर झुकी हो और सूर्य की रेखा को काटती हो तो वह मनुष्य शादी करने से अपनी इज्जत (Position) घटाता है।
जब बुद्ध के उभार से कोई रेखा शादी की रेखा में आकर मिले तो उस मनुष्य को शादी करने में बहुत रुकावटें होगी किन्तु यदि शादी की रेखा अच्छी हो तो वे मुसीबत तथा रुकावटें दूर हो जावेगी। जब कि शादी की रेखा से ऊपर कोई और हल्की सी रेखा हो तो वह उस मनुष्य के जीवन में शादी के पश्चात् कुछ प्रभाव बतलाती है।
शुक्र के उभार से गुजरने वाली सभी रेखायें (6 चित्र 17 ) जो शादी की रेखा की ओर जाती है वे शादी में दखल देने वाली होती है। ये रेखायें यदि भाग्य रेखा को पार कर जाती है। तो उन रुकावटों की तिथि बदलती है जब ये शुक्र से आती है तो झगड़ा उत्पन्न करती है मंगल से आने वाली चिड़चिड़ापन लेकिन बहुत गम्भीर तथा गहन स्वभाव का नहीं ( 7 चित्र 17 ) । मंगल के उभार पर भाग्य रेखा पर प्रभाव डालने वाली रेखायें और दूसरे चिह्न जो शादी के सम्बन्ध में कुछ अर्थ रखते है।
विद्यार्थीयों को उन मनुष्यों की शादी, जिनका हाथ उसने निम्नलिखित बातों से देखा हैं, के बारे में बतलाने में अधिक मदद देगी।
अच्छी सुन्दर रेखायें भाग्य रेखा को छूती हो तो वह मनुष्य भाग्य के प्रभाव में आ जाता हैं ( 7 चित्र 18 ) |
यह प्रभावशाली रेखा जहाँ पर वह भाग्य रेखा से मिलती हैं बहुत मजबूती हो और यदि बुद्ध के उभार पर शादी की रेखा भी स्पष्ट हो तो शादी की तारीख बिल्कुल ठीक-ठीक बताई जा सकती है और वह वर्ष उस स्थान का होगा जहाँ पर ये रेखा भाग्य रेखा मिलती है।
इन प्रभावशाली रेखाओं को भाग्य के सम्बन्ध में पढ़ने से एक बहुत बड़ा खजाना विस्तारपूर्वक हो जायेगा ।