Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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कर हस्त रेखा ज्ञान
रहेगी कब वह समाप्त होगी और फलस्वरूप बहुत वर्ष पहले ही हाथ पर निशान आ जाते हैं स्वास्थ्य रेखा सबसे अधिक परिवर्तनशील हैं यह जीवन के उतार-चढ़ाव का मापक यन्त्र हैं मैंने यह विचित्र रेखा जीवन के प्रारम्भिक वर्षों में गहरी तथा मजबूत देखी है किन्तु जैसे-जैसे स्वास्थ्य अच्छा होता जाता हैं कि यह रेखा जैसे-जैसे स्वास्थ्य सुधरता रहता है या जब वह मनुष्य अपनी मानसिक शक्तियों से बहुत अधिक कार्य करता हैं तो गहरी तथा स्पष्ट हो जाती हैं इस लाइन का कम होना ही अच्छा हैं इसका न होना मजबूत गठन शरीर संचालन की अच्छी दशा (Good Nervous System) बतलाती हैं यदि यह हृदय रेखा से एक शाखा के समान निकले
दिर्शक
आचार्य श्री सुविधिसा
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चित्र संख्या - 19 भागा
चित्र संख्या- 19 भाग 2