Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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कर हस्त रेखा ज्ञान
अब हम इन दोनों स्थितियों का प्रभाव देखेंगे जो कुछ ये मनुष्य के स्वभाव पर रखते हैं।
शुक्र का प्रथम उभार शुक्र का प्रथम उभार जीवन-रेखा के विकास के स्थान पर हैं और विशेषकर जब मनुष्य के घर में (मार्च 21 से अप्रैल 21) और सीधेतौर पर 28 अप्रैल तक पैदा होता हैं तो वह मनुष्य फौजी ताकत रखता हैं जोकि जीवन के हर काम में उसकी प्रवृत्ति पैदा करती हैं या तो मनुष्य हर तरह से लड़ाकू होते हैं वे अपने कामों में थोड़ा बहुत बिल्कुल भी काबू नहीं रखते, वे हर एक क्षेत्र में नेता ही होना चाहते हैं और प्राय: देखा जाता है कि वे व्यापार में नेता तथा और कार्यों में बड़े उत्तरदायित्व भी लेते है वे विचारों तथा लक्ष्य की दृढ़ता रखते हैं वे सारी आलोचना की परवाह नहीं करते हैं वे अपने विचारों में कट्टर व रूढ़िवादी होते हैं और बहुत कम दूसरों की राय पूछते हैं अपने कार्यों को अपनी राय से करते है और जैसा कि वे सोचते केवल उनका ही रास्ता सच्चा है और दूसरों के तनिक दे दखल को भी बदाश्त नहीं कर सकते और अपने दोस्तों को जो कि उन्हें विचारों से बदलना चाहते है, से लड़ पड़ते है केवल दया, धैर्य, युक्ति व प्रेम से ही वश में आते हैं और उनके साथ तनिक सा झगड़ा भी उन्हें लड़ाई के लिये तैयार कर लेता है उनका स्वभाव बहुत ही तेज होता है साथ ही साथ जल्दी ही दूर हो जाता है और क्रोध की आँधी दूर हो जाने पर बुरे शब्दों के कहने आदि के लिये पश्चात्ताप करते है। ये मनुष्य प्राय: अच्छे स्वभाव के तथा दयालु होते है। लेकिन अपने हर एक कार्य में प्रभावाली रहते हैं उनका सबसे बड़ा अवगुण तथा आत्म काबू की कमी है जब तक कि मस्तक रेखा लम्बी व अच्छी नहीं होती है वे इस प्रकार की मुश्किलों व खतरों में घुस जाते हैं और अक्सर अवसर को खो देते है वे नेतृत्व की शक्तियों को खराब कर डालते वे मनुष्य प्राय: अपने ग्रहस्थ जीवन तथा प्रेम में सफल नहीं होते वे मुश्किल से ही ऐसी स्त्री से मिलते हैं जो उनको समझ सके। और भाग्यवश यदि वे अपनी स्त्री का सामना करने से बच जाते है तो बच्चों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य में वे बुखार तथा खून
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