Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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हस्त रेखा शान
तथा भावुकता को छिपाने एवं हर एक वस्तु को उस कार्य की अग्नि में झोंकने की जिसको कि पूरा करना है।
शुक्र रेखा या अन्दर की जीवन रेखा शुक्र रेखा के अन्दर की ओर मंगल के ओर उभार को घेरती हुई जाती हैं तथा बहुत कम हाथों में पाई जाती है।
वह रेखा जो शुक्र के उभार से आरम्भ होती है। तथा जिस पर उसका नाम पड़ा है। यदि साफ तथा मजबूत है। तो यह जीवन रेखा का समर्थन तथा उसको भी सहारा देती है (४-४ चित्र १०) यह बहुत अधिक चैतन्यता तथा बहुत .. कम हार्थों पर पाई जाती है।
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चित्र सरन्यायह सैनिक के हाथ पर बहुत ही अच्छा चिह्न हैं। या उन मानवों के हाथों पर जो कि खतरे का काम करते हैं। जीवन रेखा पर टुकड़े तथा बुरे निशानों का प्रभाव इस शुक्र रेखा से कम हो जाता है।