Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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कर हस्त रेखा ज्ञान
नहीं रुकते है । वे सब कट्टर शत्रु तथा कृतघ्न हो सकते है तलवार के उत्तर में जहर उनका विशेष हथियार है।
सारे (Negative) शुक्र वाले मनुष्य एक गुप्त आकर्षण शक्ति रखते है जो दूसरों के साथ में वे न जानते हुये व्यवहार में लाते है स्वभाविक कृत्रिम निन्दा (Hypnotism) के बुलाने वाले तथा विचारों को पढ़ने वाले होते है और गुप्त सभाओं तथा जादू की ओर झुके रहते हैं। जब बहुत ही उन्नत सतह पर होते है तो वे आश्चर्यजनक शक्तियाँ दूसरों की भलाई के लिये काम में लाते हैं और विशेषकर जब वे दवाईयाँ विज्ञान का कार्य करती है ।
प्राय: (Negative) शुक्र के मनुष्य बहुत धाराओं वाले (Many sided) होते है और किसी विशेष जीवनधारा में रखना बहुत ही मुश्किल हो जाता है यदि मस्तक रेखा अच्छी है तो मानसिक दुविधा में कोई ऐसी चीज नहीं जिसमें की वे सफल ना हो सके यह देखा गया है कि ऐसे मनुष्य बहुत कम इन बातों को चलाते है जिनको की इन्होंने प्रथम स्वीकार किया था और अपने जीवन में ये अपनी धारा को बहुत ही बार बदलते है।
इसका सबसे बुरा अवगुण यहीं है कि ये जिस मनुष्य तथा वातावरण के संसर्ग में आते है उसे शीघ्रता से अपना लेते है। यदि वे बुरे मनुष्य के साथ पड़ जाते हैं तो वे अपने को अपने साथियों जैसा ही बना लेते हैं और यदि अच्छे मनुष्यों के संसर्ग में आ जाते हैं तो कुछ उनमें अच्छाइयाँ होती है। उनकी उन्नति कर लेते है ।
ऐसे मनुष्य की दो प्रकृतियाँ होती है नीच प्रकृति में कोई भी जाति इनसे अधिक घातक दुष्ट नहीं होती है अपना सर्वनाश तथा अपने को घायल कर डालते है और उच्च प्रकृति के समय शायद ही कोई ऐसी जाति होगी जो बाज के समान उच्च प्रकृति की होगी या सांसारिक बंधनों से मुक्त होगी ।
Negative शुक्र वाले मनुष्य विशेषकर जब युवा होते हैं तो ध्यानपूर्वक अच्छी संगति बनानी चाहिये और उन्हें विशेषकर सूचना दी जाती है कि उन्हें अपनी जाति (Sex) को काबू में रखना चाहिये तथा बुरी पुस्तकों और बुरे मनुष्यों से बचना चाहिये ।